Monday, December 9, 2024

IPS Ashok Juneja: अशोक जुनेजा ही बने रहेंगे छत्तीसगढ़ के DGP, केंद्र सरकार से मिला 6 महीने का एक्सटेंशन

IPS Ashok Juneja: 1989 बैच के हैं आईपीएस, अगस्त के पहले सप्ताह में होने वाले थे रिटायर, राज्य सरकार ने एक्सटेंशन बढ़ाने केंद्र के पास भेजा था प्रस्ताव

रायपुर। IPS Ashok Juneja: आईपीएस अशोक जुनेजा ही छत्तीसगढ़ के डीजीपी बने रहेंगे। उन्हें 6 महीने के लिए केंद्र सरकार से एक्सटेंशन मिला है। ऐसे में फरवरी 2025 तक वे डीजीपी के रूप में अपनी सेवा देते रहेंगे। उनकी सेवा बढ़ाने राज्य सरकार नहीं केंद्र के पास प्रस्ताव भेजा था। डीजीपी अशोक जुनेजा 1989 बैच के आईपीएस अफसर हैं, वे अगस्त के पहले सप्ताह में ही रिटायर होने वाले थे।

मूलतः दिल्ली के रहने वाले अशोक जुनेजा (IPS Ashok Juneja) छत्तीसगढ़ कैडर के 1989 बैच के आईपीएस अफसर हैं। पहले वे मध्य प्रदेश कैडर के IPS थे, बाद में मध्य प्रदेश से अलग राज्य बनने के बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ कैडर को चुना था। उनका जन्म 13 जून 1963 को हुआ था।

वे बिलासपुर एसपी के अलावा रायपुर और दुर्ग जिले के एसएसपी भी रह चुके हैं। बाद में भी बिलासपुर और दुर्ग संभाग के आईजी भी बने। 11 नवंबर 2021 को भूपेश सरकार में उन्हें प्रभारी डीजीपी बनाया गया था, इसके बाद 5 अगस्त 2022 को उन्हें पूर्णकालिक DGP बना दिया गया।

6 माह का मिला एक्सटेंशन

DGP जुनेजा अगस्त 2024 के पहले सप्ताह में रिटायर होने वाले थे। इसी बीच राज्य सरकार के प्रस्ताव के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनकी सेवा डीजीपी के रूप में 6 महीने के लिए और बढ़ा दी है। अब वे फरवरी 2025 तक छत्तीसगढ़ के डीजीपी बने रहेंगे।

ये थे डीजीपी की दौड़ में

अशोक जुनेजा (IPS Ashok Juneja) के रिटायर होने के बाद के बाद 1992 बैच के आईपीएस अफसर अरुण देव गौतम और पवन देव का नाम ऊपर चल रहा था।

इसके अलावा 1994 बैच के आईपीएस अफसर हिमांशु गुप्ता व राजेश मिश्रा का नाम भी रेस में शामिल था। लेकिन 6 महीने तक के लिए एक्सटेंशन मिल जाने से इन IPS अफसरों को थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा।

इस वजह से सेवा बढ़ाने की चल रही चर्चा

डीजीपी अशोक जुनेजा (IPS Ashok Juneja) का सेवाकाल बढ़ाने की चर्चा राजनीतिक गलियारे में इसलिए भी हो रही है, क्योंकि राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद नक्सल मोर्चे पर पुलिस जवानों को लगातार सफलता मिल रही है।

पिछले 5 माह में 150 से अधिक नक्सली मारे जा चुके हैं, इसकी रणनीति के पीछे राज्य सरकार के अलावा अंतिम मुहर डीजीपी अशोक जुनेजा का ही रहा है। फिलहाल राज्य सरकार यह नहीं चाहती कि नक्सल मोर्चे पर की जा रही कार्यवाही में कोई रुकावट हो।

sankalp
Aadhunik

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