Thursday, May 8, 2025

Pahadi korwa suicide case :  आत्महत्या के बाद बलरामपुर के पहाड़ी कोरवा को मिला न्याय, तहसीलदार निलंबित

Pahadi korwa suicide case छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में फर्जी तरीके से पहाड़ी कोरबा की जमीन बेचने के आरोप में कमिश्नर सरगुजा ने तहसीलदार को निलंबित कर दिया है। साथ ही विवादित जमीन का विक्रय नामा भी निरस्त कर दिया है।

बलरामपुर। Pahadi korwa suicide case छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में फर्जी तरीके से पहाड़ी कोरबा की जमीन बेचने के आरोप में कमिश्नर सरगुजा ने तहसीलदार को निलंबित कर दिया है। साथ ही विवादित जमीन का विक्रय नामा भी निरस्त कर दिया है। जमीन बिकने से परेशान पहाड़ी कोरवा ने आत्महत्या कर ली थी। आत्महत्या करने से पहले उसने तहसीलदार पर जमीन बिकवाने का आरोप लगाया था।

Pahadi korwa suicide case क्या थी घटना

दरअसल, बलरामपुर जिले के राजपुर ब्लॉक के ग्राम भेस्की के पहाड़ी कोरवा परिवार ने दिसंबर 2024 में थाना राजपुर और पुलिस चौकी बरियो में जमीन हड़पने की शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में बताया गया कि भइरा कोरवा के नाम पर दर्ज संयुक्त खाते की जमीनों को पटवारी से सांठ-गांठ कर सामान्य वर्ग के व्यक्ति के नाम पर रजिस्ट्री करा दी गई। Pahadi korwa suicide case इस मामले की शिकायत कलेक्टर और एसपी बलरामपुर से भी की गई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इससे परेशान पीड़ित भइरा कोरवा ने 22 अप्रैल को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ा और जांच शुरू की गई।

नियम विरुद्ध किया रजिस्ट्री 

जांच में पाया गया कि भइरा कोरवा के नाम पर संयुक्त खाते में दर्ज ग्राम भेस्की की कुल 2.411 हेक्टेयर भूमि को बिना सहखातेदार की अनुमति और सक्षम अधिकारी की पूर्व स्वीकृति के बेचा गया, जो छत्तीसगढ़ शासन के नियम निरुद्ध है। क्योंकि नियमानुसार किसी भी जनजातीय समुदाय की ज़मीन की खरीद-बिक्री के लिए प्रशासनिक अनुमति अनिवार्य की गई है। एसडीएम की जांच में यह भी पाया गया कि तत्कालीन तहसीलदार और प्रभारी उप पंजीयक राजपुर यशवंत कुमार के द्वारा उक्त जमीन को बेचने के लिए खरीदार शिवाराम के बीच पंजीकृत बिक्रीनामा बनाया गया।

बिना पंजीयन नहीं किया जा सकता

जबकि सह खातेदार की भूमि होने के कारण पंजीयक द्वारा संपत्ति अंतरण अधिनियम पर विचार-विमर्श किए बिना पंजीयन नहीं किया जा सकता है। इस प्रकार फर्जी तरीके से संयुक्त खाते की भूमि को छलपूर्वक और धोखाधड़ी कर संगठित अपराध को अंजाम दिया गया। तत्कालीन प्रभारी उप पंजीयक यशवंत कुमार के द्वारा कलेक्टर सरगुजा के आदेश का स्पष्ट उल्लंघन किया गया है, जो छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के खिलाफ पाया गया है।सरगुजा कमिश्नर नरेन्द्र कुमार दुग्गा के द्वारा तत्कालीन तहसीलदार और प्रभारी उप पंजीयक यशवंत कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।

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7 के खिलाफ अपराध दर्ज

मामले की जांच के बाद शिवाराम, विनोद अग्रवाल, प्रवीण अग्रवाल, महेन्द्र गुप्ता, उदय शर्मा, राहुल सिंह, यशवंत कुमार के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है। मामले में मुख्य आरोपी क्रेशर संचालक विनोद अग्रवाल, प्रवीण अग्रवाल सहित यशवंत कुमार और पटवारी राहुल सिंह अब तक फरार बताए गए हैं। बताया गया कि पहाड़ी कोरवा की उक्त जमीन के पास ही विनोद अग्रवाल और प्रवीण अग्रवाल का क्रेशर प्लांट है। विनोद अग्रवाल और प्रवीण अग्रवाल ने ही पहाड़ी कोरवा की जमीन हथियाने की साजिश रची थी। प्रशासन ने मामला सामने आने के बाद क्रेशर प्लांट को सील कर दिया है।

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