National Highway: अंबिकापुर-रामानुजगंज नेशनल हाइवे-343 की हो गई है दुर्दशा, सड़क इतनी हो चुकी है खराब कि वाहन चालकों का चलना है मुश्किल
अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ को झारखंड से जोड़ने वाली अंबिकापुर-रामानुजगंज नेशनल हाइवे-343 (National Highway) की सड़क इन दिनों में इतनी खराब हो चुकी है कि इसपर चलना दूभर हो गया है। कहने को तो यह नेशनल हाइवे है, लेकिन इसकी स्थिति गांव की सड़कों से भी बदतर हो गई है। सड़क पर जगह जगह बड़े-बडे गड्ढे हो गए हैं और उनमें पानी भरा हुआ है। वाहनों की आवाजाही से पानी कीचड़ में तब्दील हो चुका है। गड्ढों वाली सड़क पर वाहनों का चलना मुश्किल हो गया है। जान हथेली पर लेकर लोग आवाजाही करने को विवश हैं।
अंबिकापुर-रामानुजगंज नेशनल हाइवे-343 की सड़क अपने दुर्दिन गिन रहा है। यदि आप अंबिकापुर से रामानुजगंज (National Highway) जा रहे हैं तो इस सड़क पर संभलकर चलिएगा, क्योंकि कभी भी दुर्घटना घट सकती है। सड़क की हालत ही ऐसी हो गई है कि 100 किलोमीटर का सफर करने में आपको 3-4 घंटे लग जाएंगे।
सड़क पर कई जगह जानलेवा गड्ढे बन गए हैं। बारिश के इस सीजन में सड़क नजर नहीं आ रही है। सिर्फ अंदाज से चालकों को वाहन चलना पड़ रहा है। कई गड्ढे तो इतने खतरनाक हो चुके हैं कि दोपहिया चारपहिया वाहन तक फंस जा रहे हैं।
पैच रिपेयरिंग किसी काम का नहीं
मानसून से पूर्व अंबिकापुर रामानुजगंज (National Highway) सड़क पर पैच रिपेयरिंग कराई गई थी, इससे जनता को राहत मिलने की उम्मीद थी। लेकिन रिपेयरिंग इतनी घटिया की गई कि पहली ही बारिश में यह मिट्टी में मिल गई। वहीं लगातार हो रही बारिश ने ऐसी हालत कर दी है कि गड्ढों में सड़क खोजना पड़ रहा है।
हजारों लोग हर दिन करते हैं सफर
इस मार्ग (National Highway) से होकर हर दिन हजारों लोग सफर करते हैं। इनमें शिक्षक से लेकर अन्य विभागों में काम करने वाले सरकारी कर्मचारी और आम जनता तक शामिल हैं।

सड़क खराब होने की वजह से उन्हें कार्यस्थल तक पहुंचने में देर हो जाती है। इससे उन्हें कई बार अधिकारियों की डांट सुननी पड़ती है।
National Highway: जिम्मेदार हैं खामोश
सड़कों (National Highway) की बद्तर हालत के लिए मंत्री, विधायक से लेकर अधिकारी तक जिम्मेदार है। समय रहते उन्होंने न तो सड़क बनवाई और न ही बेहतर रिपेयरिंग पर ध्यान दिया। ऐसा लगता है जनता से उनका जुड़ाव वोट लेने तक ही सीमित रह गया है। सड़क के ठेकेदार भी मौज काट रहे हैं। अंबिकापुर के सड़कों की हालत भी किसी से छिपी नहीं है।