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राजमोहिनी भवन के पीछे जमीन घोटाला मामले में शामिल बंसू लोहार ने कोर्ट में किया सरेंडर, पुलिस को मिली 4 दिन की रिमांड

On: Tuesday, June 3, 2025 6:26 PM
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0 राजमोहिनी देवी भवन के पास स्थित 4.22 एकड़ जमीन घोटाला का मामला, कलेक्टर न्यायालय में लगातार पेश नहीं होने पर जमीन की सारी रजिस्ट्रियां घोषित कर दी गईं थीं शून्य

अंबिकापुर। शहर के राजमोहिनी देवी भवन के पीछे स्थित 4.22 एकड़ जमीन घोटाले मामले में शामिल बंशु लोहार ने बुधवार को सीजीएम कोर्ट में सरेंडर कर दिया। कोर्ट ने पूछताछ के लिए 4 दिन की रिमांड पर पुलिस को उसे सौंपा है। गौरतलब है कि 28 मार्च को कलेक्टर ने उक्त जमीन की सभी रजिस्ट्रियां शून्य घोषित कर दी थीं। उन्होंने नजूल अधिकारी को गोचर मद की भूमि को पुन: गोचर मद में दर्ज करते हुए शासकीय मद में दर्ज करने का आदेश दिया था।

राजमोहिनी देवी भवन के पीछे स्थित 4.22 एकड़ जमीन घोटाला मामले में शामिल बंशु लोहार आत्मज भुटकुल ने अंतत: बुधवार की दोपहर 12 बजे सीजेएम न्यायालय में सरेंडर कर दिया। मामले में प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट खुलेश्वरी सिन्हा के समक्ष बंद कमरे में बंशु लोहार का बयान दर्ज किया गया। बयान दर्ज करने के बाद पुन: उसे सीजेएम न्यायालय में भेज दिया गया। यहां पुलिस द्वारा पूछताछ के लिए न्यायालय से 8 दिन की रिमांड की मांग की गई थी। जबकि सीजीएम न्यायालय द्वारा पुलिस को 4 दिन की रिमांड दी गई है।

ये था मामला
जमीन बिक्री करने वाले व्यक्तियों के समूह द्वारा राजमोहिनी देवी भवन के पास स्थित 4.22 एकड़ जमीन को बंसू पिता भुटकुल के नाम दर्ज कराकर कई लोगों को बिक्री की थी। इस फर्जीवाड़े में तात्कालीन नजूल अधिकारी नीलम टोप्पो, नजूल कार्यालय में पदस्थ रीडर अजय तिवारी, आरआई नारायण सिंह व राहुल सिंह के खिलाफ धारा 420, 467, 468 व 471 के तहत अपराध भी दर्ज किया गया है। कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद से ये फरार चल रहे हैं। इधर जमीन घोटाले के मामले में कलेक्टर न्यायालय में 28 मार्च को ऑनलाइन सुनवाई की गई थी। घोटाले में शामिल बंसू पिता भुटकुल को बुलाया गया था लेकिन 14 मार्च व 21 मार्च की सुनवाई की तरह ही वह उपस्थित नहीं हुआ था। उसकी लगातार अनुपस्थिति को देखते हुए कलेक्टर ने 19 पृष्ठ का आदेश जारी किया कि बंसू प्रति छत्तीसगढ़ शासन मामले में प्रावधानों व संहिता के विपरीत पाए जाने से निरस्त किया जाता है एवं नमनाकला स्थित भूमि 243/1 रकबा 1.710 हे. (4.22 एकड़) भूमि को पूर्ववत शासकीय मद में दर्ज किए जाने का आदेश जारी किया जाता है। साथ ही नजूल अधिकारी को रिकार्ड दुरुस्त कर प्रतिवेदन भेजने कहा गया है। बंसू आत्मज भुटकुल ने गलत तरीके से शासकीय भूमि का पटटा अपने नाम कराया था, इसलिए उसके द्वारा बेची गई भूमि आदेश को भी निरस्त किया जाता है।

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