महाप्रभु भगवान जगन्नाथ के खुले खजाने का आंकलन जारी.. 4 अलमारी, 3 संदूकों में भरे मिले सोने के आभूषण

On: Friday, July 19, 2024 8:47 AM
1 Odisha Puri World Famous Mahaprabhu Lord Jagannath Treasure
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रविवार 14 जुलाई 2024 को 46 साल बाद रत्न भंडार खोला गया है। इससे पहले चार दशक पहले हुए आंकलन में बाहरी रत्न भंडार का सामान 6 बक्सों में शिफ्ट कर सील किया गया था

  1. खजाने को शिफ्ट करने में कर्मचारियों को लग गए सात घंटे.. और भी रोचक बातें जानें कि महाप्रभु का मंदिर कितना अमीर है

पुरी। विश्व प्रसिद्ध ओडिशा के पुरी में विराजमान महाप्रभु भगवान जगन्नाथ मंदिर की ख्याति पूरी दुनिया में है। यहां के रहस्यमयी बातें, घटनाएं और क्रियाकलाप का कहीं कोई शानी नहीं है। यहां की रथ यात्रा, मंदिर का शिखर, भोग निर्माण गृह सहित अनेक ऐसी बातें हैं, जगह है जो अद्भुत है। इसी तरह का आश्चर्य से भरा यहां का खजाना है। इस पर पूरी दुनिया की नजर है।

मंदिर के खजाने को पूरी सुरक्षा के बीच 46 साल बाद खोला गया है। भीतरी रत्न भंडार खजाना को बाहर निकाला गया है। इस कार्य के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित उच्च समिति के 11 सदस्यों ने सुबह भंडार में प्रवेश किया। भंडार में पहुंचते ही टीम के सदस्यों को तीन मोटे कांच और एक लोहे की अलमारी मिली, जो 6.50 फीट ऊंची और 4 फीट चौड़ी थी।

संदूक का बक्सा इतना वजन कि हिलाया नहीं जा सका
खजाने के आंकलन के लिए पहुंची टीम के अनुसार अलमारियों के अलावा, अंदूरी दो लकड़ी के संदूक मिले, जो 3 फीट ऊंचे और 4 फीट चौड़े हैं। एक लोहे का संदूक भी मिला है। इन सभी में सोने से भरे कई बक्से रखे हुए थे। एक सदस्य ने एक बक्सा खोलकर अंदर देखा और फिर अलमारियों और संदूकों को बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन वे इतने भारी थे कि उन्हें हिलाया भी नहीं जा सका।

सात घंटे मशक्कत में दूसरे जगह ले गए खजाना
मामले में टीम के अनुसार जगन्नाथ मंदिर के खजाने के वजन को देखते हुए टीम ने सभी बक्सों से निकालकर महाप्रभु के शयन कक्ष में शिफ्ट करने का फैसला किया। इस काम को करने में टीम को 7 घंटे लग गए। दोनों भंडारों में मिले सोने की प्रारंभिक अनुमानित कीमत 100 करोड़ रुपए से ज्यादा हो सकती है।

ऐसे चली खजाने को शिफ्ट करने की प्रक्रिया
बता दें कि रविवार 14 जुलाई को 46 साल बाद रत्न भंडार खोला गया है, जिसमें बाहरी रत्न भंडार का सामान 6 बक्सों में शिफ्ट करके सील कर दिया गया था। इसमें रखे सोने और चांदी को स्ट्रॉन्ग रूम में शिफ्ट किया गया। इनर रत्न भंडार को उसी दिन खोला गया था, लेकिन वहां की स्थिति अंधेरी और गंदी होने के कारण इसे चार दिन बाद पूरी व्यवस्था के साथ फिर से खोलने का निर्णय लिया गया।

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