रायपुर. छत्तीसगढ़ के अब तक के सबसे बड़े नक्सल ऑपरेशन Anti naxal operation से आखिरकार सस्पेंस हट गया। बुधवार को छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर के कर्रेगुट्टा पहाड़ पर चल रहे नक्सल ऑपरेशन को लेकर छत्तीसगढ़ DGP अरूण देव गौतम और CRPF DG जीपी सिंह ने बड़ा प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इस दौरान ऑपरेशन से जुड़ी हर बात की जानकारी मीडिया को दी गई।
Anti naxal operation 31 नक्सलियों को मार गिराया
डीजीपी ने बताया कि छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर के कर्रेगुट्टा के पहाड़ पर 24 दिनों तक चले ऑपरेशन में फोर्स ने 31 नक्सलियों को मार गिराया। इनमें 17 महिला नक्सली और 14 पुरुष नक्सली शामिल हैं। जवानों ने हथियार बनाने की 4 फैक्ट्रियां और नक्सल अस्पताल को ध्वस्त किया है।
छत्तीसगढ़ डीजीपी अरुण देव गौतम ने बताया कि नक्सलियों को आभास नहीं था कि 500 आईइडी को क्रॉस कर कोई हम तक पहुंच सकेगा, लेकिन हमने कर दिखाया। अजेय किला तक नहीं पहुंच सकने का नक्सलियों को कॉन्फिडेंस था, जिसे जवानों ने तोड़ दिया है। Anti naxal operation यहां हथियार बनाने की 4 फैक्ट्रियां भी मिली हैं। नक्सल ठिकाने से गोला-बारूद और स्नाइपर बरामद किए गए हैं। नक्सलियों ने बड़े कैडर के इलाज के लिए किला बनाकर रखा था। अस्पताल बनाकर रखा था, उसे ध्वस्त किया गया है।
26 कामरेडों के मारे जाने की बात कबूली
पुलिस और सीआरपीएफ के अफसरों के प्रेस वार्ता लेने से पहले ही नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी सदस्य और प्रवक्ता अभय ने एक पर्चा जारी कर अपने 26 कामरेडों के मारे जाने की बात कबूली है। साथ ही पर्चे में लिखा है कि ‘आदरणीय मोदी जी आपकी सरकार शांतिवार्ता के लिए तैयार है या नहीं स्पष्ट करें।अभय ने शांतिवार्ता की अपील की है।
टीम का किया गया था गठन
डीजीपी ने बताया कि टेक्निकल फील्ड इनपुट कलेक्ट कर एक टीम का गठन किया गया था। इनपुट मिलने के बाद 24 घंटे एनालिसिस किया गया। Anti naxal operation इसके बाद ऑपरेशन लॉन्च किया गया। पहाड़ी पर चढऩे, उतरने, रास्ते पर लगाई गई आईईडी को डिफ्यूज किया गया।
पहले जवानों को जानकारी दी गई फिर ऑपरेशन लॉन्च किया गया। हिल्स टॉप पर बेस बनाया गया। साथ ही हेलीपेड भी बनाया गया है। ऑपरेशन कर्रेगुट्टा को लेकर मिली सफलता पर सीआरपीएफ डीजी जीपी सिंह और छत्तीसगढ़ पुलिस डीजीपी अरुण देव गौतम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कामयाबी और चुनौतियों के बारे में बताया।
हथियार बनाने की 4 फैक्ट्रियां ध्वस्त
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि नक्सली अस्पताल में हथियार बनाते थे। कई बंकर ध्वस्त किए गए हैं। हथियार बनाने की 4 फैक्ट्रियां भी मिली हैं, जिसे जवानों ने ध्वस्त किया है। नक्सलियों ने 2 साल के लिए हथियार एकत्रित कर रखा था। नक्सल ठिकाने से गोला-बारूद और स्नाइपर बरामद किए गए हैं।