Displaced women protest: SECL खदान से प्रभावित 150 भू-विस्थापित परिवार की महिलाओं ने साड़ी उतारकर विरोध जताया है। इसका वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है। आखिर क्या है पूरा मामला आइए जानें…
कोरबा। Displaced women protest: कोरबा जिले के एसईसीएल कुसमुंडा स्थित कंपनी के कार्यालय में महिलाओं ने एक अनोखा प्रदर्शन किया है। शुक्रवार को एसईसीएल कुसमुंडा खदान से प्रभावित गांव की कुछ महिलाओं ने नौकरी की मांग को लेकर कुसमुंडा के सीजीएम दफ्तर में धरना दे दिया। इस बीच ब्लाउज और पेटीकोट में कुछ महिलाओं ने जमकर हंगामा किया। सोशल मीडिया पर जब दफ्तर के भीतर इस तरह से प्रदर्शन का वीडियो वायरल हुआ तो हड़कंप मच गया।
SECL कोरबा की कुसमुंडा परियोजना कार्यालय में किए गए इस प्रदर्शन ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। शुक्रवार को लगभग 25 से 30 की संख्या में महिलाएं एसईसीएल कुसमुंडा के सीजीएम दफ्तर पहुंच गईं। महिलाओं ने नौकरी की मांग की और कहा कि कई वर्षों से नौकरी की मांग की जा रही है, लेकिन उनकी मांगों को कोई नहीं सुन रहा है।
महिलाओं ने कही ये बात
सीजीएम दफतर में धरना देने वाली महिलाओं ने बताया कि एसईसीएल कुसमुंडा खदान के लिए वर्षों पूर्व उनकी जमीन का अधिग्रहण किया गया है, लेकिन आज तक प्रबंधन ने नौकरी नहीं दिया है। बार-बार उनको एसईसीएल के दफ़्तरों के चक्कर लगाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। महिलाओं ने इसके लिए एसईसीएल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराते हुए अपना आक्रोश जाहिर किया।
Displaced women protest: देखें Video
महिलाओं ने लगाए कई आरोप
भू-विस्थापित रोजगार एकता महिला किसान कुसमुंडा के अध्यक्ष का कहना है कि असली भू विस्थापित के स्थान पर फर्जी तरीके से लगे हुए व्यक्तियों को हटाया जाय। साथ ही असली वारिस को रखने हेतू बार बार आवेदन किया गया था। महिलाओं ने आरोप लगाया कि अधिकारियों द्वारा ठोस उचित जवाब नहीं दिया गया। बल्कि कंपनी प्रबंधन ने 25 लोगों को जेल भेज दिया था। जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती तब तक आंदोलन जारी रखा जाएगा।
उग्र आंदोलन की दी चेतावनी
एसईसीएल कुसमुंडा खदान से प्रभावित महिला भू-विस्थापितों ने नौकरी की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी दी है। इसके लिए प्रदर्शनकारी महिलाओं ने एसईसीएल कुसमुंडा के मुख्य महाप्रबंधक को पत्र भी लिखा है। महिला भू-विस्थापितों के अनुसार प्रबंधन उनको नौकरी देने के नाम पर बार-बार गुमराह कर रहा है। महिलाओं ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। महिला भू-विस्थापितों खदान में उत्पादन ठप करने की धमकी दी है।
150 परिवार इस समस्या से प्रभावित
करीब 8 गांवों के 150 परिवार इस समस्या से प्रभावित हैं। इनमें सोनपुरी, बालिपडनिया, जटराज, अमगांव, बरकुटा, गेवरा बस्ती, खोडरी, भिलाई बाजार शामिल हैं। कई साल से नौकरी की मांग को लेकर उन्होंने कई बार दस्तावेज जमा किए हैं, लेकिन कोई हल नहीं निकला।