Cg rice price drop in war जैसे-जैसे समय बीत रहा है, ईरान और इज़राइल के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। दोनों देश युद्ध की स्थिति में पहुंच चुके हैं। यदि स्थिति इसी तरह बनी रही, तो आने वाले समय में कई चीजों की कीमतें बढ़ सकती हैं। लेकिन वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के बीच, भारत में चावल की कीमत कम हो सकती है।
रायपुर। Cg rice price drop in war ईरान-इज़राइल युद्ध से छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश में बासमती चावल की कीमत कम हो सकती है। इसका कारण यह है कि ईरान भारत से बड़ी मात्रा में बासमती चावल खरीदता है जो युद्ध के लंबे चलने से कम हो सकता है। इससे बासमती चावल के दाम कम होने की संभावना है। ईरान और इज़राइल के बीच चल रहे युद्ध के बीच चावल की कीमतों को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। भारत में अचानक चावल की कीमतों में कमी आ सकती है.
जानिए क्या है वजह
जैसे-जैसे समय बीत रहा है, ईरान और इज़राइल के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। दोनों देश युद्ध की स्थिति में पहुंच चुके हैं। यदि स्थिति इसी तरह बनी रही, तो आने वाले समय में कई चीजों की कीमतें बढ़ सकती हैं। लेकिन वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के बीच, भारत में चावल की कीमत कम हो सकती है।
युद्धकालीन परिस्थितियों में पिछले दो महीनों में बासमती चावल की कीमतों में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसका सबसे बड़ा कारण विदेशों में, खासकर पश्चिम एशिया में बढ़ता निर्यात था, Cg rice price drop in war लेकिन अब इस वृद्धि को रोका जा सकता है, क्योंकि ईरान और इज़राइल के बीच चल रहा तनाव बढ़ रहा है। ईरान में निर्यात कम हो सकता है।
किस तरह होगा नुकसान
APEDA यानी कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात विकास प्राधिकरण के अनुसार, भारत से बासमती चावल खरीदने के मामले में ईरान तीसरा सबसे बड़ा देश है. 2024-25 वित्तीय वर्ष में, भारत ने ईरान को लगभग 6,374 करोड़ रुपये का बासमती चावल निर्यात किया, जो कुल निर्यात का लगभग 12.6 प्रतिशत है।
Cg rice price drop in war जल्द दिखेगा असर
यदि ईरान और इज़राइल के बीच तनाव बढ़ता है या वैश्विक स्तर पर बड़े पैमाने पर राजनीतिक परिवर्तन होते हैं, तो बासमती चावल की कीमतें फिर से बढ़ सकती हैं। हालांकि, वर्तमान में उम्मीद की जा रही है कि कीमतें कुछ हद तक कम हो सकती हैं और बाजार स्थिर रह सकता है, लेकिन आने वाले दिनों में क्या होता है, यह देखना बाकी है।