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Cg unique delivery in toilet : छत्तीसगढ़ में दिल दहला देने वाली घटना, 12 साल की नाबालिग ने स्कूल के टॉयलेट में दिया 8 माह की बच्ची को जन्म, किसी को पता न चले इसलिए बच्ची को कमोड में डाल कर दिया फ्लश, मौत

On: Sunday, June 15, 2025 4:20 PM
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Cg unique delivery in toilet हालांकि इस नवजात का जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाया गया। जिला अस्पताल से जुड़े सूत्रों की मानें तो नवजात की मौत की वजह नाक-कान में पानी घुसना है। पुलिस मामले की पड़ताल करने में लगी हुई है।

दंतेवाड़ा। Cg unique delivery in toilet छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के कटेकल्याण ब्लॉक के सामुदायिक उप स्वास्थ्य केंद्र से एक झकझोरने वाला मामला सामने आया है। यहां एकलव्य आवासीय विद्यालय में पढने वाली एक छात्रा ने नवजात बच्चे को जन्म दिया और नवजात को उसने कमोड में डाल फ्लैश चला दिया। जिससे कान-नाक में पानी जाने से मौके पर ही उसकी मौत हो गई।कहा जा रहा है कि परिजनों ने छात्रा को कटेकल्याण अस्पताल में बुखार और स्वांस में दिक्कत होने की बात कहकर भर्ती कराया था।

Cg unique delivery in toilet टॉयलेट में पैदा हुआ बच्चा

छात्रा को जब दर्द हुआ तो वह सीधा टॉयलट गई और वहां नवजात बच्ची को जन्म दिया। छात्रा ने बच्ची को कमोड में डाल फ्लैश चला दिया, उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों की मानें तो बच्ची आठ माह की थी और उसका वजन दो किलो से ऊपर था। Cg unique delivery in toilet हालांकि इस नवजात का जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाया गया। जिला अस्पताल से जुड़े सूत्रों की मानें तो नवजात की मौत की वजह नाक-कान में पानी घुसना है। पुलिस मामले की पड़ताल करने में लगी हुई है।

सामुदायिक उप स्वास्थ्य केंद्र सवालों के घेरे में

जिस सामुदायिक उप स्वास्थ्य केंद्र कटेकल्याण में छात्रा का इलाज चल रहा था, वहां तो इस बात की भनक भी नहीं थी कि छात्रा गर्भवती है। वे तो बुखार और स्वांस में समस्या का उपचार कर रहे थे। Cg unique delivery in toilet नवजात बच्ची को कमोड में फेंकने के बाद उसकी तबियत खासी बिगडऩे लगी तो कटेकल्याण से जिला अस्पताल रेफर किया गया। अस्पताल में आने के बाद मामले का भेद खुला।

आखिर कौन था लड़का

छात्रा की मां मितानिन है। मितानिन तो गर्भवती माताओं पर ही काम करती है। वह भी कह रही है कि मालूम नहीं था कि उसकी बेटी गर्भवती है। बेटी से जब पूछताछ की गई तो उसने बताया कटेकल्याण का ही लडक़ा है। हांलांकि पुलिस के संज्ञान में मामला आ चुका है, पर अभी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।

विद्यालय में सातवीं की छात्रा

दंतेवाड़ा के एकलव्य आवासी विद्यालय मे छात्रा अध्यनरत थी। वह कक्षा सातवीं की परीक्षा देकर अपने गांव चली गई थी। वह गांव से वापस भी नहीं आई थी। सवाल संस्था प्रबंधन पर भी उठता है कि रुटीन चेकअप के बाद भी छह माह का गर्भ स्वास्थ्य विभाग की टीम क्यों नहीं पकड़ सकी? क्या संस्था ने मामले को दबाने के लिए पर्दा डाल दिया या रुटीन चेकअप के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है। Cg unique delivery in toilet आदिवासी विकास विभाग का सीधा हस्तक्षेप होने के बाद भी अधिकारी कह रहे हैं एकलव्य संस्था उनके अधीन नहीं है।

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बेहतर इलाज के लिए जगदलपुर रेफर किया 

मेडिकल ऑफीसर प्रयंका सक्सेना ने बताया कि छात्रा को कटेकल्याण से जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। परिजन ने और वहां के स्टॉफ से कहा था कि बुखार और स्वांस में दिक्कत हो रही है। उसी आधार पर ईलाज चल रहा था। इस दौरान उसको ब्लीडिंग भी हो रही थी। सोनोग्राफी और अन्य जांच करवाई गई तो पता चला कि उसने एक बच्चे को जन्म दिया है। इसके बाद उसका प्रॉपर ईलाज शुरू किया गया। छात्रा अभी नाबालिग है।

मामले की जांच की जा रही

एसपी गौरव राय कहते हैं कि यह बेहद गंभीर मामला है। सभी बिंदुओं की पड़ताल की जा रही है। नवजात बच्चे का पोस्टमार्टम करवाया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत का कारण स्पष्ट होगा। मामले की गहराई से जांच की जा रही है। आरोपी को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। साथ ही जो भी तथ्य सामने आएंगे, उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

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