Mahtari vandan scheme कुछ ऐसी महिलाओं को भी लाभ नहीं मिल पा रहा है, जो डेढ़ वर्षों में योजना के लिए पात्र हो गई हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े पंजीयन पोर्टल को दोबारा खोलने की घोषणा भी कर चुकी हैं।
रायपुर। Mahtari vandan scheme छत्तीसगढ़ की महत्वाकांक्षी और बहुर्चित महतारी वंदन योजना को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। इस योजना से पिछले एक साल के अंदर करीब 80 हजार महिलाओं के नाम काटे जा चुके हैं। इसमें 47 हजार महिलाओं के नाम उनकी मृत्यु होने की वजह से सूची से बाहर किया गया है। इनमें से कई महिलाओं के खाते में मौत के बाद भी लगातार पैसे ट्रांसफर किए जाते रहे हैं। इनमें राजधानी रायपुर के ही 1,927 नाम शामिल हैं।
Mahtari vandan scheme किनको किया गया बाहर
छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार आते ही साल 2024 में महिलाओं के लिए महतारी वंदन योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत पात्र हितग्राहियों को प्रति माह एक हजार रुपए की राशि दी जाती है। मार्च 2024 से हर महीने सरकार द्वारा महिलाओं के खाते में राशि डाली जाती है। इस माह 16वीं किस्त 69.30 लाख महिलाओं को जारी की गई है।
कर दिया था गलत आवेदन
दरअसल, जिन महिलाओं के नाम काटे गए, उसकी वजह भी सामने आई है। बताया गया है कि योजना की शुरुआत में कुछ महिलाओं ने ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों तरीके से आवेदन किया था।कुछ महिलाओं के आधार कार्ड दस साल से अधिक पुराने होने के कारण निष्क्रिय थे, जिसकी वजह से उनके नाम हटाए गए हैं। Mahtari vandan scheme कुछ महिलाएं शासकीय सेवा में होने के बाद भी योजना का लाभ ले रही थीं। शिकायत मिलने पर उनके नाम हटाए गए हैं।
नहीं भिजवाई सही जानकारी
कुछ ऐसी महिलाएं भी थीं, जो रिटायरमेंट के बाद पेंशन के साथ इस योजना का भी लाभ ले रही हैं। इसके अलावा मृतक हितग्राही भी हैं, जिनके नाम काटे गए हैं। कुछ महिलाओं की मृत्यु की जानकारी विलंब से मिलने की वजह से विभाग की ओर से राशि भी जारी की गई है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, पर्यवेक्षकों, परियोजना अधिकारी और हितग्राहियों के स्वजन की ओर से मृत्यु होने की जानकारी दी जाती है।
पंजीयन पोर्टल के दोबारा खुलने का इंतजार
प्रदेश में अभी भी लाखों महिलाएं योजना से वंचित हैं, जिन्हें पंजीयन पोर्टल का दोबारा खुलने का इंतजार है। ये महिलाएं पहली बार पंजीयन पोर्टल में आवेदन करने से चूक गई थीं।कुछ ऐसी महिलाओं को भी लाभ नहीं मिल पा रहा है, जो डेढ़ वर्षों में योजना के लिए पात्र हो गई हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े पंजीयन पोर्टल को दोबारा खोलने की घोषणा भी कर चुकी हैं।