Viral Video: तखतपुर ब्लॉक के जनगडोरी हाई स्कूल में बिजली विभाग की लापरवाही का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। विभाग के कर्मचारियों ने मजदूर बुलाने के बजाय स्कूल के बच्चों से ही रस्सी खिंचवाकर ट्रांसफार्मर लगवा दिया।
बिलासपुर। CG Politics News: स्कूल मंदिर होता है और वहां बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं, लेकिन क्या हो जब इसी मंदिर के अंदर बच्चों से मजदूरी कराई जाए। एक ऐसा ही शर्मसार कर देने वाली घटना बिलासपुर जिले के तखतपुर ब्लॉक के जनगडोरी हाई स्कूल से सामने आई है, जिसने शिक्षा व्यवस्था और बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
दरअसल, एक माह से खराब पड़े ट्रांसफार्मर को बदलने पहुंचे बिजली विभाग के कर्मचारियों ने मजदूर बुलाने के बजाय स्कूल के बच्चों से ही रस्सी खिंचवाकर ट्रांसफार्मर लगवा दिया। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि बच्चे भारी-भरकम ट्रांसफार्मर को खींच रहे हैं, जबकि विभाग के कर्मचारी और स्कूल के शिक्षक पास खड़े हैं। इस काम के लिए बच्चों को न तो कोई पारिश्रमिक दिया गया और न ही उनकी सुरक्षा का ध्यान रखा गया।
पूर्व सीएम का हमला
वीडियो वायरल होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय पर कटाक्ष करते हुए कहा कि शिक्षा और ऊर्जा दोनों विभाग मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के पास हैं। तीन टका सरकार के मुखिया को बेशर्मी की चुप्पी तोड़नी होगी।
देखें वायरल VIDEO
घटना का वीडियो सामने आते ही यह मामला चर्चा का विषय बन गया है। वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि बच्चे रस्सी पकड़कर भारी-भरकम ट्रांसफार्मर को खींच रहे हैं, जबकि पास में बिजली विभाग के कर्मचारी खड़े हैं। वहीं, स्कूल के शिक्षकों ने भी उन्हें मना नहीं किया।
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DEO बोले- प्राचार्य से ली जाएगी जानकारी
वायरल वीडियो पर जिला शिक्षा अधिकारी विजय टांडे ने कहा कि यह गंभीर मामला है। स्कूली बच्चों से इस तरह से काम कराना गलत है। इस मामले में स्कूल के प्राचार्य से जानकारी ली जाएगी। जिसके बाद जवाबदेही तय कर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने माना कि यह बहुत जोखिम भरा था, अगर इस दौरान कोई हादसा हो जाता तो कौन जिम्मेदार होता।
लोगों ने कही ये बात
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह न केवल बच्चों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है, बल्कि गंभीर लापरवाही का भी उदाहरण है। ट्रांसफार्मर का वजन और उससे जुड़ी तकनीकी जोखिमों को देखते हुए यह काम केवल प्रशिक्षित मजदूर या तकनीशियन को करना चाहिए था। अब इस मामले में विभागीय जांच की मांग तेज हो गई है, जबकि शिक्षा और बिजली विभाग के अधिकारी मामले को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं।