Wednesday, December 11, 2024

Bilaspur high court: गर्भवती दुष्कर्म पीड़िता की फरियाद पर बंद कोर्ट को फिर से खोलकर की गई सुनवाई, 27 हफ्ते के बच्चे को गिराने की अनुमति मांगी, अब सोमवार को होगी सुनवाई

Bilaspur high court पीड़िता के शारीरिक व मानसिक दिक्कतों को कोर्ट ने गंभीरता के साथ सुना और मेडिकल बोर्ड से जांच रिपोर्ट मांगी। इस मामले की दोबारा सुनवाई आज सोमवार को होगी।

बिलासपुर। गर्भवती दुष्कर्म पीड़िता की याचिका पर सुनवाई करने के लिए शाम छह बजे दोबारा हाई कोर्ट खुला। Bilaspur high court चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के निर्देश पर रजिस्ट्रार जनरल ने स्पेशल बेंच का गठन किया। नियमानुसार स्पेशल बेंच में सुनवाई के लिए अर्जेंट हियरिंग के मामले के लिए काजलिस्ट जारी किया गया।

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शाम छह बजे से स्पेशल बेंच में मामले की सुनवाई हुई। दुष्कर्म पीड़िता ने 27 हफ्ते के गर्भ को गिराने की गुहार लगाई। पीड़िता के शारीरिक व मानसिक दिक्कतों को कोर्ट ने गंभीरता के साथ सुना और मेडिकल बोर्ड से जांच रिपोर्ट मांगी। Bilaspur high court इस मामले की दोबारा सुनवाई आज सोमवार को होगी।

Bilaspur high court की स्पेशल बेंच का गठन

हाई कोर्ट की संवेदनशीलता समय-समय पर प्रदेशवासियों के सामने आती ही रहती है। कुछ इसी तरह का मामला छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के सामने आया। दुष्कर्म पीड़िता ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से अर्जेंट हियरिंग के तहत सुनवाई की गुहार लगाई। Bilaspur high court मामले की गंभीरता को देखते हुए चीफ जस्टिस ने रजिस्ट्रार जनरल को स्पेशल बेंच का गठन करने और अर्जेंट हियरिंग के तहत प्रकरण की सुनवाई की व्यवस्था करने का निर्देश जारी किया।

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उसके पेट में बच्चा पल रहा

काजलिस्ट जारी होते ही स्पेशल बेंच बैठी और सुनवाई प्रारंभ की गई। याचिकाकर्ता पीड़िता के अधिवक्ता ने स्पेशल बेंच को बताया कि दुष्कर्म की घटना के बाद पीड़िता को गर्भ ठहर गया है। Bilaspur high court उसे 27 सप्ताह का गर्भ है। उसके पेट में बच्चा पल रहा है। वह इस अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाना चाहती है। पीड़िता की ओर से अधिवक्ता ने अनचाहे गर्भ को गिराने (गर्भपात) की अनुमति मांगी है।

sankalp
Aadhunik

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