MR entry ban in Sims : अब सिम्स में ओपीडी के दौरान डॉक्टरों से नहीं मिल पाएंगे एमआर, मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव्स को गेट के अंदर घुसने पर भी प्रतिबंध, सरकार ने जारी किया सर्कुलर, जानिए वजह

On: Friday, June 20, 2025 8:56 AM
ad

MR entry ban in Sims इस तरह से यदि केवल अस्पताल के दवाईयों के भरोसे इलाज करने का आदेश दिया जाता है तो वह मरीज़ के साथ अन्याय होगा। सभी मरीज मुफ्त की दवाई लेना नहीं चाहते हैं. कई ऐसे भी होते हैं जो सरकारी डॉक्टरों को दिखाकर खुले बाज़ार से दवाई लेना चाहते हैं।

बिलासपुर। MR entry ban in Sims छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के सिम्स मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव्स का प्रवेश बंद कर दिया गया है। संयुक्त संचालक अधीक्षक, सिम्स चिकित्सालय बिलासपुर द्वारा इस संबंध में हाल ही में एक सर्कुलर भी जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि इससे मरीजों को परेशानी होती है।  इस निर्देश को लेकर अब सवाल उठ रहे हैं।

मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव्स का कहना है कि यदि देश के तीन कानूनों ड्रग एण्ड कॉस्मेटिक एक्ट 1940, मैजिक रेमेडीज एण्ड आब्जेक्शेनल एक्ट 1954 तथा सेल्स प्रमोशन ईम्प्लाईज एक्ट को जोड़कर देखे तो केवल मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव्स ही डॉक्टरों के पास, साहित्य के माध्यम से दवाओं का प्रचार कर सकते हैं। दूसरी बात यह है कि यदि मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव्स का प्रवेश ओपीडी समय में प्रतिबंधित कर दिया जाता है तो वे डॉक्टरों से कब मिल सकते हैं।

MR entry ban in Sims दिया गया संविधान का हवाला

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में रमन सरकार के समय मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव्स के कार्य अवधि को लेकर छत्तीसगढ़ शासन ने एक सर्कुलर जारी किया था। जिसके अनुसार मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव्स के कार्य करने का समय बिलासपुर में प्रातः 10 बजे से लेकर सायंकाल 6 बजे तक का है। MR entry ban in Sims जाहिर है, ऐसे में ताज़ा सर्कुलर को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि संयुक्त संचालक अधीक्षक, सिम्स चिकित्सालय, बिलासपुर क्या मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव्स के लिये कोई नया कार्य का समय तय करना चाहते हैं?

डॉक्टर्स कैसे जानेंगे नई दवाईयां

मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव्स इस बात को लेकर सवाल उठा रहे हैं कि इस प्रतिबंध के बाद, अस्पताल के डॉक्टरों को नई आविष्कृत दवाओं के बारे में, उनके डोज के बारे में, उनके मूल्य के बारे में तथा उनकी उपलब्धता के बारे में कौन जानकारी देगा। MR entry ban in Sims बेशक, सरकारी अस्पताल में मुफ्त की दवाई उपलब्ध रहती है और दी जाती है लेकिन वहां भी सभी दवाई उपलब्ध नहीं रहती हैं।

Read more: Puri Jagannath yatra : पुरी जगन्नाथ रथ यात्रा के लिए रेलवे चलाएगा स्पेशल ट्रेन, छत्तीसगढ़ के यात्रियों के चेहरे खिले, यहां देखें ट्रेन शेड्यूल

दवाई के लिए खुला बाजार भी

इस तरह से यदि केवल अस्पताल के दवाईयों के भरोसे इलाज करने का आदेश दिया जाता है तो वह मरीज़ के साथ अन्याय होगा। सभी मरीज मुफ्त की दवाई लेना नहीं चाहते हैं. कई ऐसे भी होते हैं जो सरकारी डॉक्टरों को दिखाकर खुले बाज़ार से दवाई लेना चाहते हैं।

मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव्स का कहना है कि इस तरह से उनके प्रवेश को प्रतिबंधित करना न केवल संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह मरीजों के साथ भी अन्याय है।

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now