CG News: जज का तबादला… अधिवक्ताओं के साथ दुर्व्यवहार का लगा आरोप, आदेश जारी

On: Saturday, March 22, 2025 2:23 PM
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CG News: अधिवक्ताओं के साथ लगातार दुर्व्यवहार करने के आरोप में मुंगेली जिले के कुटुंब न्यायालय के जज का स्थानांतरण कर दिया गया है। काफी विरोध के बाद जज पर एक्शन लेते हुए उन्हें जगदलपुर की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

CG News: मुंगेली जिले के कुटुंब न्यायालय में पदस्थ पीठासीन अधिकारी पर अधिवक्ताओं के साथ दुर्व्यवहार के आरोप लगे हैं, जिससे अधिवक्ता संघ में भारी नाराजगी देखी गई। इसी कड़ी में जिला अधिवक्ता संघ मुंगेली ने इस संबंध में विरोध जताते हुए पीठासीन अधिकारी के स्थानांतरण की मांग की थी, जिसको लेकर अब न्यायाधीश और अधिवक्ताओं के बीच विवाद थम सा गया है।

CG News: जज का हुआ तबादला

बता दें शुक्रवार से न्यायाधीश के स्थानांतरण की मांग करते हुए मुंगेली जिला अधिवक्ता संघ के पदाधिकारी और सदस्यों ने प्रस्ताव पारित किया था। जिला न्यायालय के सभी कार्यो का बहिष्कार का निर्णय लिया गया था, जिसमें राजस्व न्यायालय भी शामिल था। विधि और विधायी कार्य विभाग के सचिव शहाबुद्दीन कुरैशी ने शनिवार को एक विभागीय आदेश जारी किया था। जारी आदेश मुताबिक मुंगेली के कुटुम्ब न्यायालय के जज कीर्ति लकड़ा का जगदलपुर स्थानांतरण कर दिया गया। साथ ही मुंगेली फैमिली कोर्ट की जिम्मेदारी न्यायाधीश राजीव कुमार को दी गई।

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जानें पूरा मामला….

दरअसल, जिला अधिवक्ता संघ मुंगेली के सदस्यगण ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर निवेदन किया था कि प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय मुंगेली के पीठासीन अधिकारी कीर्ति लकड़ा द्वारा नियमानुसार अधिवक्ताओं को पक्षकारों की ओर से पैरवी की अनुमति मिलने के बाद प्रकरण की पैरवी के दौरान पक्षकारों के सामने साक्ष्य के दौरान वह लगातार हस्तक्षेप कर अधिवक्ताओं से दुर्व्यवहार करती हैं।

अधिवक्ताओं का अपमान…

CG News: वहीं उनके द्वारा यह कहा जाता है कि पक्षकार जो कटघरे में खड़े हैं वह दूसरे पक्षकार को घूर रहे हैं तथा अधिवक्ता द्वारा यह कहे जाने पर कि दोनों पक्षकार आपस में पति-पत्नि है और एक दूसरे को घूर रहे हैं तब पीठासीन अधिकारी कीर्ति लकड़ा द्वारा अधिवक्ताओं को यह कहा जाता है कि पक्षकार आपको देख रहा है इसलिए आप न्यायालय से बाहर जाए या सीट पर बैठ जाएं।

तथा अनुमति मिलने के बाद पक्षकारों के हित में अधिवक्ताओं द्वारा कहे जाने पर अनुमति निरस्त करने की धमकी दी जा रही थी जो कि अमानवीय दुर्व्यवहार और बेईज्जत करने की श्रेणी में आता है ऐसे न्यायालय में अधिवक्ताओं को कार्य कर पाना नामुंकिन हो गया है। फिलहाल अब इस मामले में जज के खिलाफ कदम उठाते हुए जज का स्थानांतरण कर दिया गया है।

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