White tiger in cg : अब छत्तीसगढ़ में भी सुनाई देगी सफेद बाघ की दहाड़, ग्वालियर से आएगा जोड़ा, यहां प्रजनन के बाद संख्या में होगी बढ़ोतरी

On: Monday, June 23, 2025 2:17 PM
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White tiger in cg सफेद बाघ दुर्लभ और आकर्षक प्रजाति मानी जाती है, जो पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र होती है. ग्वालियर चिड़ियाघर का यह सफेद बाघ लंबे समय से यहाँ की शान रहा है, लेकिन अब इसे छत्तीसगढ़ भेजकर नये मेहमानों के लिये जगह बनाई जा रही है।

बिलासपुर। White tiger in cg मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित राजीव गांधी प्राणी उद्यान से एक दुर्लभ सफेद बाघ को छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित कानन पेंडारी जियोलॉजिकल पार्क भेजा जायेगा। इसके बदले ग्वालियर चिड़ियाघर में देसी भालू, मादा लोमड़ियाँ और चौसिंघा हिरण लिए जाएंगे। यह अदान-प्रदान एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत किया जा रहा है। जिसका उद्देश्य विलुप्तप्राय प्रजातियों का संरक्षण और प्रजनन को बढ़ावा देना है।

भारत के चिड़ियाघरों में यह एक विशेष व्यवस्था है, जिसके तहत अलग-अलग चिड़ियाघरों के बीच जानवरों का आदान-प्रदान किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य प्रजातियों की आनुवंशिक विविधता बनाये रखना और उनकी संख्या बढ़ाना है। जिस चिड़ियाघर में किसी जानवर की संख्या अधिक होती है, उसे दूसरे चिड़ियाघर में भेजा जाता है।

एक्सचेंज की क्या है व्यवस्था

राजीव गांधी प्राणी उद्यान के क्यूरेटर डॉ. गौरव परिहार के अनुसार, ग्वालियर चिड़ियाघर में बाघों की संख्या अधिक है। साल 2011 से 2022 तक यहां 22 बाघों का जन्म हुआ, जिन्हें देशभर के विभिन्न चिड़ियाघरों में भेजा गया। White tiger in cg अभी भी यहां बाघों की संख्या संतुलन से अधिक है, इसलिए एक दो साल के सफेद बाघ के शावक को छत्तीसगढ़ भेजा जा रहा है।

सफेद बाघ देने के बदले में ग्वालियर को मिलेगा देसी भालू, मादा लोमड़ियाँ (ग्वालियर में पहले से नर लोमड़ी मौजूद हैं, इसलिए प्रजनन के लिये मादायें लाई जा रही हैं) चौसिंघा हिरण (यह बारहसिंघा की एक प्रजाति है।

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White tiger in cg दोनों जगह होगा फायदा

सफेद बाघ दुर्लभ और आकर्षक प्रजाति मानी जाती है, जो पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र होती है. ग्वालियर चिड़ियाघर का यह सफेद बाघ लंबे समय से यहाँ की शान रहा है, लेकिन अब इसे छत्तीसगढ़ भेजकर नये मेहमानों के लिये जगह बनाई जा रही है।

इस एक्सचेंज प्रोग्राम से दोनों चिड़ियाघरों को फायदा होगा और जानवरों की प्रजातियों का संरक्षण भी सुनिश्चित होगा।

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