शराब घोटाला केस… IAS के पति सहित ये 28 आबकारी अधिकारी शामिल, 7 जुलाई को पेश होगी पांचवीं चार्जशीट, हो सकती है गिरफ्तारी!

On: Sunday, July 6, 2025 6:10 PM
शराब घोटाला केस… IAS के पति सहित ये 28 आबकारी अधिकारी शामिल, 7 जुलाई को पेश होगी पांचवीं चार्जशीट, हो सकती है गिरफ्तारी!
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Chhattisgarh Liquor Scam: छत्तीसगढ़ में 2200 करोड़ रुपये के बहुचर्चित आबकारी घोटाले को लेकर अब कार्रवाई का दौर तेज होता दिख रहा है। आरोपी बनाए गए अधिकारियों और कर्मचारियों में आईएएस के पति अनिमेश नेताम का नाम भी शामिल है।

रायपुर। Liquor Scam: छत्तीसगढ़ के चर्चित 2200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले मामले में आबकारी विभाग के अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई की तलवार लटक रही है। ईओडब्ल्यू 7 जुलाई को पांचवीं चार्जशीट पेश करने जा रही है, जिसमें 28 से अधिक आबकारी अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है। बता दें कि चार्जशीट 66,000 से ज्यादा पन्नों की होगी और कई बड़े खुलासे होने की संभावना है। आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) इस बहुचर्चित घोटाले में 7 जुलाई को पांचवीं चार्जशीट पेश करने जा रही है।

Chhattisgarh Liquor Scam: 28 आबकारी अधिकारियों के नाम

आरोपी बनाए गए अधिकारियों और कर्मचारियों में आईएएस के पति अनिमेश नेताम का नाम भी शामिल है। उक्त सभी के खिलाफ ईओडब्ल्यू की टीम शनिवार को पूरी तैयारी के साथ 15 बंडलों में चालान लेकर कोर्ट पहुंचे, लेकिन विशेष न्यायाधीश के अवकाश पर रहने के कारण पेश नहीं किया गया। अब इसे 7 जुलाई को पेश किया जाएगा।

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चालान में इनके नाम

नोहर सिंह ठाकुर
सोनल नेताम
अलेख राम सिदार
गरीबपाल
प्रकाश पाल
एके सिग
आशीष कोसम
जेआर मण्डावी
राजेश जयसवाल
जेएस नुखटी
जेआर पैकरा
देवलाल वैद्य
एके अनंत
वेदराम लहरे
एसएस ध्रुव
जनार्दन कौरव
अनिमेष नेताम
विजय सेन
अरविंद कुमार पाटले
प्रमोद कुमार नेताम
रामकृष्ण मिश्रा
विकास कुमार गोस्वामी
इकबाल खान
नितिन खंडुजा
नवीन प्रताप
सौरभ बख्शी
दिनकर वासनीक
मोहित कुमार जयसवाल
नीलू नोतानी
मंजू कसेर।

उपसंचालक अभियोजन ने बताया कि चालान में आबकारी विभाग के 28 अधिकारियों की शराब घोटाले में भूमिका का ब्योरा दिया गया है। उक्त सभी लोगों को नोटिस जारी कर पूछताछ कर बयान लिया गया है।

कैसे 2200 करोड़ का सिंडिकेट खड़ा हुआ?

जांच एजेंसी की रिपोर्ट (Chhattisgarh Liquor Scam) में खुलासा हुआ है कि इस शराब घोटाले की शुरुआत फरवरी 2019 से हुई। एक संगठित सिंडिकेट ने पूरे प्रदेश में डुप्लीकेट शराब की सप्लाई और अवैध वसूली का जाल बिछाया। शुरू में हर महीने 800 पेटियों की 200 ट्रक डिस्टलरी से निकाली जाती थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 400 ट्रक कर दिया गया। ये शराब दुकानों तक पहुंचाई जाती थी बिना किसी वैध दस्तावेज के।

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