Health minister on liquor store छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री अचानक अस्पताल के बजाए शराब दुकान पहुंच गए। उनके पहुंचते ही हलचल मच गई और लोग तरह-तरह की बातें करने लगे। बाद में मंत्री ने कहा कि यह निरीक्षण लगातार चल रही जांच का हिस्सा है और इसका मकसद अवैध शराब पर रोक लगाना है।
पेंड्रा। Health minister on liquor store सुनने में थोड़ा अजीब लगेगा, लेकिन गुरुवार को छत्तीसगढ़ में एक किस्सा पेश आया। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री शराब की दुकान पर पहुंच गए। उनके साथ कलेक्टर भी मौजूद रहीं। स्वास्थ्य मंत्री के बगल में खड़ी कलेक्टर को लोग देख कर दंग रह गए। उससे भी बड़ा मामला ये कि जब मंत्री अंदर घुसे और शराब दुकान में मौजूद सभी दारू का स्टॉक चेक किया।
क्या है पूरा मामला
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री अचानक अस्पताल के बजाए शराब दुकान पहुंच गए। उनके पहुंचते ही हलचल मच गई और लोग तरह-तरह की बातें करने लगे। बाद में मंत्री ने कहा कि यह निरीक्षण लगातार चल रही जांच का हिस्सा है और इसका मकसद अवैध शराब पर रोक लगाना है। स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के दौरे पर रहे।
यहां उनको सुशासन शिविर में शामिल होना था और वो इसके पहले अचानक पेंड्रा के शराब दुकान पहुंच गए। उनके साथ जिले की कलेक्टर लीना कमलेश मंडाबी भी मौजूद थी। वो शराब दुकान में शराब की सभी वैरायटी के स्टॉक के बारे में जानकारी ली। साथ ही शराब की बिक्री और शराब लेने आने वालों के बीच कोई लॉ एंड आर्डर की स्थिति न बनने पाए इस बाबत निर्देश दिये।
Health minister on liquor store क्यों गए शराब दुकान
उन्होने कहा कि लोगों को कोई परेशानी तो नहीं हो रही है और कोई गड़बड़ी तो नहीं है, इन सब बातों के मद्दइेनजर मैं गया था, चूंकि ये बॉर्डर का इलाका है। ऐसे में यहां की दुकानों में सभी वैरायटी की शराब है कि नहीं ये भी देखने गया था, ताकि लोगों को सभी प्रकार की शराब मिल रही है। Health minister on liquor store उन्होने कहा कि सरकार का काम शराब दुकान को सफल रूप से चलाना भी उतना ही जरूरी है जितना कि अन्य काम। अवैध शराब की बिक्री से सरकार को राजस्व का नुकसान होता था।
शराब बंदी की ओर बढ़ रहे
उन्होने आरोप लगाया कि पिछली सरकार कुछ विशेष ब्रांड की शराब ही पिला रही थी, जिससे राजस्व की भी हानि हो रही थी। Health minister on liquor store इसको सतत रूप से मॉनिटरिंग करना हमारा काम है। केवल ये नहीं कि शराबियों को शराब पिलाना हमारा मकसद है। वहीं उन्होने कहा कि मध्यप्रदेश की शराब यदि छत्तीसगढ़ में बिके तो ये रोकना हमारा काम है। उन्होने कहा कि हमारे घोषणापत्र में शराबबंदी नहीं थी पर हम एक साथ शराब बंद नहीं कर सकते, धीरे धीरे शराब बंदी की ओर बढ़ रहे हैं।