Water Crisis: बलरामपुर रामानुजगंज जिले की प्रमुख जीवनदायनी माने जाने वाली कन्हर नदी में बने एनिकट का गेट अचानक खुल गया, जिससे स्टोर किया गया पानी बहकर निकल गया। यह छत्तीसगढ़ एवं झारखंड दोनों राज्यों के लिए वरदान थी।
बलरामपुर। Water Crisis: बलरामपुर जिले के रामानुजगंज की जीवनदयानी कहे जाने वाली कनहर नदी में बने एनिकट का गेट अचानक खुल गया, जिससे स्टोर किया गया पानी बहकर निकल गया। बता दें कि छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा पर बहने वाली नदी रामानुजगंज वासियों के लिए वरदान से कम नहीं है, लेकिन पानी बह जाने की वजह से शहर वासियों की चिंता बढ़ गई है।
दरअसल, कन्हर एनीकट (Kanhar River) का गेट खराब होने के कारण तेजी से पानी निकल रहा है। बीते 3 दिनों के अंदर ही एनीकट आधा से अधिक खाली हो गया। यही स्थिति रही तो दो-तीन दिनों में एनीकट सूख जाएगा। लोगों को जैसे ही पानी खाली होने की जानकारी मिली, तो बड़ी संख्या में मछली पकड़ने वालों की भीड़ वहां उमड़ पड़ी।
Water Crisis: 25 हजार आबादी की बढ़ी परेशानी
नगर पालिका की जलप्रदाय व्यवस्था पूर्णत: कन्हर नदी पर आश्रित है। ऐसे में नदी का सूख जाना निश्चित रूप से नगर को जल संकट की ओर अग्रसर कर रहा है। इस घटना के बाद शहर में जल संकट गहराने की आशंका जताई जा रही है। करीब 25 हजार की आबादी को पेयजल आपूर्ति इसी स्रोत से की जाती है। लेकिन देखना यही है कि क्या इस भीषण गर्मी में शहर वासियों को पर्याप्त पानी मिल पाता है या उन्हें पानी के लिए मुसीबत का सामना करना पड़ेगा। बता दें कि पानी के बह जाने से शहर वासियों की तो चिंता बड़ी ही है लेकिन इस नदी पर आश्रित पशु पक्षी भी के सामने एक बड़ी समस्या खड़ी हो चुकी है।
Water Crisis: देखें Video
वीडियो में आप देख सकते है कि पानी के घटते जल स्तर के साथ ही बड़ी संख्या में लोग मछली मारने के लिए नदी में उतर गए। बच्चे, बुजुर्ग व महिलाएं बड़ी संख्या में नदी में मछली मारते देखे गए। पानी कम होते ही मछलियां उछलना शुरू कर दीं थीं, इस कारण से लोग बर्तनों में, कोई हाथ में तो कोई जाली से मछली मारते नजर आया।
गंगा में मिलता है कन्हर का पानी
कन्हर नदी का उदगम जशपुर के खुड़िया पठार से हुआ है जो छत्तीसगढ़ एवं झारखंड से होते उत्तर प्रदेश में जाकर सोन नदी में मिलती है और सोन नदी गंगा में मिलती है इस प्रकार कन्हर का पानी गंगा में जाकर मिलता है।