Wednesday, April 30, 2025

CG Cabinet Decision: बर्खास्त 2621 बीएड शिक्षकों के लिए बड़ी खुशखबरी! सरकार इस पद पर करेगी नियुक्त, पूर्व CM बोले – झुकी सरकार! जीते शिक्षक…

CG Cabinet Decision: छत्तीसगढ़ में बहाल किए गए 2621 बीएड शिक्षकों को सहायक शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला) के पद पर एडजस्ट किया जाएगा। सरकार के इस फैसले से शिक्षकों में खुशी की लहर है। बता दें कि इन शिक्षकों को प्राइमरी स्कूलों में कक्षा पहली से पांचवीं तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए रखा गया था।

रायपुर। CG Cabinet Decision: छत्तीसगढ़ सरकार ने आज बर्खास्त 2621 शिक्षकों की बहाली का रास्ता आज साफ कर दिया। अब इन सभी शिक्षकों को सहायक शिक्षक (विज्ञान प्रयोगशाला) के पद पर समायोजित किया जाएगा। यह फैसला राज्य कैबिनेट की बैठक में लिया गया। बता दें कि वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी है। हालांकि अभी कैबिनेट की ओर से ऑफिशियली आदेश जारी होना बाकी है।

सरकार के इस फैसले से न सिर्फ हजारों शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षा मिली है, बल्कि स्कूलों में विज्ञान विषय की प्रयोगात्मक शिक्षा को भी मजबूती मिलेगी। लंबे समय से समायोजन की मांग कर रहे शिक्षकों और उनके परिवारों में इस निर्णय से खुशी की लहर है। बता दें, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बीएडधारी सहायक शिक्षकों को छत्तीसगढ़ सरकार ने बर्खास्त कर दिया था।

CG Cabinet Decision: बर्खास्त 2621 बीएड शिक्षकों के लिए बड़ी खुशखबरी! सरकार इन पदों पर करेगी नियुक्ति, पूर्व CM बोले - झुकी सरकार! जीते शिक्षक...

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने दी जानकारी

जानें क्या है पूरा मामला

बीएड शिक्षकों का ये पूरा मामला 2018 में नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन की ओर से जारी एक गाइडलाइन के बाद सामने आया है। गाइडलाइन में बीएड वालों को प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाने के योग्य माना था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का असर छत्तीसगढ़ के 2897 शिक्षकों पर भी पड़ा। जिस कारण से उनको नौकरी से निकाल दिया गया था।

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CG Cabinet Decision: पूर्व CM भूपेश बघेल ने कही ये बात

सरकार के इस फैसले पर छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल ने निशाना साधते हुए कहा कि झुकी सरकार ! जीते शिक्षक। बघेल ने ट्वीट करते हुए लिखा कि चार महीने तक अपने मासूम बच्चों के साथ बी.एड. प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों को सर्दी, गर्मी, धूप झेलने के लिए मजबूर करने वाली क्रूर विष्णु देव सरकार को आख़िर झुकना पड़ा और शिक्षकों को समायोजित करना पड़ा। सभी शिक्षकों को बधाई एवं शुभकामनाएँ। यह एक अड़ियल सरकार पर आपके संघर्ष की जीत है।

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B.Ed सहायक शिक्षकों ने लड़ी लंबी लड़ाई

बता दें कि, नवा रायपुर के तूता धरना स्थल में 126 दिनों तक चले बर्खास्त ​B.Ed सहायक शिक्षकों का आंदोलन 18 अप्रैल को खत्म हुआ था। सीएम विष्णुदेव साय से मुलाकात के बाद प्रदर्शनकारियों ने यह आंदोलन (CG Cabinet Decision) समाप्त किया था। इससे पहले शिक्षकों ने सामूहिक मुंडन भी कराया था। अंगारों पर चलकर प्रदर्शन भी किया था। आइए जानें कब क्या-क्या प्रदर्शन हुआ।

  1. बर्खास्त होने के बाद राजधानी के नवा रायपुर के तूता धरना स्थल पर अनिश्चितकालीन धरना।
  2. शिक्षकों ने 14 दिसंबर को अंबिकापुर से रायपुर तक पैदल अनुनय यात्रा से शुरुवात की थी।
  3. रायपुर पहुंचने के बाद 19 दिसंबर से यात्रा धरने में बदल गई। इस दौरान शिक्षकों ने सरकार और जनप्रतिनिधियों को अपनी पीड़ा सुनाने के लिए पत्र भी भेजे।
  4. 22 दिसंबर को धरना प्रदर्शन शुरू होने के बाद शिक्षकों ने धरना स्थल पर ही ब्लड डोनेशन कैंप लगाया।
  5. 26 दिसंबर को आंदोलन में बैठे सहायक शिक्षकों ने अपनी मांगों की तरफ सरकार का ध्यान खींचने के लिए सामूहिक मुंडन कराया। पुरुषों के साथ महिला टीचर्स ने भी अपने बाल कटवाए। कहा कि ये केवल बालों का त्याग नहीं बल्कि उनके भविष्य की पीड़ा और न्याय की आवाज है।
  6. 28 दिसंबर को आंदोलन पर बैठे शिक्षकों ने मुंडन के बाद यज्ञ और हवन करके प्रदर्शन किया। कहा कि, अगर हमारी मांगे नहीं मानी गईं, तो आगे सांकेतिक सामूहिक जल समाधि लेने को मजबूर होंगे।
  7. 29 दिसंबर को आदिवासी महिला शिक्षिकाओं ने वित्त मंत्री ओपी चौधरी से मुलाकात की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। 2 घंटे तक बंगले के सामने मुलाकात के लिए डटे रहे।
  8. 30 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीर लेकर जल सत्याग्रह किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे अपनी मांगों को लेकर अटल हैं। सरकार तक ये संदेश देना चाहते हैं कि सुशासन में हमारी नौकरी भी बचा ली जाए और समायोजन किया जाए।
  9. 1 जनवरी को सभी प्रदर्शनकारियों ने मिलकर माना स्थित बीजेपी कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर का घेराव कर दिया। यहां प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
  10. 2 जनवरी को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पहुंचकर आंदोलन को समर्थन दिया।
  11. 3 जनवरी को सरकार ने एक उच्च स्तरीय प्रशासनिक कमेटी बनाई। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी इस कमेटी में 5 अधिकारी शामिल हैं।
  12. 3 जनवरी को मांगे पूरी नहीं होने से नाराज सहायक शिक्षकों ने सामूहिक अनशन शुरू किया।
  13. 6 जनवरी को शिक्षकों ने राज्य निर्वाचन आयोग जाकर मतदान बहिष्कार के लिए आयुक्त के नाम ज्ञापन सौंपा ।
  14. 10 जनवरी को एनसीटीई यानी नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन की शवयात्रा निकालकर प्रदर्शन किया।
  15. 12 जनवरी को माना से शदाणी दरबार तक दंडवत यात्रा निकाली गई।
  16. 17 जनवरी को पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज और पूर्व अध्यक्ष धनेंद्र साहू ने धरना स्थल पहुंचकर आंदोलन को समर्थन दिया।
  17. 18 जनवरी को मंत्री ओपी चौधरी के बंगले का सुबह 5 बजे घेराव कर दिया।
  18. 19 जनवरी को तेलीबांधा की सड़क में चक्काजाम कर किया प्रदर्शन।
  19. 20 जनवरी जिसके बाद नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की आचार संहिता लगने की वजह आंदोलन स्थगित करना पड़ा।
  20. शिक्षकों ने कई तरह की रैली निकली, मंत्रियों विधायकों से मिलने की कोशिशें की।
  21. शिक्षक होली जैसे त्यौहार में भी घर नही गये और लगातार प्रदर्शन करते रहे।
  22. पैदल दांडी मार्च, अर्धनग्न प्रदर्शन, भगत-राजगुरु-सुखदेव बनकर सड़कों पर प्रदर्शन।
  23. 1 किलोमीटर की चुनरी यात्रा, राम नवमी पर मंदिर जाने की कोशिश ये सभी की. इसके अलावा भी छत्तीसगढ़ सरकार को ख़ून से चिट्ठी साथ ही सरकार को अल्टीमेटम।
  24. जब राष्ट्रपति रायपुर पहुंची तब घुटनों पर रेंगते हुए उनसे मिलने की कोशिश।
  25. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 24 मार्च के दौरे पर बिलासपुर में बर्खास्त बीएड शिक्षकों का प्रदर्शन।

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