6 sisters died in Yamuna river: यमुना नदी में नहाने गई 6 बहनों की डूबने से मौत हो गई। 6 बहनों की मौत के इस दर्दनाक हादसे ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया। आखिर कैसे हुआ ये दर्दनाक हादसा आइए जानें…
आगरा। 6 sisters died in Yamuna river: उत्तर प्रदेश से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यमुना नदी में बने बड़े गड्ढे में 3 बहनें समेत 6 किशोरियों की डूबने से मौत हो गई है। घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। स्वजन की चीत्कार से पूरा गांव गूंज उठा। रोते-बिलखते स्वजन यमुना किनारे पहुंचे। इसके बाद घर पर दिनभर रोते-बिलखते रहे।
घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पुलिस और आलाधिकारी पहुंचे और सभी की लाश को बाहर निकाला। घटना के बाद प्रशासन के खिलाफ लोगों में काफी गुस्सा देखने को मिल रहा है। लोग प्रशासन को मौत का जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। फिलहाल, आगरा के डीएम ने सभी पीड़ित परिवारों को 4-4 लाख रुपये सहायता राशि देने की बात कही है। सीएम योगी ने भी घटना का संज्ञान लिया है और गहरा शोक प्रकट किया है। उन्होंने अधिकारियों को मृतकों के परिवार को हर संभव मदद दिलाने का निर्देश दिया।
जानें कैसे हुआ दर्दनाक हादसा?
हादसा सुबह करीब नौ बजे का है। गांव नगला नाथू स्वामी घाट निवासी सुरेश मजदूर हैं। सुरेश की पांच बेटियां हैं, जिसमें 18 वर्षीय मुस्कान सबसे बडी बेटी है। मुस्कान, छोटी बहनों दिव्या (16) संध्या (14) और चचेरी बहन नैना (13) पुत्री दिनेश के साथ यमुना में नहाने गई थी। साथ में टेढी बगिया निवासी अशोक की बेटी शिवानी और सुहानी भी थी।
यमुना में नहाने से पहले उन्होंने खूब वीडियो बनाए। इसके बाद एक-दूसरे का हाथ पकड़कर पानी में उतर गईं। नहाते समय वे नदी की बीच धार में चली गईं और भंवर में फंस गईं। उनकी चीख सुनकर चचेरा भाई दीपेश यमुना में कूद गया।

इस पर किशोरियों ने उसे पकड़ लिया। दीपेश ने बताया कि इससे वह भी डूबने लगा था। यही नहीं किनारे पर मौजूद अन्य बच्चों ने तुरंत गांव में यह सूचना दी कि लड़कियां नदी में डूब रही हैं। गांववालों ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी।
लोगों ने लगाया लापरवाही का आरोप
गड्ढें में फंसकर हुई मौत से न सिर्फ प्रशासन पर सवाल खड़े हुए हैं, बल्कि उनकी कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़ा करता है। सवाल ये कि नदी में बेरतरतीब खुदाई पर प्रशासन रोक क्यों नहीं लगा पा रहा है? अगर खुदाई की जा रही है तो लोगों के सुरक्षा के क्या इंतजाम है। लोगों का कहना है कि अगर प्रशासन की लापरवाही नहीं होती तो किशोरियों की जान नहीं जाती।
शादी वाले घर में भी छाया शोक
नगला नाथू में रहने वाले बीराराम निषाद के बेटे की बुधवार को बारात जानी है। मंगलवार को मंडप था। घर में सजावट के साथ ही दावत की तैयारी हो रही थी।गांव में हुए हादसे से बीराराम निषाद के घर में भी शोक छा गया। मंडप से जुड़े रस्मे सामान्य तरीके से संपन्न हुईं।
एडिशनल सीपी ने कहा- जवानों ने बच्चियों को CPR दिया
एडिशनल सीपी राम बदन सिंह ने बताया कि नगला स्वामी गांव में 6 बच्चियां यमुना नदी में नहाने के लिए गई थीं। नहाते समय गहराई में चली गईं। पैर फिसलने से डूबने लगीं। पहले 2 बच्चियां डूब रही थीं, उन्हें बचाने के प्रयास में बाकी 4 भी गहरे पानी में चली गईं।
हादसे में 4 की मौत हो गई, जबकि 2 जब नदी से बाहर निकाला गया, उनकी सांस चल रही थी। पुलिस के जवानों ने बच्चियों को CPR भी दिया, 2 बच्चियों को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया, मगर बचाया नहीं जा सका। एक ही परिवार की चारों बेटियों हैं। इनमें तीन सगी बहनें हैं, जबकि चौथी बच्ची चचेरी बहन हैं, जबकि 2 मौसी के घर आईं थीं।