Revenue Department Scam: सूरजपुर जिले से एक नया मामला सामने आया है। यहां लटोरी तहसील के तहसीलदार सुरेंद्र पैंकरा पर आरोप है कि उन्होंने शासकीय भूमि की रजिस्ट्री बिना पटवारी की रिपोर्ट और पहचान पत्र के कर दी।
सूरजपुर। Revenue Department Scam: राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार और नियमों की अनदेखी की शिकायत हमेशा से आती रही है, लेकिन ये इतने बेखौफ हो गए है कि अब खुलेआम वारदात को अंजाम दे रहे है। इन्हें कार्यवाही का कोई डर भी नहीं है।
जी हां, सूरजपुर जिले से एक नया मामला सामने आया है। यहां लटोरी तहसील के तहसीलदार सुरेंद्र पैंकरा पर आरोप है कि उन्होंने शासकीय भूमि की रजिस्ट्री बिना पटवारी की रिपोर्ट और पहचान पत्र के कर दी। बताया जा रहा है कि यह रजिस्ट्री उनके करीबी जमीन दलालों और एक पटवारी की पत्नी के नाम पर की गई, जिससे उन्हें सीधा फायदा पहुंचा।
जानकारी के मुताबिक, रजिस्ट्री की गई जमीन सरकारी मद से प्राप्त थी। ऐसे में यह सवाल उठता है कि यह जमीन विक्रेता के नाम पर कैसे पहुंची? क्या यह प्रक्रिया नियमों के तहत हुई या फिर नियमों की अनदेखी कर भूमि हेराफेरी की गई। फिलहाल यह अब जांच का विषय है।
कई अधिकारियों की मिलीभगत की आशंका!
बताया जा रहा है कि जिस पटवारी को इस रजिस्ट्री का लाभ मिला, उसने अपनी ही पत्नी के नाम पर यह जमीन खरीदी। हैरानी की बात यह है कि एक राजस्व अधिकारी होते हुए भी उसने यह सौदा नियमों को ताक पर रखकर किया। सवाल यह भी उठता है कि यह सब उसने अकेले किया या फिर इसमें तहसीलदार समेत अन्य अधिकारियों की मिलीभगत है?
Revenue Department Scam: तहसीलदार ने दी सफाई
इतना ही नहीं, तहसीलदार ने अपनी सफाई में कहा है कि खरीददारों ने उनसे वादा किया था कि वे बाद में पटवारी से साइन करवा लेंगे। इसी भरोसे उन्होंने रजिस्ट्री पर दस्तखत कर दिए। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि जिन दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्री की गई, उसमें खरीदार की जगह उसके पिता का पहचान पत्र संलग्न था।
योजनाओं का लाभ पाने पत्नी के नाम का उपयोग
आपको बता दे कि कई योजनाओं का लाभ लेने के लिए कुछ भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा अपनी पत्नी के नाम का इस्तेमाल किया जा रहा हैं। ये सोचते है कि इन्हें कोई पकड़ नहीं पाएगा। इस मामले में हैरान करने वाली बात यह है कि भ्रष्ट अधिकारी द्वारा जिस आधार कार्ड को पहचान पत्र के आधार पर जमा किया जाता है उसमें पिता के नाम पर उन्हीं का नाम दर्ज होता है।
बता दें कि इस मामले में कई गड़बड़ियों के सबूत सामने आए हैं। खबर है कि स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस पूरे प्रकरण से संबंधित दस्तावेज जुटा लिए हैं और जल्द ही इसकी शिकायत सूरजपुर कलेक्टर से की जाएगी। साथ ही यह मामला मीडिया के माध्यम से भी उजागर किया जाएगा।