Jashpur ajab gajab जहां डॉक्टरों की मुस्तैदी और त्वरित इलाज की वजह से उसकी जान बच गई। अब झाड़-फूंक करने वाले इन बाबा को अपनी गलती का एहसास हो गया है। अब यही बाबा कह रहे हैं कि इस तरह के मामले में सबसे पहले डॉक्टर के पास पहुंचे।
जशपुर। Jashpur ajab gajab थोथा चना बाजे घना। यह मुहावरा उस व्यक्ति के लिए इस्तेमाल किया जाता है जिसमें ज्ञान या योग्यता कम होती है, लेकिन वह सबके सामने होशियार बहुत बनता है। इस मुहावरे को सच करने वाली एक घटना जशपुर में भी हुई है। यहां एक शख्स लंबे समय से लोगों को सांप का जहर उतारने के लिए झाड़-फूंक के पाखंड के जरिए लोगों को बेवकूफ बनाता था।
लेकिन, जब उसे सांप ने काटा तो वह खुद का झाड़-फूंक करने के बजाय सीधे अस्पताल पहुंच गया। जहां डॉक्टरों की मुस्तैदी और त्वरित इलाज की वजह से उसकी जान बच गई। अब झाड़-फूंक करने वाले इन बाबा को अपनी गलती का एहसास हो गया है। अब यही बाबा कह रहे हैं कि इस तरह के मामले में सबसे पहले डॉक्टर के पास पहुंचे।
Jashpur ajab gajab पर बनी तो भूल गया अंधविश्वास
मामला जशपुर जिले के पत्थलगांव सिविल अस्पताल का है। रायगढ़ जिले के गांव बरपाली चरखपारा निवासी 40 वर्षीय शंकर यादव स्थानीय लोगों के बीच झाड़-फूंक और सांप पकड़ने के लिए मशहूर था। इस बीच शनिवार को उन्हें एक जहरीले नाग ने काट लिया। शंकर यादव अपने दाहिने हाथ से सांप को पकड़ने की कोशिश कर रहे थे।
सांप के काटने के तुरंत बाद शंकर यादव को उनके परिजनों ने बिना देरी किए सिविल अस्पताल पत्थलगांव पहुंचाया। अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मरीज को प्राथमिक उपचार दिया। Jashpur ajab gajab इसके बाद सर्पदंश के लिए जरूरी एंटी-वेनम इंजेक्शन और अन्य चिकित्सा सुविधाएं समय पर उपलब्ध कराई गईं, जिससे उनकी जान बच गई।
बोला गलती हो गई, अंधविश्वास में ना जाएं
शंकर ने कहा कि वे पिछले कई सालों से सांप पकड़ने के अलावा सर्पदंश पीड़ितों का झाड़ फूंक करता आ रहा था. इस बार जब सांप ने उन्हें काट लिया तो उन्होंने तुरंत अस्पताल जाने का फैसला किया और आज वह ठीक है. अब वे कह रहे हैं कि सर्पदंश होने पर झाड़-फूंक या देसी नुस्खों पर भरोसा न करें. तुरंत अस्पताल जाएं, क्योंकि समय पर इलाज ही आपकी जान बचा सकता है.