विश्व के तीसरे सबसे कठिन परीक्षा को पास करना आसान नहीं है, लेकिन रमेश घोलप ने यह कर दिखाया
IAS रमेश घोलप का जन्म महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव में हुआ था।
रमेश घोलप के पिता साइकिल रिपेयरिंग की दुकान चलाते थे, और उनकी मां घर घर जाकर चूड़ियां बेचती थीं।
रमेश घोलप का बचपन काफी संघर्ष पूर्ण था IAS रमेश बचपन में पोलियो का शिकार हो गए थे।
साल 2005 में रमेश के पिता का देहांत हो गया जिसे उनका पूरा जीवन अस्त व्यस्त हो गया था।
आर्थिक तंगी से जूझने के बावजूद रमेश ने कभी पढ़ाई पर से अपना मन नहीं हटाए,और निरंतर पढ़ाई करते रहे ।
पैसों की कमी को दूर करने के लिए रमेश शिक्षक के रूप में काम करते हुए पढ़ाई जारी रखी।
सिविल सेवा में जाने की प्रेरणा उन्हें एक तहसीलदार से मिली।
पहली असफलता के बाद भी रमेश ने हार नहीं मानी।
2012 में उन्होंने UPSC क्रैक कर IAS बनने का सपना पूरा किया।