Monday, June 2, 2025

Cg coal scam : छत्तीसगढ़ कोयला परिवहन घोटाला, सौम्या चौरसिया, समीर और आईएएस रानू साहू जेल से रिहा, जानिए सुप्रीम कोर्ट ने किस आधार पर दी जमानत

Cg coal scam सौम्या चौरसिया, रानू साहू और अन्य को इस वर्ष मार्च में छत्तीसगढ़ कोयला लेवी घोटाला मामले में अंतरिम जमानत दी गई थी और आरोपी लक्ष्मीकांत तिवारी, मनीष उपाध्याय और पारेख कुर्रे को मई की शुरुआत में, अन्य मामलों में जमानत की मांग करते हुए आरोपियों द्वारा डीएमएफ घोटाला समेत कुछ नई जमानत याचिकाएं दायर की गईं।

रायपुरCg coal scam छत्तीसगढ़ के कोल परिवहन घोटाले में रायपुर जेल में बंद, आईएएस समीर विश्नोई, आईएएस रानू साहू और राज्य सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया को शनिवार की सुबह जमानत पर रिहा कर दिया गया है। उनके अलावा रजनीकांत तिवारी, वीरेन्द्र जायसवाल और संदीप नायक को भी जमानत पर रिहा किया गया है। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। इन सभी आरोपियों को रिहाई के बाद छत्तीसगढ़ से बाहर रहने का निर्देश दिया गया है। ताकि ये गवाहों और सबूतों को प्रभावित न कर सकें।

Cg coal scam 25 रुपये प्रति टन लेवी

इन सभी के ख़िलाफ़ प्रवर्तन निदेशालय ने कोयला परिवहन में प्रति टन 25 रुपये की लेवी वसूलने का मामला दर्ज़ किया था। आरोप था कि इन सभी लोगों ने एक सिंडिकेट बना कर कोयला परिवहन करने की प्रक्रिया को ऑनलाइन से ऑफलाइन किया और परिवहन की अनुमति केवल उन्हें दी जाती थी। जो 25 रुपये प्रति टन लेवी देते थे। Cg coal scam इडी के अनुसार ऐसा कर के 540 करोड़ से अधिक की अवैध वसूली की गई, जिसका हिस्सा कई अफसरों और तत्कालीन विधायकों, नेताओं को दिया गया।

बाद में 2024 में राज्य की एसीबी और ईओडबल्यू ने भी इसी मामले में इन तीनों के समेत 35 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया था। यही कारण है कि पहले जमानत मिलने के बाद भी नया मामला दर्ज होने के कारण जेल से इनकी रिहाई नहीं हो पाई थी।

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने अपने समक्ष सूचीबद्ध सभी मामलों में अंतरिम जमानत दे दी। उल्लेखनीय है कि जमानत की शर्तों के तहत न्यायालय ने निर्देश दिया कि आरोपी सूर्यकांत तिवारी, रानू साहू, सौम्या चौरसिया और समीर विश्नोई छत्तीसगढ़ में नहीं रहेंगे। Cg coal scam न्यायमूर्ति कांत ने तर्क दिया, ये ऐसे व्यक्ति हैं जो जांच को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।

आदेश में कहा गया कि “सूर्यकांत तिवारी, रानू साहू, समीर विश्नोई और सौम्या चौरसिया के मामले में, यह निर्देश दिया जाता है कि वे अगले आदेश तक छत्तीसगढ़ राज्य में नहीं रहेंगे। सिवाय इसके कि वे जब भी आवश्यक हो, जांच एजेंसी या ट्रायल कोर्ट के समक्ष उपस्थित होंगे।

उन्हें यह भी निर्देश दिया जाता है कि वे अपनी रिहाई के 1 सप्ताह के भीतर राज्य के बाहर अपने रहने के पते प्रस्तुत करें। वे अपने रहने के स्थान की सूचना अधिकार क्षेत्र वाले थाने को देंगे। Cg coal scam यदि यह पाया गया कि याचिकाकर्ता गवाहों से संपर्क करने और या उन्हें किसी भी तरह से प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं या साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं, तो इसे अंतरिम जमानत का दुरुपयोग माना जाएगा।

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याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया

याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया जाता है कि वे अंतरिम जमानत पर रिहा होते ही अपना पासपोर्ट विशेष अदालत में जमा करा दें। वे जांच में शामिल होंगे और पूरा सहयोग करेंगे।

उच्चतम न्यायालय ने छत्तीसगढ़ कोयला लेवी घोटाले के आरोपियों सूर्यकांत तिवारी, रानू साहू, सौम्या चौरसिया, समीर विश्नोई और अन्य को अंतरिम जमानत दी थी।

सौम्या चौरसिया, रानू साहू और अन्य को इस वर्ष मार्च में छत्तीसगढ़ कोयला लेवी घोटाला मामले में अंतरिम जमानत दी गई थी और आरोपी लक्ष्मीकांत तिवारी, मनीष उपाध्याय और पारेख कुर्रे को मई की शुरुआत में, अन्य मामलों में जमानत की मांग करते हुए आरोपियों द्वारा डीएमएफ घोटाला समेत कुछ नई जमानत याचिकाएं दायर की गईं।

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