Tuesday, December 10, 2024

व्यवसायी चाचा-भतीजे की गोली मारकर हत्या करने वाले 2 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा, सबूत मिटाने दफन कर दी थी लाश

0 वर्ष 2020 में अंबिकापुर के ब्रह्म रोड में कैरम खेलने के बहाने घर में बुलाकर मुख्य आरोपी ने ड्राइवर के साथ मिलकर मारी थी गोली, प्लान के अनुसार 6 दिन पहले से ही खोद रहे थे गड्ढा

अंबिकापुर। Double murder case: 10 अप्रैल 2020 को अंबिकापुर में शहर के बीचो-बीच दोहरा हत्याकांड हुआ था। इसमें पैसे लेनदेन को लेकर हुए विवाद के बाद व्यवसायी चाचा-भतीजे की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या करने के बाद दोनों की लाश घर में गड्ढा खोदकर दफन कर दिया गया था। इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी, उसके ड्राइवर सहित 4 लोगों को गिरफ्तार किया था। 4 साल बाद 27 जून को कोर्ट ने मामले में अहम फैसला सुनाते हुए मुख्य आरोपी आकाश गुप्ता व उसके ड्राइवर सिद्धार्थ जायसवाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं साक्ष्य के अभाव में सज्जन अग्रवाल और शिव पटेल को बरी कर दिया गया है।

अंबिकापुर के ब्रह्म रोड निवासी सौरभ अग्रवाल 27 वर्ष और उसके चाचा सुनील अग्रवाल 40 वर्ष व्यवसायी थे। सौरव अग्रवाल ने वर्ष 2019 में अपने पड़ोस में रहने वाले आकाश गुप्ता का ब्रह्म रोड स्थित घर खरीदा था।

इसके बदले उसने 2 से 3 करोड रुपए भुगतान भी कर दिए थे। दोनों के बीच यह बात हुई थी कि 6 महीने में आकाश गुप्ता अपना घर खाली कर देगा। 6 महीने बीतने के बाद भी आकाश में घर खाली नहीं किया था। इस बात पर सौरव ने आपत्ति जताई तो दोनों के बीच विवाद हो गया था।

इस विवाद के बाद ही आकाश गुप्ता ने सौरव अग्रवाल की हत्या करने का प्लान बना लिया था। इसके लिए उसने घटना दिवस 10 अप्रैल 2020 से 6 दिन पहले अपने घर के पीछे के हिस्से में गड्ढा खोदने का कार्य शुरू कर दिया था, ताकि हत्या कर सौरभ अग्रवाल के शव को दफनाया जा सके।

कैरम खेलने बुलाया और दोनों को मार दी गोली

विवाद होने के बाद भी सौरभ अग्रवाल का आकाश गुप्ता के घर आना जाना था। घटना दिवस 10 अप्रैल को आकाश गुप्ता ने सौरव अग्रवाल को कैरम खेलने अपने घर बुलाया। यहां सौरभ अग्रवाल अपने चाचा सुनील अग्रवाल के साथ आकाश के घर पहुंचा था।

मौके पर पहले से ही आकाश गुप्ता का ड्राइवर सिद्धार्थ जायसवाल भी मौजूद था। इसके बाद चारों ने शराब पी और कैरम खेलने लगे। इसी बीच मौका पाकर आकाश गुप्ता वह उसके ड्राइवर ने सौरव अग्रवाल और सुनील अग्रवाल की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद दोनों के शवों को घर के पीछे खोदे गए गड्ढे में दफन कर दिया।

कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

बस चर्चित चाचा भतीजे की हत्या मामले में कोतवाली पुलिस ने सबसे पहले आरोपी ड्राइवर सिद्धार्थ जायसवाल को उठाया। उससे पूछताछ में आकाश गुप्ता का नाम सामने आया था। वहीं हथियार उपलब्ध कराने वाले सज्जन अग्रवाल व शिव पटेल का भी नाम सामने आया था।

इसके बाद पुलिस ने चारों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। 4 साल तक चले ट्रायल के बाद अंबिकापुर कोर्ट ने 27 जून को मुख्य आरोपी आकाश गुप्ता और उसके कथित ड्राइवर सिद्धार्थ जायसवाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जबकि सज्जन अग्रवाल और शिव पटेल को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया।

sankalp
Aadhunik

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