Wednesday, December 11, 2024

Raipur crime : मां से एकतरफा प्यार में नाकाम हुआ, 4 साल के मासूम को जिंदा जला कर हत्या करने वाले हैवान को कोर्ट ने सुनाई मौत की सजा, अब…

Raipur crime जहां पेट्रोल डालकर जिन्दा जला दिया। बच्चे के पिता जयेंद्र, उरला इलाके में पूर्व पार्षद अशोक बघेल के मकान में किराए से रहते थे।

रायपुर। Raipur crime छत्तीसगढ़ के रायपुर में मासूम बालक का अपहरण कर पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने वाले आरोपी पंचराम गेंड्रे को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है। प्रकरण की सुनवाई के दौरान मृत बालक के माता-पिता, बडे़ भाई और पड़ोसी सहित कुल 19 गवाहों के बयान करवाए गए। 2022 में हुई इस घटना के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई। Raipur crime इस दौरान उसने हत्या करना स्वीकार किया।

इस तरह घटना को दिया अंजाम

उरला इलाके से 5 अप्रैल 2022 की सुबह हर्ष नाम के 4 साल के बच्चे को पड़ोस में रहने वाले पंचराम घुमाने के बहाने अपनी मोटरसाइकिल में ले गया। Raipur crime इसके बाद बेमेतरा के ग्राम नेवनारा स्थित खार में ले गया। जहां पेट्रोल डालकर जिन्दा जला दिया। बच्चे के पिता जयेंद्र, उरला इलाके में पूर्व पार्षद अशोक बघेल के मकान में किराए से रहते थे। Raipur crime वहीं पंचराम अपनी पत्नी के छोड़कर चले जाने के बाद मां के साथ वहीं किराएदार था।

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साथ मजदूरी का काम करता था। पड़ोस में रहने के कारण परिचित होने के कारण अक्सर घर पर जाना आना था। इसी के चलते किसी को अपहरण और जिंदा जलाने का संदेह नहीं हुआ। घटना के चार दिन बाद आरोपी को पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने के बाद तत्कालीन अतिरिक्त लोक अभियोजक राजेन्द्र जैन द्वारा चालान पेश किया गया था।

घटना के बाद नागपुर भागा

बच्चा जिंदा जलाने के बाद पंचराम पकड़े जाने के डर से अपनी दोपहिया 15000 रुपए में बेचकर नागपुर फरार हो गया था। Raipur crime संदेह के आधार पर उसका लोकेशन ट्रेस करने के बाद नागपुर से गिरफ्तार किया। घटना के बाद पूछताछ कर आरोपी को घटनास्थल पर ले जाकर पेट्रोल का डिब्बा और अन्य साक्क्ष्य बरामद किए गए।

Raipur crime पूछताछ में खुलासा

गिरफ्तारी के बाद पंचराम ने पूछताछ में बच्चे की हत्या की वजह उसकी मां से Raipur crime एकतरफा प्यार करना बताया। साथ ही बातचीत नहीं करने के बाद भी जबरदस्ती बच्चों को बिना पूछे ले जाने पर उसे डपट भी लगाई थी। Raipur crime इस बात पर सबक सिखाने के लिए उसके दोनों बच्चों को जिंदा जलाने की योजना बनाई थी।

जिला कोर्ट में 46 साल बाद फांसी की सजा

जिला न्यायालय रायपुर में इसके पहले 25 अक्टूबर 1978 को रायपुर सेंट्रल जेल में बैजू नामक कैदी को फांसी दी गई थी। बैजू पर आरोप था, Raipur crime कि उसने 2 हजार रुपए के लिए चार लोगों को मार डाला।

sankalp
Aadhunik

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