बाल सुधार गृह की 10 फीट ऊंची दीवार फांदकर 3 नाबालिग भागे, मचा हड़कंप, पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं

On: Monday, November 3, 2025 3:38 PM
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Durg Juvenile Home Escape Case: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के पुलगांव स्थित बाल संप्रेषण गृह (बाल सुधार गृह) से देर रात तीन आपचारिक (अपराध में संलिप्त) बालक फरार हो गए।

दुर्ग। Durg Juvenile Home Escape Case: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के पुलगांव स्थित बाल संप्रेषण गृह (बाल सुधार गृह) से देर रात तीन आपचारिक (अपराध में संलिप्त) बालक फरार हो गए। घटना के बाद पुलिस और बाल संप्रेषण गृह प्रशासन में हड़कंप मच गया है। पुलिस अब आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है, ताकि तीनों नाबालिगों का पता लगाया जा सके और उन्हें पकड़ा जा सके। मामला पुलगांव थाना क्षेत्र का है।

मिली जानकारी के अनुसार, घटना रविवार देर रात की है। बताया जा रहा है कि तीनों बालक करीब 10 फीट ऊंची दीवार फांदकर संस्थान से भाग निकले। घटना की जानकारी मिलते ही बाल सुधार गृह प्रबंधन ने तत्काल इसकी सूचना बाल संरक्षण विभाग और पुलगांव पुलिस को दी।

सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। पुलिस ने आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालनी शुरू कर दी है। साथ ही इलाके में नाकेबंदी कर दी गई है और फरार बालकों की तलाश के लिए विशेष टास्क टीम गठित की गई है।

आपराधिक मामलों में संलिप्त थे

जानकारी के अनुसार, फरार हुए नाबालिगों में एक हत्या, दूसरा लूट और तीसरा अन्य अपराध मामले में बाल संप्रेषण गृह में रखा गया था। एएसपी सुखनंदन राठौर ने घटना की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि तीन नाबालिगों के बाल सुधार गृह से भागने की सूचना मिली है। आगे विधिवत कार्रवाई की जा रही है। नाबालिगों की तलाश में कई टीमें गठित की गई हैं। पुलिस परिजनों से भी पूछताछ कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि बच्चे कहीं उनके संपर्क में तो नहीं हैं।

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पहले भी भाग चुके हैं नाबालिग

यह पहली बार नहीं है जब दुर्ग के बाल संप्रेषण गृह से नाबालिगों के भागने का मामला सामने आया हो। इससे पहले भी कई बार सुरक्षा में लापरवाही और निगरानी की कमी के कारण बच्चे फरार हो चुके हैं। स्थानीय लोगों और सूत्रों के अनुसार, विभागीय अफसरों ने पिछली घटनाओं से सबक नहीं लिया, जिसके चलते यह घटना दोबारा घटित हुई है।

घटना के बाद एक बार फिर बाल संप्रेषण गृह की सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। सवाल यह है कि अगर पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, तो सुरक्षा घेरा मजबूत क्यों नहीं किया गया।

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