Bhupesh Baghel Supreme Court: शराब, कोयला और महादेव सट्टा एप घोटालों में नाम आने के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सर्वोच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की है।
रायपुर। Bhupesh Baghel Supreme Court: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गिरफ्तारी से बचने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है।
याचिका में सवाल उठाया गया है कि CBI और ED को छत्तीसगढ़ में जांच करने का अधिकार किस आधार पर मिला, जब राज्य सरकार ने पहले ही उनकी आम सहमति वापस ले ली थी। उन्होंने याचिका में मांग की है कि उन्हें इन मामलों में गिरफ्तार न किया जाए और जांच में सहयोग करने का अवसर दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सोमवार को सुनवाई होनी है।
Bhupesh Baghel Supreme Court: पूर्व सीएम ने SC में लगाई याचिका
आपको बता दें कि पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने ऐसे समय में याचिका दायर की है, जब जांच एजेंसियों ने इन घोटाला मामले में जांच को और तेज कर दिया है। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, भूपेश बघेल ने कोर्ट में कहा कि वे जांच में पूरी तरह से सहयोग करेंगे, लेकिन बिना वजह गिरफ्तार न किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को सुनवाई के लिए सोमवार को सूचीबद्ध किया है, जिससे इस मामले में कानूनी हलचल बढ़ गई है।
ED ने जुलाई में भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को किया था गिरफ्तार
ज्ञात हो कि जुलाई 2025 में ही ईडी ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया था। इस कार्रवाई से पहले ईडी ने भिलाई में उनके आवास पर छापेमारी की थी। मामला शराब घोटाले के मामले से जुड़ा बताया गया था। ईडी की टीम कई गाड़ियों में पहुंची थी और उसके साथ CRPF के जवान भी थे।
उस दौरान भूपेश बघेल ने ट्वीट करके कहा था, “ईडी आ गई है। आज विधानसभा सत्र का आखिरी दिन है। आज अडानी के लिए तमनार में काटे जा रहे पेड़ों का मुद्दा उठाया जाना था। भिलाई निवास में साहेब ने ED भेज दी है।”
चैतन्य बघेल की जमानत याचिका पर होगी सुनवाई
पूर्व सीएम बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की दाखिल जमानत याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट सुनवाई होनी है। चैतन्य की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि न तो उनका नाम ED की एफआईआर में है और न ही किसी के बयान में, इसके बावजूद राजनीतिक द्वेष के तहत उनकी गिरफ्तारी की गई। फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में हैं और उनका नाम ईडी की एफआईआर में नहीं है।
करीब 2,161 करोड़ रुपए की हेराफेरी
कथित शराब घोटाले को लेकर आरोप है कि इसमें 2019 और 2022 के बीच राज्य के खजाने से करीब 2,161 करोड़ रुपए की हेराफेरी की गई। सूत्रों के मुताबिक 2017 में शराब की खरीद और बिक्री के लिए एक कंपनी CSMCL बनाई गई थी। बाद में राज्य में सरकार बदलने के साथ ही ये सिंडिकेट के हाथ का एक टूल बन गई।
अवैध शराब बिक्री से बड़ा कमीशन कमाने का आरोप
ईडी का आरोप है कि CSMCL से जुड़े सभी कॉन्ट्रैक्ट सिंडिकेट से जुड़े लोगों को दिए जा रहे थे, और अवैध शराब बिक्री से बड़ा कमीशन कमाया गया। यह रकम पहले अनवर ढेबर को पहुंचाई गई और फिर उसने इसे राजनीतिक पार्टी तक साझा किया। अब इस पूरे मामले में कानूनी लड़ाई सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है, जहां बघेल परिवार सीबीआई की जांच पर सवाल खड़े कर रहा है।