Exiom 4 mission शुरुआत ‘नमस्कार’ कहकर की और अपने अनुभव को ‘अविश्वसनीय’ बताया। शुक्ला ने कहा कि वह शून्य गुरुत्वाकर्षण में खुद को ढालने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें एक बच्चे जैसा महसूस हो रहा है जो अभी चलना सीख रहा हो और खुद को संभालना सीख रहा हो।
खबरनवीस डेस्क। Exiom 4 mission भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला एक्सिओम-4 मिशन के तहत आज (26 जून) अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पर पहुंच गए हैं। उनके साथ 3 अन्य अंतरिक्ष यात्री भी इस मिशन में शामिल हैं। स्पेस-X का ड्रैगन यान इन चारों को लेकर करीब 29 घंटे की यात्रा के बाद ISS के हार्मनी मॉड्यूल से सफलतापूर्वक जुड़ गया है। अब स्पेस स्टेशन पर मौजूद अंतरिक्ष यात्री इनका औपचारिक स्वागत करेंगे और मिशन की शुरुआत होगी।
Exiom 4 mission मिशन में होंगे 60 वैज्ञानिक प्रयोग
शुक्ला और उनकी टीम अब ISS पर करीब 2 हफ्ते तक रहेगी। इस दौरान सभी चारों अंतरिक्ष यात्री करीब 60 वैज्ञानिक प्रयोगों में हिस्सा लेंगे। Exiom 4 mission ये प्रयोग मानव शरीर, दवाओं और तकनीक पर अंतरिक्ष के प्रभाव को समझने के लिए किए जाएंगे। इसके साथ ही, ये मिशन माइक्रोग्रैविटी में नई खोजों और स्वास्थ्य से जुड़े परीक्षणों में भी योगदान देगा, जो भविष्य की चिकित्सा तकनीकों में मददगार हो सकते हैं।
भारत के लिए क्यों खास है यह मिशन?
यह मिशन भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि पहली बार कोई भारतीय ISS तक पहुंचा है और करीब 41 साल बाद कोई भारतीय फिर से अंतरिक्ष में गया है। Exiom 4 mission इससे पहले 1984 में राकेश शर्मा अंतरिक्ष गए थे, लेकिन वह ISS तक नहीं पहुंचे थे। शुक्ला की यह यात्रा ISRO के गगनयान मिशन के लिहाज से भी अहम मानी जा रही है और इससे भविष्य की तैयारी को मजबूती मिलेगी।
शुक्ला ने किया ‘नमस्कार
ISS से जुड़ने से पहले आज शुक्ला का अंतरिक्ष में यान के अंदर का एक वीडियो भी सामने आया था। उन्होंने वीडियो की शुरुआत ‘नमस्कार’ कहकर की और अपने अनुभव को ‘अविश्वसनीय’ बताया। शुक्ला ने कहा कि वह शून्य गुरुत्वाकर्षण में खुद को ढालने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें एक बच्चे जैसा महसूस हो रहा है जो अभी चलना सीख रहा हो और खुद को संभालना सीख रहा हो।