Cg big liquor scam अब तक तीन पूरक अभियोग पत्रों सहित कुल चार अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किए जा चुके हैं। इसके अलावा मामले में 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। घोटाले की जांच जारी है।
रायपुर। Cg big liquor scam छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के खिलाफ सोमवार को ईओडब्ल्यू ने विशेष कोर्ट में लगभग 1100 पन्नों का चौथा पूरक चालान पेश किया। इस चार्जशीट में लखमा की अहम भूमिका का उल्लेख किया गया है। ईओडब्ल्यू ने कोर्ट को बताया कि पूर्व मंत्री कवासी लखमा को आबकारी घोटाले में 64 करोड़ रुपए मिला है। जिसमें 18 करोड़ रुपए की अवैध धनराशि के निवेश और खर्च से जुड़े दस्तावेज और साक्ष्य भी मिले हैं।
Cg big liquor scam चार्जशीट हो गई पेश
चर्जशीट में कहा गया है कि मंत्री के संरक्षण में विभागीय अधिकारियों, सहयोगियों और ठेकेदारों के माध्यम से सुनियोजित तरीके से घोटाले को अंजाम दिया गया है। घोटाले की राशि को व्यक्तिगत और परिवार के हितों में खर्च किया गया। अब तक तीन पूरक अभियोग पत्रों सहित कुल चार अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किए जा चुके हैं। इसके अलावा मामले में 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। घोटाले की जांच जारी है।
मैं पाकिस्तानी नहीं- लखमा
कोर्ट में सुनवाई के दौरान लखमा ने जज से कहा कि वह सुनवाई के दौरान हर बार कोर्ट आना चाहते हैं. लेकिन उन्हें लाने के बजाय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया जाता है। उन्होंने कहा कि मेरे साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया जा रहा है. मैं पाकिस्तानी नहीं हूं. मैं भारतीय हूं। Cg big liquor scam कवासी लखमा ने यह भी कहा कि यहां आने में मुझे किसी प्रोटोकॉल या बड़ी गाड़ी की जरूरत नहीं है. मैं मोटरसाइकिल में भी बैठकर आ सकता हूं। अदालत ने उन्हें भरोसा दिलाया कि उनके हितों का संरक्षण किया जाएगा।
क्या है छत्तीसगढ़ शराब घोटाला
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी जांच कर रही है। ईडी ने एसीबी में रिपोर्ट दर्ज कराई है।दर्ज एफआईआर में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ईडी के चालान में इस मामले में अब तक 21 लोगों आरोपी बनाया गया है। जिनमें पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, अनवर ढेबर, अनिल टूटेजा, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, छत्तीसगढ़ डिस्टलर, वेलकम डिस्टलर, टॉप सिक्योरिटी, ओम साईं ब्रेवरेज, दिशिता वेंचर, नेस्ट जेन पावर, भाटिया वाइन मर्चेंट और सिद्धार्थ सिंघानिया जैसे प्रमुख नाम शामिल है।
ईडी ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में आईएएस अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था। वहीं एसीबी की जांच में पाया गया कि साल 2019 से 2022 तक सरकारी शराब दुकानों से अवैध शराब डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेची गई। इससे शासन को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ है।
पूर्व आबकारी मंत्री लखमा हैं जेल में
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ईडी ने 28 दिसंबर 2024 को कवासी लखमा के आवास व अन्य ठिकानों पर छापा मारकर महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस जब्त किए थे। जिनमें घोटाले से हुई कमाई के सबूत थे। उसके बाद लखमा को 15 जनवरी 2025 को गिरफ्तार कर लिया गया। कवासी लखमा 16 जनवरी 2025 से जेल में हैं।
कवासी लखमा पर आरोप है कि वह शराब घोटाले में सिंडिकेट के अहम हिस्सा थे। Cg big liquor scam उन्हीं के निर्देश पर सिंडिकेट काम करता था। इनसे अलावा शराब नीति बदलने में भी महत्वपूर्ण भूमिका थी। ईडी का दावा है कि लखमा को आबकारी विभाग में हो रही गड़बड़ियों की पूरी जानकारी थी, लेकिन उन्होंने उसे रोकने के लिए कुछ नहीं किया।
आरोप है कि शराब घोटाले में कमीशन के तौर पर लखमा को हर महीने 2 करोड़ रुपए मिलते थे। ईडी का कहना है कि 3 साल तक शराब घोटाला चला। तीन साल के 36 महीने में लखमा को कुल 72 करोड़ रुपए मिले।