Patient on stretcher: अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में लापरवाही का हैरान कर देने वाला सामने आया है। ऑक्सीजन सपोर्ट पर बुजुर्ग महिला को स्ट्रेचर से सड़क पार कराते परिजन का वीडियो वायरल हो रहा है।
अंबिकापुर। Patient on stretcher: छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर स्थित श्रीमती देवेंद्र कुमारी सिंहदेव मेडिकल कॉलेज अस्पताल से लापरवाही का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक बुजुर्ग महिला मरीज को ऑक्सीजन लगाकर स्ट्रेचर पर सड़क पार कराते हुए ले जाया गया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
जानकारी के अनुसार, महिला को ऑक्सीजन सपोर्ट पर एमसीएच ब्लॉक से मुख्य बिल्डिंग तक जांच के लिए शिफ्ट किया जा रहा था। इस दौरान परिजन ऑक्सीजन सिलेंडर खुद खींचते हुए हॉस्पिटल के बाहर की सड़क पार कराकर मरीज को अंदर लेकर गए।
कारण बताओ नोटिस जारी
इस पूरे मामले में अस्पताल प्रबंधन ने नर्सिंग स्टाफ की लापरवाही मानते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है। अधीक्षक ने संबंधित नर्सिंग सिस्टर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नियमों के मुताबिक, इस तरह की स्थिति में मरीज को शिफ्ट करने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था होनी चाहिए थी, लेकिन स्टाफ नर्स की चूक के कारण परिजन विवश होकर सड़क से मरीज को स्ट्रेचर पर ले गए।
Read More: 46 पटवारियों को नोटिस, नाराज कलेक्टर ने लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को लगाई फटकार… मचा हड़कंप
कांग्रेस नेताओं ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण
घटना सामने आने के बाद जेडी हेल्थ ने भी मददगार नर्स को नोटिस जारी कर जांच के आदेश दिए हैं। वहीं, कांग्रेस नेताओं ने इस वीडियो को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सवाल उठाया है कि इतने बड़े मेडिकल कॉलेज में मरीजों को सुरक्षित ले जाने की उचित व्यवस्था क्यों नहीं है।
स्वास्थ्य मंत्री का क्षेत्र लेकिन फिर भी ऐसी तस्वीर
वही सबसे बड़ी बात है कि इस लापरवाही का शिकार होने वाला मरीज और उसके परिवार के लोग सरगुजा संभाग के मनेन्द्रगढ़ के रहने वाले हैं, जो प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल का विधानसभा क्षेत्र हैं।
अब सवाल उठ रहा है कि आखिर अंबिकापुर का सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल की तस्वीर कब तक ऐसी रहेगी, कब तक मरीजों के परिजनों को यहां परेशान होना पड़ेगा, कब तक मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ होता और कब तक जिम्मेदार खामोश रहेंगे। उम्मीद है कि अस्पताल की जिम्मेदारों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई होगी और इस बार पहले की तरह छोटे कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई कर खानापूर्ति नहीं होगी।