Sacrifice of child: ‘मनचाहा धन’ पाने के लालच में 7 साल की मासूम बच्ची लाली की बलि दे दी गई। इस मामले में बच्ची के रिश्तेदारों समेत पांच लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
बिलासपुर। Sacrifice of child: अंधविश्वास की अंधी गलियों में भटकते हुए एक परिवार ने इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना को अंजाम दिया। लोरमी थाना क्षेत्र के कोसाबाड़ी गांव में ‘मनचाहा धन’ पाने के लालच में 7 साल की मासूम बच्ची लाली की बलि दे दी गई। इस मामले में बच्ची के रिश्तेदारों समेत पांच लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
Sacrifice of child: CCTV नहीं, DNA ने खोला राज
बता दें कि 12 अप्रैल को कोसाबाड़ी निवासी पुष्पा गिरि गोस्वामी ने लोरमी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि बीती रात उसकी बेटी लाली रात में उसके साथ सो रही थी। रात करीब 2 बजे जब नींद खुली तो देखा कि वह बिस्तर पर नहीं है। सुबह तक तलाशने पर भी वह कहीं नहीं मिली।
पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू की, लेकिन बच्ची का कोई सुराग नहीं मिला। लगभग एक महीने बाद, 6 मई को श्मशान के पास खेत में एक खोपड़ी और मानव अवशेष मिले। DNA जांच में पुष्टि हुई कि वे अवशेष लाली के ही थे।
गरीबी और बीमारी के बीच पला परिवार
लाली का परिवार बेहद गरीब है। उसके पिता पोलियो और लकवे से ग्रस्त हैं, जबकि मां मानसिक रूप से कमजोर बताई गई है। परिवार चचेरे भाई चिम्मन गिरी पर आश्रित था, जो हत्या की साजिश में शामिल निकला।
गिरफ्तार आरोपी
जांच में सामने आया कि बच्ची की हत्या की साजिश रचने वाले उसके ही रिश्ते में भाई-भाभी थे। आरोपियों के नार्को टेस्ट के बाद मर्डर का खुलासा हुआ है, आरोपियों ने कबूला है कि मनचाही संपन्नता पाने के लिए ये सब किया। पुलिस ने बच्ची के चचेरे भाई-भाई, तांत्रिक समेत 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
चिम्मन गिरी गोस्वामी (40) – चचेरा भाई
ऋतु गोस्वामी (36) – चाची (मुख्य साजिशकर्ता)
नरेंद्र मार्को (21) – बच्ची को घर से उठाने वाला
आकाश मरावी (21) – शव को खेत में गाड़ने वाला
रामरतन निषाद (45) – झाड़फूंक करने वाला बैगा
Sacrifice of child: ऐसे रची गई हत्या की साजिश
मुख्य आरोपी ऋतु गोस्वामी ने बैगा रामरतन निषाद से ‘झरन पूजा’ के लिए बच्ची की बलि की योजना बनाई। नरेंद्र मार्को को बच्ची को रात में चुपचाप उठाने के लिए पैसे दिए गए। काले कपड़े पहनाकर बच्ची के साथ तांत्रिक क्रियाएं की गईं, फिर चाकू से हत्या कर शव खेत में गाड़ दिया गया। वहीं पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त चाकू और तांत्रिक अनुष्ठान की सामग्री भी जब्त कर ली है। आरोपी नार्को टेस्ट में हत्या की बात कबूल चुके हैं।
गांव में मातम और गुस्सा
कोसाबाड़ी गांव सहित पूरे लोरमी क्षेत्र में घटना को लेकर शोक और आक्रोश है। लोग अंधविश्वास की इस भयावह सच्चाई से स्तब्ध हैं। यह सनसनीखेज मामला न सिर्फ तंत्र-मंत्र के नाम पर होने वाले अपराधों की भयावहता दिखाता है, बल्कि कानून व्यवस्था और सामाजिक चेतना दोनों के लिए एक बड़ा सवाल भी खड़ा करता है।