Crime News: कैबिनेट मंत्री टंकराम वर्मा के भतीजे कृष्णा उर्फ राजा वर्मा पर पेट्रोल पंप सुपरवाइजर से मारपीट और लूट का आरोप है। मंत्री ने सफाई देते हुए कहा कि इसके बारे में मुझे जानकारी नहीं है।
बलौदाबाजार। CG Crime News: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार भाटापारा जिले में एक पेट्रोल पंप के सुपरवाइजर के साथ मारपीट व लूट की गई। यह वारदात राज्य के मंत्री टंकराम वर्मा के भतीजे ने कृष्णा वर्मा ने अपने साथियों के साथ मिलकर की थी। पीड़ित का कहना है कि ‘चाचा हमारे मंत्री हैं’ कहकर धौंस दिखाया और 15-20 साथियों के साथ मिलकर पीटा इतना ही इस घटना से राजनितिक माहौल गरमा गया है।
आरोप है कि पुलिस पहले एफआईआर दर्ज करने से भी बचती रही। हालांकि बाद में दखल के एफआईआर दर्ज तो हुई। लेकिन उसमें कई बातें छुपाई गई। जिससे पीड़ित ने पुलिस पर आरोप लगाए हैं। वहीं, मंत्री ने भी मामले में सफाई दी है। पूरी घटना सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र की है।
जानें क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, यह मामला 9 अगस्त की रात का है। ठेलकी का रहने वाल विनोद दुबे (50) ढाबाडीह पेट्रोल पंप में काम करता है। शनिवार की रात वह ड्यूटी पर था। इस दौरान मंत्री टंकराम वर्मा का भतीजा कृष्णा शनिवार रात गाड़ी में पेट्रोल डलवाने पहुंचा था। इसके बाद भतीजे ने उसे पेट्रोल पंप के पास वाले ढाबे में बुलाकर मारपीट की। इस मामले में पुलिस ने राजा वर्मा (43), आशीष बघेल (43) और भीम साहू (26) को गिरफ्तार किया है।
मंत्री का धौंस दिखाकर मारपीट
पीड़ित विनोद दुबे ने बताया कि जा वर्मा ने अपने चाचा को मंत्री बताते हुए धमकाया। फिर साथियों के साथ मिलकर मारपीट की और मोबाइल और पैसे भी छीन लिए। अगले दिन मैंने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन पुलिस ने एफआईआर में लूट का जिक्र नहीं किया है।
मंत्री ने दी सफाई
वहीं इस मामले में मंत्री टंकराम वर्मा का सफाई देते हुए बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि इसके बारे में मुझे जानकारी नहीं है। कानून अपने जगह में कानून से बड़ा कोई नहीं है। जो भी गलत काम है उस पर कार्रवाई होगी। मंत्री से हम राजनीति कम और धार्मिक व्यक्ति है। हम गलत काम करने वालों को सरंक्षण नहीं देते समर्थन नहीं देते हैं।
भतीजे को बचाने का आरोप- कांग्रेस
मंत्री टंकराम वर्मा के बयान पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता शैलेश नितिन त्रिवेदी ने आरोप लगाया है कि मंत्री अपने भतीजे को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस भी मामले को दबाने में लगी है। एफआईआर नंबर 756 पुलिस की वेबसाइट पर दिखाई नहीं दे रहा, जो संदेह पैदा करता है।