Wednesday, December 11, 2024

Kolkata rape and murder case: रेप पीड़िता का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल, जानिए पहचान उजागर करने पर क्या है सजा का प्रावधान

Kolkata rape and murder case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर से हुई दरिंदगी को लेकर पूरे देश में रोष का माहौल है। इंसाफ के लिए लोग सड़क पर उतर आए हैं। वहीं इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया है। बीते दिन कोर्ट में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता की तस्वीर सोशल मीडिया पर उजागर करने पर फटकार लगाई है। कोर्ट ने सभी फोटोज और वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाने का आदेश दिया है। आइए जानते हैं कि अगर कोई व्यक्ति रेप पीड़िता की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर करता है तो उसे क्या सजा मिल सकती है? इसको लेकर हमने एक्सपर्ट से बात की, इस बारे में बिलासपुर हाई कोर्ट के वकील आजाद खान ने जानिए क्या कहा…!

यह भी पढ़ें : Heavy rain in Ambikapur: अंबिकापुर में एक ही दिन में गिरा 5 इंच पानी, आज भी भारी बारिश होने की संभावना

Kolkata rape and murder case मिलेगी इतने साल की सजा

एक्सपर्ट बताते हैं की यौन उत्पीड़न पीड़िता की पहचान उजागर करना एक क्रिमिनल ऑफेंस है। किसी रेप पीड़िता की तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट करना किशोर न्याय कानून 2015 के प्रावधान का उल्लंघन है। भारतीय न्याय संहिता 2023 जिसने भारतीय दंड संहिता की जगह ली है, ऐसे खुलासे को आपराधिक कृत्य घोषित करती है। ऐसा करने वालों को जुर्माना और 2 साल तक की कैद हो सकती है।

यह भी पढ़ें : Aatmanand school case : कक्षा में बैठे थे बच्चे तभी दीवारों में दौड़ पड़ा करंट, मची अफरा तफरी

क्या कहती है न्याय संहिता

भारतीय न्याय संहिता का सेक्शन 72 के मुताबिक पीड़िता की मौत की स्थिति में तभी उसकी पहचान उजागर की जा सकती है जब ऐसा करना बेहद जरूरी लगे। इस बारे में फैसला लेने का अधिकार भी सेशन जज के स्तर या उससे आगे के स्तर के अधिकारियों को ही है। वहीं अगर रेप पीड़िता वयस्क है और खुद अपनी इच्छा से बिना किसी दबाव अपनी पहचान जाहिर करने का फैसला लेता है तो इस बारे में किसी को कोई एतराज नहीं हो सकता है, लेकिन ऐसा करने का हक सिर्फ उसका ही होगा।

क्यों छिपी रहनी चाहिए पहचान

पहचान उजागर न करने के पीछे की वजह यह है कि कई बार पीड़िता के नाम का खुलासा होने के बाद उसके परिवार को परेशानियां झेलनी पड़ती है। समाज में ऐसे लोगों को नीचे नजर से देखा जाता है और यही वजह है कि पीड़िता सामान्य जिंदगी में लौट नहीं पाती है। इन्हीं तकलीफों से बचने के लिए अदालत पीड़िता की पहचान गुप्त रखने की बात करती रही है।

sankalp
Aadhunik

Related articles

Shubham
Mishra Sweets