Diwali की खुशियां मातम में बदली… तालाब में डूबने से 3 बच्चों की मौत, गांव में पसरा मातम, जानें कैसे हुआ हादसा

On: Wednesday, October 22, 2025 11:47 AM
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3 innocent people died: मंगलवार दोपहर के समय जब हर घर में दीपों की रोशनी और खुशियों का माहौल था, उसी वक्त गंगालूर थाना क्षेत्र के ग्राम हिरोलीपारा में तीन मासूम बच्चों की मौत से पूरे गांव में मातम छा गया।

बीजापुर। Big Incident: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से दिवाली के दिन एक हृदयविदारक घटना सामने आई है। मंगलवार दोपहर के समय जब हर घर में दीपों की रोशनी और खुशियों का माहौल था, उसी वक्त गंगालूर थाना क्षेत्र के ग्राम हिरोलीपारा में तीन मासूम बच्चों की मौत से पूरे गांव में मातम छा गया।

मिली जानकारी के अनुसार, यह दर्दनाक हादसा बीजापुर के पाडेडा ग्राम पंचायत के हिरोलीपारा इलाके में मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे के आसपास हुआ। गांव के तीन बच्चे आपस में खेलते-खेलते नहाने के लिए पास के तालाब की ओर चले गए।

नहाते-नहाते वे गहरे पानी में चले गए और वापस नहीं निकल पाए। आसपास मौजूद ग्रामीणों ने जब बच्चों को डूबते देखा, तो उन्हें बचाने के लिए दौड़े, लेकिन जब तक वे बच्चों तक पहुंचते, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। ग्रामीणों ने काफी मशक्कत के बाद तीनों को तालाब से बाहर निकाला, पर तब तक उनकी सांसें थम चुकी थीं।

Big Incident: मौके पर पहुंची पुलिस

घटना की सूचना तुरंत स्थानीय प्रशासन, पुलिस और शिक्षा विभाग को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि तीनों बच्चों के शवों को बुधवार सुबह पोस्टमार्टम के लिए बीजापुर लाया जाएगा।

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मृत बच्चों के नाम

मृतकों की पहचान दिनेश कोरसा, नवीन हपका (कक्षा 2) और मनीता हपका (आंगनबाड़ी) के रूप में हुई है। तीनों की उम्र लगभग 4 से 6 वर्ष बताई जा रही है। इनमें दो बच्चे हिरोलीपारा स्कूल में पढ़ते थे, जबकि एक बच्ची स्थानीय आंगनबाड़ी केंद्र की विद्यार्थी थी।

चेतावनी बोर्ड लगाने की मांग

ग्रामीणों ने बताया कि जिस तालाब में यह हादसा हुआ, वह काफी गहरा है। हाल की बारिश के कारण तालाब का जलस्तर सामान्य से कहीं अधिक बढ़ गया था। उन्होंने बताया कि गांव के छोटे-छोटे बच्चे अक्सर वहीं नहाने जाते हैं, लेकिन सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से तालाब किनारे चेतावनी बोर्ड लगाने, बाड़ लगाने और बच्चों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग की है।

इस दर्दनाक घटना के बाद पूरे गांव में शोक का माहौल है। दीपावली की रौनक मातम में बदल गई। ग्रामीण परिवारों में सन्नाटा पसरा हुआ है। हर आंख नम है, क्योंकि जिन घरों में इस बार दीप जलने थे, वहां अब चिता की लौ उठी।

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