Wednesday, December 11, 2024

UP ajab gajab: एक ऐसा परिवार जिसमे 2 लोगों को दिन में नहीं दिखता, 2 की रात को चली जाती है आखों को रौशनी

UP ajab gajab बॉलीवुड फिल्म बोल राधा बोल में कदर खान को शाम 6 बजे के बाद कुछ नहीं दिखता था। ठीक ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश में सामने आया है। बलिया जिले के टकरसन गांव में एक परिवार को एक गंभीर और अजीब आंखों की बीमारी का सामना करना पड़ रहा है। इस परिवार के आठ सदस्यों में से छह लोग इस रहस्यमय समस्या से पीड़ित हैं। इनमें से चार लोग दिन के समय दृष्टिहीन हैं, जबकि दो सदस्य शाम के समय और रात में भी देखने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं। इस बीमारी का इलाज ढूंढने के लिए परिवार ने कई अस्पतालों का दौरा किया है, लेकिन कोई राहत नहीं मिली है।

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UP ajab gajab आर्थिक हालत बहुत खराब

आपको बता दें कि इस घर के मुखिया राम प्रवेश पासी है जिनके छह बेटे हैं। हरि पासी, रामू, भानु, जयराम, सुनील और राज।वहीं राम प्रवेश के बेटों में से हरि पासी, रामू, भानू और जयराम को दिन के समय द्दष्टिहीनता की समस्या है। सुनीता देवी जो परिवार की सदस्य हैं और दिव्यांग भी हैं, इनको दिन में नहीं देख पाती। दूसरी और सुनील और राज को शाम ढलने के बाद और रात में देखने में कठिनाई होती है। 

परिवार की आर्थिक हालत बहुत खराब है। उनके पास स्थायी घर नहीं है और वे मिट्टी के घर में रह रहे हैं। उनके पास राशन कार्ड नहीं है और सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल रहा है।

बी.डी.ओ. सूर्य प्रकाश ने कहा कि इस परिवार के बारे में उन्हें पहले जानकारी नहीं थी। किसी ने भी इस मुद्दे पर शिकायत नहीं की थी। अब उन्होंने पंचायत सचिव को पीड़ित परिवार से जानकारी जुटाने का निर्देश दिया है। यदि परिवार को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है, तो उन्हें सहायता प्रदान की जाएगी।

क्या कहते है डॉक्टर

डॉ. ग्रोवर के अनुसार, यह आंखों की बीमारी निक्टालोपिया या रतौंधी के रूप में जानी जाती है, जिससे रात में देखने में कठिनाई हो सकती है। दिन के समय देखने में कठिनाई ग्लूकोमा या ऑप्टिक नर्व की समस्याओं से संबंधित हो सकती है।उन्होंने बताया कि एक ही परिवार के कई सदस्यों को इस समस्या का सामना क्यों करना पड़ रहा है, यह अभी स्पष्ट नहीं है। यह आनुवांशिक या ऑटोइम्यून समस्या हो सकती है, और इस पर और अधिक शोध की आवश्यकता है। बलिया के इस परिवार की आंखों की बीमारी एक रहस्यमय स्थिति है, और अभी तक इसका कोई ठोस इलाज उपलब्ध नहीं है। इस परिवार को सरकारी सहायता और चिकित्सा विशेषज्ञों की अधिक मदद की आवश्यकता है ताकि उन्हें राहत मिल सके और उनकी समस्याओं का समाधान किया जा सके।

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पीड़ित परिवार ने जिला अस्पताल और कई प्रमुख नेत्र अस्पतालों में इलाज के लिए अपील की है, लेकिन कहीं भी उन्हें राहत नहीं मिली।परिवार के मुखिया, राम प्रवेश पासी, ने कहा कि उनके परिवार के सदस्य बचपन से ही आंखों की समस्याओं का सामना कर रहे हैं, और उम्र बढ़ने के साथ समस्या और बढ़ गई है।

sankalp
Aadhunik

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