Bharat Bandh on 10 June: बस्तर में सुरक्षाबल के जवानोंकी लगातार कार्रवाई से नक्सली संगठन खौफ में हैं। बड़े लीडर्स की मौत ने उन्हें हिलाकर रख दिया है। इसी बीच 10 जून को भारत बंद का आह्वान किया है।
जगदलपुर। Naxalites call for Bharat Bandh on June 10: जवानों की लगातार कार्रवाई से नक्सली पस्त होते नजर आ रहे है। बड़े लीडर्स की मौत से उन्हें तगड़ा झटका लगा है और वो बौखलाए हुए है। इसी बीच माओवादी के महासचिव, कुख्यात नक्सली नंबाला केशवराव उर्फ बसवराजू उर्फ गगन्ना सहित 27 नक्सलियों के मारे जाने के विरोध में उन्होंने 10 जून को भारत बंद का आह्वान किया है।
बता दें कि माओवादी केंद्रीय समिति के प्रवक्ता अभय ने इस मुठभेड़ को गृह मंत्रालय के निर्देश पर की गई पूर्व नियोजित हत्या बताया है। साथ ही, 11 जून से 3 अगस्त तक मारे गए माओवादियों की स्मृति में श्रद्धांजलि सभाएं एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। हालांकि, पुलिस और सुरक्षा बलों ने इस मुठभेड़ को एक बड़ी सफलता बताया है, लेकिन नक्सलियों द्वारा उठाए गए विरोध कदम से देशभर में असंतोष और असुरक्षा की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
85 माओवादी मारे गए
इसे लेकर अभय ने बताया कि मार्च 2025 में न्यायमूर्ति चंद्रकुमार की अध्यक्षता में केंद्र सरकार द्वारा हैदराबाद में शांति वार्ता समिति गठित की गई थी। माओवादियों ने इसका समर्थन करते हुए संघर्ष विराम की घोषणा की थी। 2 महीने तक संगठन ने अत्यधिक संयम बरता, लेकिन सुरक्षा बलों द्वारा अभियान जारी रखे गए। इस अवधि में 85 माओवादी मारे गए, जिससे वार्ता का विश्वास ही टूट गया।
जानिए कौन था नंवबल्ला केशव राव ऊर्फ बसवराजू?
नंवबल्ला केशव राव उर्फ बसवराजू का उम्र करीब 70 साल था और वो श्रीकाकुलम जिले के जियन्नापेटा गांव का रहने वाला था। बसवराजू नवंबर 2018 से सीपीआई माओवादी संगठन का महासचिव था और पिछले 35 सालों से माओवादी संगठन की केन्द्रीय कमेटी का सदस्य था। बसवराजू एके 47 रायफल साथ रखता है। छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र के इलाके में वो सक्रिय है।
बता दें कि बसवराजू पर करीब डेढ़ करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। इसके मारे जाने से नक्सली संगठन को तगड़ा झटका लगा है।
बसवराजू के कार्यकाल में हुए बड़े नक्सली हमले…
2003 में अलीपीरी बम विस्फोट:- आंध्र प्रदेश के तत्कालीन सीएम चंद्रबाबू नायडू की हत्या का प्रयास।
2010 में दंतेवाड़ा नरसंहार:- इस हमले में 76 सीआरपीएफ जवान मारे गए थे।
2013 में झीरम घाटी हमला:- इसमें वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं सहित 27 लोग मारे गए थे।
2019 में श्यामगिरी हमला:- बीजेपी विधायक भीमा मंडावी सहित पांच लोग मारे गए।
2020 में मिनपा एंबुश:- सुकमा में हुए नक्सली हमले में 17 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे।
2021 में टेकलगुड़ेम हमला:- बीजापुर में उस साल का सबसे बड़ा नक्सली हमला, जिसमें 22 जवान शहीद हो गए।
इंजीनियरिंग की पढ़ाई की
बता दें कि बसवराजू ने रिजनल इंजीनियरिंग कॉलेज वारंगल से बीटेक किया था। उसे नंवबल्ला केशव राव गनगन्ना, विजय, दरपू नरसिम्हा रेड्डी, नरसिम्हा, प्रकाश, कृष्णा आदि नामों से भी जाना जाता था। सूत्रों के मुताबिक, उसने साल 1970 में घर छोड़ दिया था।
इसके उपरांत गणपति के बाद बसवराजू को साल 2018 में संगठन के महासचिव की जिम्मेदारी मिली थी और वो संगठन में ज्यादातर समय सैन्य कमान संभालता रहा। बता दें कि हमलों की रणनीति बनाने में भी बसवराजू को माहिर माना जाता था। इसके लिए बसवराजू को वारफेयर में महारत हासिल था।