तेंदूपत्ता घोटाले में बड़ा खुलासा! DFO और अफसरों की साठगांठ से मजदूरों का बोनस हड़पा, 4 वनकर्मी समेत 11 गिरफ्तार

On: Friday, June 27, 2025 4:59 PM
तेंदूपत्ता घोटाले में बड़ा खुलासा! DFO और अफसरों की साठगांठ से मजदूरों का बोनस हड़पा, 4 वनकर्मी समेत 11 गिरफ्तार
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Tendu leaves scam: 7 करोड़ रुपये के तेंदूपत्ता घोटाले में EOW ने 4 वनकर्मी और 7 समिति प्रबंधकों सहित 11 और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। तत्कालीन DFO अशोक पटेल पहले ही अरेस्ट हो चुके हैं। बोनस राशि गबन का मामला, जांच जारी है।

Tendu leaves scam: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में लगभग 7 करोड़ रुपये के तेंदूपत्ता बोनस घोटाले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए वन विभाग के 4 कर्मियों और 7 प्राथमिक वनोपज समिति प्रबंधकों सहित कुल 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में पूर्व में गिरफ्तार किए गए तत्कालीन DFO अशोक कुमार पटेल को मिलाकर अब तक 12 गिरफ्तारी हो चुकी हैं।

Tendu leaves scam: DFO ने पद का दुरुपयोग कर रचा घोटाला

EOW के अनुसार, तत्कालीन DFO अशोक कुमार पटेल ने पद का दुरुपयोग करते हुए वन विभाग के अन्य अधिकारियों और समिति प्रबंधकों के साथ आपराधिक साजिश रचकर तेंदूपत्ता संग्राहकों को मिलने वाला बोनस खुद और निजी व्यक्तियों के हित में खर्च कर दिया। इससे सैकड़ों मजदूरों को उनके हक से वंचित होना पड़ा।

गिरफ्तार आरोपी

EOW ने जिन 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनमें शामिल हैं: 4 वनकर्मी चैतूराम बघेल, देवनाथ भारद्वाज, पोड़ियामी हिडमा (इडिमा), मनीष कुमार बारसे (वनरक्षक) और 7 समिति प्रबंधक पायम सत्यनारायण उर्फ शत्रु, मो. शरीफ, सीएच रमना (चिट्टी), सुनील नुप्पो, रवि कुमार गुप्ता, आयतू कोरसा और मनोज कवासी को गिरफ्तार किया है।

Tendu leaves scam

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इन सभी के खिलाफ IPC की धारा 409 (आपराधिक विश्वासघात) और 120बी (साजिश) के तहत अपराध क्रमांक 26/2025 में मामला दर्ज कर लिया गया है। EOW की टीम आगे की जांच में जुटी है।

क्या है पूरा मामला?

Tendu leaves scam: यह घोटाला वर्ष 2021-22 के तेंदूपत्ता सीजन से जुड़ा है, जिसमें करीब 7 करोड़ रुपये की बोनस राशि तेंदूपत्ता तोड़ने वाले मजदूरों को दी जानी थी। जांच में सामने आया कि अधिकारियों और समिति प्रबंधकों ने आपसी मिलीभगत से बड़ी रकम गबन की और संग्राहकों तक पैसा नहीं पहुंचाया। सूत्रों के अनुसार, इस गबन की राशि का कुछ हिस्सा कथित रूप से पूर्व विधायक मनीष कुंजाम और कुछ पत्रकारों को भी दिया गया। हालांकि, इस पहलू पर EOW की जांच जारी है।

पहले ही हो चुकी है छापेमारी

EOW/ACB ने इस मामले में 8 अप्रैल 2025 को FIR दर्ज की थी। इसके बाद 10 अप्रैल को छापेमारी कर कई दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक सबूत जब्त किए गए थे। अब तक हुई कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ छत्तीसगढ़ सरकार की सख्त नीति का उदाहरण माना जा रहा है।

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