CG Elephant Attack: छत्तीसगढ़ में हाथियों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। रायगढ़ जिले में गजराज ने कई घरों को नुकसान पहुंचाया, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।
रायगढ़। CG Elephant Attack: छत्तीसगढ़ में इन दिनों जंगली हाथियों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से हाथियों द्वारा घरों को नुकसान पहुंचाने और ग्रामीणों को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं सामने आ रही हैं। इसी कड़ी में रायगढ़ जिले में भी गजराज ने जमकर उत्पात मचाया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बीते कुछ दिनों से हाथियों का दल गांवों की ओर रुख कर रहा है और अब तक कई घरों को नुकसान पहुंचा चुका है। इन घटनाओं के चलते ग्रामीणों में भय और असुरक्षा की भावना लगातार बढ़ रही है। रात के समय हाथियों के गांव में घुसने से लोगों की नींद उड़ी हुई है।
CG Elephant Attack: गजराज ने तीन घरों को तोड़ा
बताया जा रहा है कि धरमजयगढ़ वन मंडल अंतर्गत ग्राम दरी डीह में बीती रात एक दंतैल हाथी ने जमकर उत्पात मचाया। घटना रात करीब 2 से 3 बजे के बीच की बताई जा रही है, जब हाथी ने गांव में घुसकर तीन घरों को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। इस घटना से पूरे गांव में दहशत का माहौल है।
गौरतलब है कि दो दिन पहले ही यही हाथी (या हाथियों का यही दल) धरमजयगढ़ के बाकरूमा वन परिक्षेत्र में एक वृद्ध व्यक्ति को कुचलकर मार चुका है। लगातार हो रही ऐसी घटनाओं से ग्रामीणों में भय और आक्रोश दोनों बढ़ते जा रहे हैं।
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ग्रामीणों में दहशत का माहौल
रायगढ़ जिले के कई गांवों में गजराजों का आतंक देखने को मिल रहा है। खेत, फसल और घरों को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ हाथी कभी-कभी जान का भी खतरा बन जाते हैं। हाल ही में हुई घटनाओं में लोगों की जान तो नहीं गई, लेकिन आर्थिक क्षति भारी रही है।
बता दें कि वन क्षेत्रों में पर्याप्त हरियाली और बरसात के मौसम में जल स्रोतों की भरपूर उपलब्धता के बावजूद हाथियों का रुख गांवों और शहरों की ओर होना चिंता का विषय बना हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि हाथियों के प्राकृतिक आवास में हो रहे बदलाव और मानवीय दखलंदाजी इसके पीछे अहम कारण हो सकते हैं।
वन विभाग की चुनौतियां
वन विभाग द्वारा हाथियों को जंगल की ओर वापस खदेड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं और ग्रामीणों को सतर्क रहने (CG Elephant Attack) की सलाह दी जा रही है, लेकिन हाथियों की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए ये उपाय नाकाफी साबित हो रहे हैं।