2 youths died in road accident: देर रात हुए भीषण हादसे में दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। स्कूटी पर सवार दोनों युवक सड़क किनारे खड़े ट्रक से टकरा गए, जिससे उनकी जान चली गई।
जांजगीर-चांपा। Road Accident: छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में सड़क हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिले के पामगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम कुटरा में देर रात हुए भीषण हादसे में दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। स्कूटी पर सवार दोनों युवक सड़क किनारे खड़े ट्रक से टकरा गए, जिससे उनकी जान चली गई।
जानें कैसे हुआ हादसा
मिली जानकारी के अनुसार, हादसा देर रात हुआ जब दोनों युवक स्कूटी से कहीं जा रहे थे। ग्राम कुटरा के पास सड़क किनारे एक ट्रक खड़ा था। अचानक तेज रफ्तार से आ रही स्कूटी अनियंत्रित होकर ट्रक से जा टकराई। टक्कर इतनी भीषण थी कि दोनों युवकों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। घटना की जानकारी मिलते ही आसपास के लोग इकट्ठा हुए और तुरंत पुलिस को सूचना दी।
सूचना मिलते ही पामगढ़ थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। वहीं, जैसे ही यह खबर गांव में पहुंची मृतकों के परिजनों के बीच कोहराम मच गया। परिजन और परिजन के रिश्तेदार रो-रोकर बेहाल हैं।
2 youths died in road accident: मृतकों की पहचान
पुलिस ने जिन युवकों की मौत हुई उनकी पहचान इस प्रकार की है –
- प्रहलाद कश्यप (पिता – राजकुमार कश्यप), उम्र 18 वर्ष, निवासी ग्राम कुटरा
- सुमित कश्यप (पिता – नरेंद्र कश्यप), उम्र 17 वर्ष, निवासी ग्राम कुटरा
दोनों युवक एक ही गांव के बताए जा रहे हैं। हादसे ने पूरे गांव को गहरे सदमे में डाल दिया है।
छत्तीसगढ़ में बढ़ते सड़क हादसे चिंता का विषय
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में सड़क हादसों का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। परिवहन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में हर घंटे औसतन दो लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हो रही है। वर्ष 2001 राज्य निर्माण के बाद 7,480 सड़क हादसे दर्ज हुए, जिनमें 1,303 लोगों की मौत हुई थी। वर्तमान समय में सड़क दुर्घटनाओं और मौतों का आंकड़ा दोगुना हो चुका है।
पहले संक्षेप में ये आंकड़े देखिए
- वर्ष – दुर्घटनाएँ – मृतक – घायल – मृत्यु दर (%)
- 2001 – 7,480 – 1,303 – 6,674 – 17.42%
- 2012 – 13,511 – 3,165 – 13,517 – 23.43%
- 2024 – 14,857 – 6,944 – 12,485 – 46.74%
मुख्यमंत्री और मंत्रियों की गाड़ी भी शिकार
छत्तीसगढ़ में सड़क पर अतिक्रमण और सड़क पर जानवरों का होना आम बात है। आम लोगों की बात छोड़ दीजिए, खास लोग भी इससे बच नहीं पाते हैं। मुख्यमंत्री और मंत्रियों की गाड़ियां भी हादसे का शिकार हो चुकी है।
हाईकोर्ट ले चुकी है संज्ञान
प्रदेश की सड़कों को लेकर बिलासपुर हाईकोर्ट संज्ञान ले चुका है। कई जनहित याचिकाओं की सुनवाई पर सरकार को बुलाया जा चुका है। इसे लेकर के छत्तीसगढ़ के डायरेक्टर जनरल पुलिस ने हाईकोर्ट में हलफनामा दायर किया था और यह कहा था कि सड़कों पर से जल्द ही मवेशियों को हटाया जाएगा। 10 जुलाई 2025 को एक बार फिर बिलासपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिंह ने स्वतः संज्ञान लिया था।
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिंह ने कहा था कि सड़कों की जो हालात है और जिस तरीके से मवेशी सड़क पर हैं सरकार का इस पर कोई ध्यान नहीं है, जितने राष्ट्रीय राजमार्ग हैं उनकी जो स्थिति है वह भी दयनीय है। सरकार का काम अगर कोर्ट करेगी तो यह बात ठीक नहीं है। इस बात उन्होंने एडवोकेट जनरल को बुलाकर पूरे मामले को देखने के लिए कहा। यह भी कहा कि, सड़कों के निर्माण पर सरकार को ज्यादा ध्यान देना चाहिए।