Liquor scam नगर में बंसी अग्रवाल और विशाल केजरीवाल के यहां दबिश दी। वहीं खुर्सीपार में विनय अग्रवाल के यहां दस्तावेजों की जांच हुई। भिलाई में कारोबारी अशोक अग्रवाल का घर जहां पड़ा छापा।
भिलाई. Liquor scam छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ACB और EOW ने को प्रदेश के 39 जगहों पर छापा मारा। दुर्ग-भिलाई के अलावा धमतरी और महासमुंद में ये कार्रवाई की गई। शाम को राज्य आर्थिक अपराध-अन्वेषण ब्यूरो द्वारा आबकारी घोटाले और आज की छापेमार कार्रवाई को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि छापे के दौरान 90 लाख रुपए की राशि, सोना-चांदी और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी बरामद किए गए हैं।
Liquor scam तड़के सुबह पहुंची टीम
ACB और EOW की कई टीमें चार गाडिय़ों में सुबह 4 बजे भिलाई पहुंची। एक टीम हाउसिंग बोर्ड स्थित आम्रपाली अपार्टमेंट में अशोक अग्रवाल के घर पहुंची। दूसरी टीम नेहरू नगर में बंसी अग्रवाल और विशाल केजरीवाल के यहां दबिश दी। वहीं खुर्सीपार में विनय अग्रवाल के यहां दस्तावेजों की जांच हुई। भिलाई में कारोबारी अशोक अग्रवाल का घर जहां पड़ा छापा।
इन कारोबारियों के यहां पड़ा है छापा
एसके केजरीवाल, नेहरू नगर, भिलाई
अशोक अग्रवाल, आम्रपाली अपार्टमेंट, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, भिलाई
विनय अग्रवाल, खुर्सीपार
संजय गोयल, डायरेक्टर स्पर्श हॉस्पिटल, नेहरू नगर
विश्वास गुप्ता, बिल्डर, दुर्ग
बंसी अग्रवाल, नेहरू नगर
आशीष गुप्ता, डायरेक्टर, आशीष इंटरनेशनल होटल सुपेला, नेहरू नगर स्थित घर में कार्रवाई।
महासमुंद में कारोबारियों के ठिकानों पर कार्रवाई
महासमुंद जिले के सांकरा और बसना में भी ACB-EOW कार्रवाई कर रही है। सांकरा में कैलाश अग्रवाल और बसना में जय भगवान अग्रवाल के ठिकानों में दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। यहां दो वाहनों में 20 सदस्यीय टीम पहुंची है।
क्या है शराब घोटाला ?
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। Liquor scam ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था।
ED की ओर से दर्ज कराई गई FIR की जांच ACB कर रही है। ACB से मिली जानकारी के अनुसार साल 2019 से 2022 तक सरकारी शराब दुकानों से अवैध शराब डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेची गई। इससे शासन को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ है।