Glanders disease in horses: सरगुजा जिले में घोड़ों, गधों और खच्चरों में पाई जाने वाली घातक संक्रामक बीमारी ग्लैंडर्स की पुष्टि हुई है। प्रोटोकॉल के तहत इन घोड़े को निर्धारित गाइडलाइन के अनुसार जहर देकर मारा जाएगा।
सरगुजा। Glanders disease in horses: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में घोड़ों, गधों और खच्चरों में पाई जाने वाली घातक संक्रामक बीमारी ग्लैंडर्स की पुष्टि हुई है। यह बीमारी जिले में पहली बार सामने आई है, जिससे पशु चिकित्सा विभाग में हड़कंप मच गया है।
बताया गया कि शादी-विवाह में इस्तेमाल किए गए दो घोड़ों में ग्लैंडर्स के लक्षण पाए गए थे। जांच के लिए उनके रक्त के नमूने हरियाणा स्थित राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र, हिसार भेजे गए। पांचवीं बार भेजे गए नमूनों में ग्लैंडर्स की पुष्टि हुई, जिसके बाद विभाग ने कार्रवाई तेज कर दी है।
Glanders disease in horses: जहर देकर मारे जाएंगे घोड़े
प्रोटोकॉल के अनुसार, यदि दोनों रिपोर्ट पॉजिटिव आती हैं तो घोड़ों को ज़हर देकर मारना अनिवार्य होता है, ताकि संक्रमण फैलने से रोका जा सके। पशु चिकित्सा विभाग ने कलेक्टर से अनुमति लेकर शुक्रवार को दोनों संक्रमित घोड़ों को मानक गाइडलाइन के तहत मारने की तैयारी कर ली है।

क्या है ग्लैंडर्स
ग्लैंडर्स एक अत्यंत संक्रामक बैक्टीरियल रोग है, जो घोड़ों, गधों, खच्चरों के अलावा कभी-कभी इंसानों को भी संक्रमित कर सकता है। यह रोग नाक, फेफड़ों और त्वचा को प्रभावित करता है और समय रहते इलाज न हो तो जानलेवा हो सकता है। गांठों-ग्रंथियों को प्रभावित करने के कारण इसे ग्लेंडर बरखेलडेरिया मैलाई कहा जाता है।
जबलपुर में हो चुकी है घोड़ों की मौत
मध्यप्रदेश के जबलपुर में अभी तक 10 घोड़ों की मौत हो चुकी है। यहां के भी दो घोड़ों के सैंपल हिसार भेजे गए थे, उनमें से एक की रिपोर्ट आने से पहले ही मौत हो गई थी जबकि दूसरे की रिपोर्ट के आधार पर वहां ग्लैंडर्स नियंत्रण प्रोटोकाल लागू किया गया है।
सतर्कता और दिशा-निर्देश
वर्तमान में सरगुजा जिले में कुल 28 घोड़े पंजीकृत हैं। पशुपालकों को सलाह दी गई है कि वे अपने जानवरों की नियमित जांच करवाएं और किसी भी असामान्य लक्षण पर तुरंत पशु चिकित्सा अधिकारियों से संपर्क करें।