Wednesday, December 11, 2024

आरक्षक ने पुलिस विभाग को लगाया 17 लाख का चूना, सरकारी खाते में पैसा डालने की जगह भरता रहा अपनी जेब

0 8 साल तक पुलिस विभाग को भी नहीं लगी भनक, एक ही थाने में पदस्थापना के दौरान मोटर व्हीकल एक्ट में लगाए गए जुर्माने की राशि का किया गबन

सूरजपुर। पुलिस विभाग में पदस्थ एक आरक्षक इतना शातिर निकला कि उसने अपने ही विभाग को 17 लाख से अधिक का चूना लगा दिया। यह खेल उसने एक दिन में नहीं, बल्कि एक ही थाने में पदस्थापना के दौरान 8 साल में किया। सबसे बड़ी बात यह है कि पुलिस के किसी भी अधिकारी को इसकी भनक तक नहीं लगी। आरक्षक ने मोटर व्हीकल एक्ट के तहत वाहन चालकों पर लगाए गए जुर्माने की राशि सरकार के खाते में जमा न कर अपनी जेबें भरता रहा। यही नहीं, बैंक का सील फर्जी जमा पर्ची में लगाकर थाने में जमा कर देता था। इससे किसी को शक भी नहीं हुआ। मामले का खुलासा इस साल के ऑडिट में हुआ। इसके बाद पुलिस ने पुख्ता सबूत मिलने के बाद आरोपी आरक्षक को गिरफ्तार कर 30 मई को जेल भेज दिया।

दरअसल आरक्षक दीपक सिंह पिता कामेश्वर सिंह फिलहाल बिश्रामपुर थाने में पदस्थ था। वह वर्ष 2016 से 2022 तक जयनगर थाने में पदस्थ रहा। इस दौरान उसे अधिकारी द्वारा कोर्ट मोहर्रिर का काम दिया गया था।

इसके तहत थाने द्वारा मोटर व्हीकल एक्ट के तहत वसूली गई समंश राशि को उसे चालान के माध्यम से स्टेट बैंक सूरजपुर से शासन के खाता क्रमांक 0041 में जमा करना होता था।

लेकिन आरक्षक के मन में लालच आ गया और उसने 55 प्रकरणों की राशि 17 लाख 4360 रुपए बैंक खाते में जमा न अपने पास रख लिए। वह चालान की प्रति में बैंक का फर्जी सील व मुहर लगाकर थाना व ट्रेजरी में जमा कर दिया करता था। ऐसे में किसी को शक भी नहीं हुआ।

ऑडिट में सामने आया मामला

जब सूरजपुर पुलिस द्वारा ऑडिट कराया गया तो जिला कोषालय में एसबीआई के चालान के माध्यम से जमा की गई राशि में भारी अंतर मिला। जब सूरजपुर जिले के सभी थानों द्वारा जमा की गई राशि का मिलान किया गया, तब पता चला कि जयनगर थाने से मोटर व्हीकल एक्ट के पैसे ही जमा नहीं है।

इसके बाद आरक्षक दीपक सिंह को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। इसके बाद पुलिस ने उसे धारा 409, 420, 467, 468, 471 के तहत जुर्म दर्ज कर 30 मई को जेल भेज दिया।

sankalp
Aadhunik

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