Tuesday, December 10, 2024

Kolkata Doctor rape-murder Case: CJI ने कहा- डाक्टर्स की सुरक्षा पर हम बनाने जा रहे नेशनल टास्क फोर्स, डाक्टर्स करें भरोसा

Kolkata Doctor rape-murder Case: कोलकाता रेप एंड मर्डर केस पर सुप्रीम कोर्ट में हो रही सुनवाई, कोर्ट की निगरानी में काम करेगा टास्क फोर्स, डाक्टर्स से हड़ताल वापस लेने का आह्वान

दिल्ली। Kolkata Doctor rape-murder Case:कोलकाता में ट्रेनी डाक्टर के रेप और मर्डर के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। सीजेआई की अगुआई में तीन जस्टिस की बेंच मामले को सुन रही है। प्रकरण में कुछ अन्य पक्षकारों ने भी पक्ष रखने की दलील पेश की है।
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डाक्टर के रेप और मर्डर (Kolkata Doctor rape-murder Case) के मामले में मंगलवार की सुबह तकरीबन 11 बजे से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस केस को सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान में लिया है। सुनवाई के दौरान ही सीजेआई ने कहा कि हम डाक्टर्स की सुरक्षा पर नेशनल टास्क फोर्स बनाने जा रहे हैं। डाक्टर्स हम पर भरोसा करें।

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। टास्क फोर्स के विषय में कोर्ट ने कहा कि नेशनल टास्क फोर्स कोर्ट की निगरानी में बनेगा और काम करेगा। इसमें डाक्टर्स को भी शामिल किया जाएगा।

 Kolkata Doctor rape-murder Case


कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल से 13 घंटे हुई पूछताछ

आरजी कर मेडिकल कॉलेज (Kolkata Doctor rape-murder Case) के पूर्व प्रिंसिपल डॉ- संदीप घोष से सोमवार को सीबीआई ने 13 घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की। अपुष्ट खबरें हैं कि उनसे मंगलवार को भी पूछताछ की जानी है। सीबीआई ने मामले के आरोपी संजय रॉय के पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए भी कोर्ट से डिमांड की थी। इसकी भी कोर्ट ने मंजूरी दे दी है। इस टेस्ट से यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि आरोपी की बातों में कितनी सच्चाई है। सीबीआई ने आरोपी का मनोवैज्ञानिक टेस्ट पहले ही करा लिया है। खबर है कि पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष का पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराए जाने की तैयारी है।

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पश्चिम बंगाल में स्वास्थ्य सेवाएं ठप

देश भर में हो रहे डाक्टर्स के विरोध प्रदर्शन का सर्वाधिक असर पश्चिम बंगाल में ही देखने को मिला रहा है। यहां स्वास्थ्य सेवाएं ठप पड़ गई हैं। राज्य की स्थिति की गंभीरता (Kolkata Doctor rape-murder Case) को भांपते हुए बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने की तैयारी में हैं। वे मुलाकात कर श्रीमती मुर्मू को राज्य की स्थितियों से अवगत कराएंगे।

 Kolkata Doctor rape-murder Case

क्राइम सीन पर लोगों के पहुंचने पर नाराजगी

सुप्रीम कोर्ट ने क्राइम सीन पर लोगों की भीड़ के पहुंचने पर भी नारजगी जाहिर की। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि हजारों लोगोें को अंदर क्यों आने दिया? पुलिस ने क्राइम सीन को प्रोटेक्ट क्यों नहीं किया? प्रिंसिपल को दूसरे कॉलेज में क्यों जॉइन कराया गया? बेंच ने सीबीआई को इस मामले में गुरुवार तक स्टेटस रिपोर्ट सबमिट करने के निर्देश दिए हैं।

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जांच इस समय नाजुक दौर में

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जांच इस समय नाजुक दौर में है, इसलिए डायरेक्ट रिपोर्ट कोर्ट में दी जा,। इसे गुरुवार तक देना होगा। सीजेआई ने पूछा- प्रिंसिपल क्या कर रहे थे? एफआईआर दर्ज नहीं की गई। शव माता-पिता को देर से सौंपा गया। पुलिस क्या कर रही है? सीजेआई ने कहा गंभीर अपराध हुआ है। उपद्रवियों को अस्पताल में घुसने क्यों दिया गया? इन सवालों के बाद सीजेआई ने कहा कि हम एक नेशनल टास्क फोर्स बनाना चाहते हैं जिसमें सभी डॉक्टरों की भागीदार हो। (Kolkata Doctor rape-murder Case)

एससी को आखिर क्यों पड़ी स्वतः संज्ञान की जरुरत

सीजेआई ने कहा कि हमने स्वतः संज्ञान इसलिए लिया क्योंकि रेप-हत्या के अलावा यह देशभर में डॉक्टरों की सुरक्षा से जुड़ा विषय भी है। हम सुरक्षा को लेकर सुनवाई करेंगे। हमें डॉक्टर्स, खासकर महिला और युवा डॉक्टर्स की सुरक्षा को लेकर चिंता है।

 Kolkata Doctor rape-murder Case

पीड़िता की पहचान उजागर करने पर कोर्ट चिंतित

सीजेआई ने कहा हम पीड़िता की पहचान उजागर होने को लेकर चिंतित हैं। पीड़िता की फोटो और पोस्टमार्टम के बाद उसकी बॉडी को दिखाना चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि हम पीड़िता की तस्वीरें और नाम सोशल मीडिया पर प्रसारित होने से बहुत चिंतित हैं। हर जगह पीड़िता की पहचान उजागर हुई। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए था।

पश्चिम बंगाल से पूछा

सीजेआई ने पश्चिम बंगाल से पूछा- क्या प्रिंसिपल ने हत्या को आत्महत्या बताया? क्या पीड़िता के माता-पिता को सूचना देर से दी गई है? उन्हें मिलने नहीं दिया गया? प्रिंसिपल क्या कर रहे थे? एफआईआर दर्ज कराने में देरी क्यों हुई? ये बेहद गंभीर मुद्दा है।

याचिकाकर्ताओं ने सीजेआई को लिखा पत्र

सीजेआई को तीन याचिकाकर्ताओं ने पत्र के माध्यम से मामले की गंभीरता से अवगत कराया था। पत्र में बताया गया था कि मामला गंभीर है। यह डाक्टरों की सुरक्षा से जुड़ा मसला है। इन पत्रों के बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने मामले में स्वतः संज्ञान लिया था।

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राष्ट्रहित से जुड़ा मामला, हाई कोर्ट के लिए नहीं छोड़ेंगे

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह पूछा कि एफआईआर किसने और कब दर्ज कराई। जवाब में अदालत को बताया गया कि घटना वाली रात करीब 11ः45 बजे पहली एफआईआर दर्ज हुई थी। कोर्ट ने कहा कि इसमें देरी क्यों हुई? हॉस्पिटल प्रबंधन आखिर कर क्या रहा था? (Kolkata Doctor rape-murder Case) सीजेआई ने कहा कि हम आग्रह करते हैं कि डाक्टर्स काम पर लौटें। हम उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यहां हैं। इसे हम हाईकोर्ट के लिए नहीं छोडें़गे। यह बड़ा राष्ट्रहित का मामला है।

माता-पिता नहीं थे, प्रबंधन को करानी थी एफआईआर

सीजेआई ने कहा कि जब हत्या हुई थी तो पीड़िता के माता-पिता वहां मौजूद नहीं थे। ये हॉस्पिटल प्रबंधन की जिम्मेदारी थी कि वो एफआईआर दर्ज कराएं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, इसे हल्के में नहीं समझना चाहिए, हम एक युवा डॉक्टर के साथ एक यौन विकृत व्यक्ति द्वारा बलात्कार की घटना से निपट रहे हैं, लेकिन इसमें एक पशु जैसी प्रवृत्ति भी थी।

sankalp
Aadhunik

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