CG Rajyoutsav 2025: राज्योत्सव में छाया जेल विभाग का स्टॉल, 50 हजार से अधिक लोगों का फुटफॉल दर्ज, जानें इसकी खासियत?

On: Monday, November 3, 2025 3:21 PM
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Rajyoutsav 2025: राज्योत्सव स्थल में लगे विभिन्न विभागों के स्टॉल में इस बार जेल विभाग का स्टॉल (हेंगर नंबर 1, स्टॉल नंबर 21) लोगों के बीच खास आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

रायपुर। CG Rajyoutsav 2025: छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित 5 दिवसीय राज्योत्सव उत्साह, उमंग और रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सराबोर है। राजधानी रायपुर में चल रहे राज्योत्सव में जहां एक ओर बॉलीवुड के गीत-संगीत ने समां बाँध दिया, वहीं छत्तीसगढ़ की लोककला, लोकसंगीत और पारंपरिक नृत्य ने कार्यक्रम को और भी रंगीन बना दिया।

जेल विभाग का स्टॉल बना लोगों के आकर्षण का केंद्र

इतना ही नहीं राज्योत्सव स्थल में लगे विभिन्न विभागों के स्टॉल में इस बार जेल विभाग का स्टॉल (हेंगर नंबर 1, स्टॉल नंबर 21) लोगों के बीच खास आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस स्टॉल में छत्तीसगढ़ की जेलों के इतिहास, सुधारात्मक गतिविधियों और आधुनिक पहल को फोटो डिस्प्ले और ऑडियो-विजुअल माध्यम से बेहद आकर्षक तरीके से प्रस्तुत किया गया है।

अब तक इस स्टॉल में 50 हजार से अधिक का फुटफॉल दर्ज किया जा चुका है। लोग उत्साह के साथ स्टॉल का भ्रमण कर रहे हैं और जेल विभाग की पहल की सराहना कर रहे हैं।

युवाओं के लिए खास सेल्फी प्वाइंट

जेन-जी पीढ़ी को जोड़ने के उद्देश्य से जेल विभाग ने अपने स्टॉल में एक विशेष सेल्फी प्वाइंट भी तैयार किया है, जो युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हो रहा है। युवा यहां उत्साहपूर्वक तस्वीरें लेकर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा कर रहे हैं।

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शहीद वीर नारायण सिंह और माखनलाल चतुर्वेदी को नमन

स्टॉल में शहीद वीर नारायण सिंह की शहादत को श्रद्धांजलि देते हुए ब्रिटिश हुकूमत द्वारा जारी उनकी गिरफ्तारी और फांसी के आदेश को प्रदर्शित किया गया है। साथ ही महान कवि माखनलाल चतुर्वेदी द्वारा बिलासपुर जेल में 1921 में रचित अमर कविता पुष्प की अभिलाषा का विवरण भी प्रदर्शन का हिस्सा है।

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जानें क्या है खास?

महाकुंभ के अवसर पर जेल विभाग की विभिन्न पहल जैसे संगम जल स्नान, सरगुजा स्कूल ऑफ आर्ट्स, रक्तदान शिविर, श्रीमद्भगवद्गीता पाठ, संस्कृत विद्यालय, ईको-फ्रेंडली हरित जेल, ई-प्रिजन, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा और ई-न्यायालय जैसी सुविधाओं को भी विस्तार से दर्शाया गया है।

इसके साथ ही छत्तीसगढ़ शासन के सुशासन एवं अभिसरण विभाग की पहल पर प्रदेश की सभी 33 जेलों में आयोजित आर्ट ऑफ लिविंग प्रिजन कोर्स को फोटोग्राफ और वीडियो के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। इतना ही नहीं श्री रविशंकर महाराज के 26 फरवरी 2006 को केन्द्रीय जेल रायपुर भ्रमण और उनके आशीर्वचन की झलकियां भी स्टॉल का विशेष आकर्षण बनी हुई हैं।

जेल संरचना में विकास की झलक

प्रदर्शनी में यह भी दर्शाया गया है कि राज्य स्थापना (1 नवंबर 2000) के समय प्रदेश में केवल 3 केन्द्रीय जेल, 3 जिला जेल और 20 उप जेलें थीं। वहीं, वर्तमान में (1 नवंबर 2025 तक) यह संख्या बढ़कर 5 केन्द्रीय जेल, 20 जिला जेल और 8 उप जेलों तक पहुंच गई है। राज्य में जेल सुधार और तकनीकी सुविधाओं के विस्तार की दिशा में किए गए कार्यों में केन्द्रीय जेल, दुर्ग का उन्नयन तथा माननीय सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश द्वारा ई-न्यायालय एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा का शुभारंभ जैसे महत्वपूर्ण मील के पत्थर शामिल हैं।

राज्योत्सव के इस आयोजन में जेल विभाग का स्टॉल न केवल अपने ऐतिहासिक और तकनीकी प्रदर्शन से लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहा है, बल्कि यह इस बात का भी प्रतीक है कि छत्तीसगढ़ शासन सुधार और पुनर्वास की दिशा में निरंतर प्रगतिशील कदम उठा रहा है।

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