Saturday, May 31, 2025

Balco fly ash reuse system : बालको शत प्रतिशत फ्लाई ऐश यूटलाइजेशन में बना अग्रणी संस्थान, सड़क से लेकर घरों में उपयोग हो रही फ्लाई ऐश से बनी ब्रिक्स

Balco fly ash reuse system भारत जैसे विकासशील राष्ट्र में जहां ऊर्जा की मांग, औद्योगिक उत्पादन और बुनियादी ढांचे का विकास लगातार बढ़ रहा है, वहां पर्यावरणीय सस्टेनेबिलिटी को सुनिश्चित करना भी हमारा दायित्व है। इस परिप्रेक्ष्य में फ्लाई ऐश पुनः उपयोग बहुत महत्पूर्ण विषय है। फ्लाई ऐश को पारंपरिक रूप से अपशिष्ट के रूप में देखा जाता रहा है, लेकिन बालको ने इसे एक विकल्प तथा अवसर के रूप में अपनाया है।

कोरबा। Balco fly ash reuse system फ्लाई ऐश ऊर्जा उद्योग का उप-उत्पाद जो थर्मल पावर प्लांट में कोयले के जलने से उत्पन्न होती है। यह आमतौर पर एक उप-उत्पाद माना जाता है, लेकिन इसके अंदर औद्योगिक उपयोग की विशाल क्षमता छिपी है। इसका उपयोग सीमेंट, ईंट एवम सड़क निर्माण, इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट और कृषि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है। बालको एल्यूमिनियम प्लांट की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने वाले बिजली संयंत्र में उच्च गुणवत्ता वाले कोयले का उपयोग किया जाता है, जिससे उत्पादित फ्लाई ऐश में सल्फर की मात्रा कम और फिजिकल-केमिकल गुण उत्कृष्ट होते हैं। यही राख अब सीमेंट, ईंट निर्माण जैसे क्षेत्रों में टिकाऊ निर्माण और भूमि सुधार का कारक बन रही है।

किया गया विशेष करार

बालको ने श्री सीमेंट के साथ साझेदारी कर फ्लाई ऐश उपयोग का नया अध्याय लिखा है। बालको द्वारा श्री सीमेंट को 90,000 मीट्रिक टन फ्लाई ऐश की आपूर्ति के लिए की गई लॉजिस्टिक सुविधा, सिर्फ एक कारोबारी लेन-देन नहीं है, यह इंडस्ट्रियल सस्टेनेबिलिटी की दिशा में किया गया एक दूरगामी कदम है। इसके तहत फ्लाई ऐश का पुनः उपयोग सुनिश्चित होगा तथा साथ ही इससे भारतीय सीमेंट उद्योग के ग्रीन ट्रांज़िशन को भी गति मिलेगी।

Balco fly ash reuse system कोयले की उपयोगिता हुई कम

यह सर्कुलर इकोनॉमी की तरह है जहां एक उद्योग का उप-उत्पाद दूसरे उद्योग का कच्चा माल बनता है और इस प्रकार संसाधन का शत प्रतिशत उपयोग हो रहा है। फ्लाई ऐश अपने ‘सीमेंटीय’ गुणों के कारण सीमेंट निर्माण में आदर्श कच्चा माल है। Balco fly ash reuse system इसके उपयोग से कई स्तरों पर लाभ होते हैं। प्रति टन फ्लाई ऐश आधारित सीमेंट निर्माण से लगभग 700–800 किलोग्राम कार्बन उत्सर्जन, 4.2 मिलियन गीगाजूल ऊर्जा तथा प्रति टन 341 लीटर तक पानी की बचत की जा सकती है। पारंपरिक सीमेंट निर्माण के मुकाबले फ्लाई ऐश के उपयोग से बड़ी मात्रा में कोयला जलाने की आवश्यकता को कम करती है।

कहां किया जा रहा उपयोग

फ्लाई ऐश की आपूर्ति का विस्तार प्रमुख सीमेंट कंपनियों तक भी हो रहा है, जिनमें श्री सीमेंट और अल्ट्राटेक सीमेंट शामिल हैं। वहीं माइन वॉयड फिलिंग जैसे पर्यावरणीय बहाली के कार्यों में बालको ने मानिकपुर और चोटिया खदानों में फ्लाई ऐश का सतत उपयोग किया है। इसके अतिरिक्त, विभिन्न स्टोन क्वारियों में भी फ्लाई ऐश का वैकल्पिक उपयोग किया जा रहा है, जो संसाधनों के दोबारा प्रयोग और अपशिष्ट प्रबंधन के सशक्त उदाहरण हैं।

इस तरह है परियोजना

फ्लाई ऐश का सस्टेनेबल उपयोग अब राष्ट्रीय अधोसंरचना परियोजनाओं तक पहुंच चुका है, जिसमें बालको ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की 130ए (बिलासपुर–उरगा और उरगा–पथलगांव), 149बी (चांपा–कोरबा–कटघोरा) और 130 (पथरापाली–खटघोरा) परियोजनाओं में सहयोग किया है। इसी तरह छत्तीसगढ़ लोक निर्माण विभाग (सीजीपीडब्ल्यूडी) की सड़क परियोजनाओं में भी बालको की फ्लाई ऐश का प्रभावी उपयोग हो रहा है।

लघु उद्योगों को सहयोग

लघु उद्योगों के लिए एक बड़े सहयोग में शामिल होते हुए, स्थानीय स्तर पर सामुदायिक और एमएसएमई समर्थन की दिशा में भी बालको ने सराहनीय पहल की है, जिसके तहत कोरबा क्षेत्र के 68 ईंट निर्माताओं को मुफ्त फ्लाई ऐश की डोर-डिलीवरी सुविधा दी गई है।

हर साल वृहद पौधरोपण

छत्तीसगढ़ में औद्योगिक सस्टेनेबिलिटी की दिशा में एक उल्लेखनीय उदाहरण के रूप में बालको उभर कर सामने आया है, जिसने फ्लाई ऐश के प्रबंधन और पुनः उपयोग को लेकर कई बहुआयामी पहल की हैं। Balco fly ash reuse system बालको द्वारा 3 डाइक 1, 3 और 5 को सफलतापूर्वक रीक्लेम कर वहां 1,77,743 पौधों का वृक्षारोपण किया गया है जबकि 4 डाइक वर्तमान में परिचालन में हैं। रीक्लेम डाइक का क्षेत्रीय हरियाली और पारिस्थितिकी तंत्र बहाली में महत्वपूर्ण योगदान है।

Read more: शादी करेगी या नहीं? सनकी आशिक ने प्रेमिका के सामने खुद को लगाई आग, देखें दिल दहला देने वाला Video

हो रही रियलटाइम निगरानी

बालको का दृष्टिकोण केवल अपशिष्ट प्रबंधन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत में सर्कुलर इकोनॉमी, हरित बुनियादी ढांचा और सामुदायिक भागीदारी को नई दिशा देने वाला मॉडल बन चुका है। बालको ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि औद्योगिक प्रगति और सतत विकास एक साथ चल सकते हैं। कंपनी ऐश कंट्रोल टॉवर (एसीटी) तकनीक से राख प्रबंधन दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित करने और राख के परिवहन को सुव्यवस्थित करने के लिए रियल टाईम की निगरानी भी करता है।

हासिल की विशेष उपलब्धि

हालिया आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024 में बालको ने 4 मिलियन मीट्रिक टन से अधिक फ्लाई ऐश की आपूर्ति कर 141 प्रतिशत उपयोग का लक्ष्य हासिल किया है जो कि उद्योग जगत के लिए एक उल्लेखनीय उपलब्धि मानी जा रही है। यह उपलब्धि ऐसे समय में सामने आई है जब भारत सरकार भी अपशिष्ट से संपत्ति (वेस्ट टू वेल्थ) जैसी योजनाओं के माध्यम से सर्कुलर इकोनॉमी को राष्ट्रीय प्राथमिकता बना रही है। ऐसे में बालको का यह मॉडल राष्ट्रनिर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका की तरह देखा जा रहा है।

Related articles