Monday, May 5, 2025

Funeral conflict in cg : शव दफन को लेकर बस्तर में फिर बढ़ा विवाद, चक्काजाम, आदिवासी समाज बोला– इन्होंने हिन्दू से ईसाई धर्म बदला, अपना शमशान घाट गंदा नहीं होने देंगे, जानिए कहां दफ्न हुई लाश…

Funeral conflict in cg बस्तर में शव दफन को लेकर दो समुदायों के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है। रविवार को भी बस्तर जिले के बकावंड ब्लॉक में गांव के श्मशान घाट में मृत युवक के शव दफन को लेकर मसीह समाज और मूल आदिवासी समाज में विवाद गहराने के बाद मसीह समाज के लोगों ने शव को ताबूत में रखकर मुख्य मार्ग में प्रदर्शन किया।

जगदलपुर। Funeral conflict in cg बस्तर में शव दफन को लेकर दो समुदायों के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है। रविवार को भी बस्तर जिले के बकावंड ब्लॉक में गांव के श्मशान घाट में मृत युवक के शव दफन को लेकर मसीह समाज और मूल आदिवासी समाज में विवाद गहराने के बाद मसीह समाज के लोगों ने शव को ताबूत में रखकर मुख्य मार्ग में प्रदर्शन किया। शव दफन के विवाद को लेकर बस्तर में यह कोई पहली घटना नहीं है। बताया जा रहा है कि दशापाल गांव के सरपंच समेत ग्रामीणों ने ईसाई रीति रिवाज से शव का गांव के श्मशान घाट में अंतिम संस्कार नहीं करने दिया।

Funeral conflict in cg सड़क हादसे में हुई थी मौत

इसके बाद मृतक के परिजन व मसीह समाज के लोगों ने शव को मुख्य मार्ग में रखकर चक्का जाम करते हुए प्रदर्शन किया।भारी बारिश के बीच मसीह समाज के लोग ताबूत में शव को रखकर सड़क पर देर शाम घण्टों बैठे रहे। आखिरकार प्रदर्शन के बावजूद गांव में शव दफन नहीं हुआ। इसके बजाय जगदलपुर के करकापाल में ईसाई कब्रिस्तान में शव दफन किया गया। Funeral conflict in cg जानकारी के मुताबिक बीते 21 अप्रैल को दशापाल गांव का रहने वाला अजय बघेल नाम का युवक सड़क हादसे में गम्भीर रूप से घायल हो गया था।

जिसके बाद उसे डीमरापाल मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां कुछ दिन इलाज के बाद युवक की बुधवार को मौत हो गई। मृतक के शव को डीमरापाल अस्पताल के मॉर्च्युरी में रखा गया था। इस बीच परिजनों ने मसीह समाज की रीति रिवाज से अजय बघेल का शव दफन की तैयारी शुरू कर दी।तैयारी में लगे ही थे की दशापाल गांव के ग्रामीणों ने इसका विरोध शुरू कर दिया।

धर्मांतरण बना विवाद का कारण

दरअसल, मृतक अजय बघेल ईसाई समुदाय से थे. ऐसे में ईसाई समुदाय के रीति रिवाज से मृतक के अंतिम संस्कार करने का दशापाल के ग्रामीणों ने विरोध करना शुरू कर दिया। दशापाल के स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि मृतक के परिवार वाले आदिवासी समुदाय से धर्मान्तरण कर मसीह धर्म अपना लिया था। Funeral conflict in cg पहले यह आदिवासी थे, इसलिए मूल आदिवासी प्रथा के आधार पर मृतक का अंतिम संस्कार गांव के श्मशान घाट में किया जाए। अन्यथा गांव के कब्रिस्तान में मसीह समाज के रीति-रिवाज से शव दफन नहीं करने दिया जाएगा।

संविधान चाहिए-कब्रिस्तान चाहिए

पंचायत के फैसले से नाराज ईसाई समुदाय के लोगों ने शव को मुख्य मार्ग पर रखकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। जिसमें बड़ी संख्या में छोटे बच्चे तक हाथों में तख्ती लिए नारे लगाते दिखाई दिए। ईसाई समुदाय के लोग विरोध करते हुए संविधान चाहिए-कब्रिस्तान चाहिए के नारे लगाते रहे। उन्होनें कहा कि जब तक अजय बघेल का गांव के कब्रिस्तान में शव दफन करने नहीं दिया जाएगा, तब तक धरना प्रदर्शन करते रहेंगे।

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आखिर जगदलपुर के कब्रिस्तान में किया गया शव दफन

चक्काजाम की सूचना पर बकावंड ब्लॉक के एसडीएम ऋषिकेश तिवारी, तहसीलदार जागेश्वरी गावड़े और थाना प्रभारी डोमेन्द्र सिन्हा मौके पर पहुंचे और प्रदर्शन कर रहे मसीह समाज के लोगों को समझाने की काफी कोशिश की, लेकिन ईसाई समुदाय के लोग धरने पर बैठे रहे। Funeral conflict in cg देर शाम तक काफी मान मनौव्वल के बाद आखिरकार मृतक अजय बघेल के शव को जगदलपुर के करकापाल में स्थित ईसाई समुदाय के कब्रिस्तान में दफन कर दिया गया।

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