इन 15 मांगों को लेकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और आदिवासी समाज ने किया चक्काजाम, बड़ी संख्या में लोग हुए शामिल, देखें Video

On: Friday, October 10, 2025 10:20 AM
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Raigarh News: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के छाल क्षेत्र में गुरुवार सुबह से ग्रामीणों ने 15 सूत्रीय मांगों को लेकर चक्काजाम किया।

रायगढ़। Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के छाल क्षेत्र में गुरुवार सुबह से ग्रामीणों ने 15 सूत्रीय मांगों को लेकर चक्काजाम किया। यह आंदोलन गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के संयुक्त नेतृत्व में किया गया। गुरुवार सुबह करीब 9 बजे से खेदापाली चौक पर शुरू हुए आंदोलन में छाल, बर्रा, खेदापाली समेत आसपास के गांवों के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए।

ग्रामीणों का कहना है कि इन समस्याओं को लेकर पहले तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा गया था, जिसमें चेतावनी दी गई थी कि मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन किया जाएगा। लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिसके चलते अब सड़क पर उतरने को मजबूर होना पड़ा।

गौरतलब है कि 29 सितंबर को ग्रामीणों ने ज्ञापन सौंपकर 8 अक्टूबर तक मांगें पूरी करने की चेतावनी दी थी, लेकिन समय सीमा बीतने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। आंदोलन शुरू होने के पांच घंटे बाद तक भी कोई प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। बता दें कि छाल क्षेत्र के ग्रामीण कई वर्षों से हाथी आतंक, फसल नुकसान, भूमि अधिग्रहण और कोयला खदानों से जुड़ी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। इन्हीं समस्याओं के समाधान के लिए 15 सूत्रीय मांगें रखी गई हैं।

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ग्रामीणों की 15 सूत्रीय प्रमुख मांगें

  1. हाथी आतंक पर मुआवजा राशि 50 लाख रुपए और मृतक परिवार के एक सदस्य को शासकीय नौकरी दी जाए।
  2. फसल नुकसान या जानवरों के डर से छोड़ी गई जमीन पर प्रति एकड़ 70 हजार रुपए का मुआवजा दिया जाए।
  3. यूरिया खाद की कालाबाजारी पर रोक लगाई जाए और उचित मूल्य पर किसानों को उपलब्ध कराई जाए।
  4. जंगली जानवरों से फसल नुकसान होने पर किसानों का केसीसी कर्ज माफ किया जाए।
  5. पीढ़ी दर पीढ़ी काबिज वन-राजस्व भूमि धारकों को भूस्वामी हक प्रदान किया जाए।
  6. पंचम अनुसूची और पेशा कानून का पालन सुनिश्चित किया जाए।
  7. गोदावरी एनर्जी कंपनी द्वारा अधिग्रहित 900 एकड़ जमीन वापस की जाए, क्योंकि अब तक उसका उपयोग नहीं हुआ।
  8. बर्रा और पुरुंगा कोल ब्लॉक प्रस्ताव किसानों की सहमति के बिना किया गया, उसे निरस्त किया जाए।
  9. कोयला परिवहन मार्गों की सड़कों की मरम्मत और डिवाइडर निर्माण कराया जाए।
  10. कोयला ट्रकों से लगने वाले जाम की समस्या दूर की जाए और नियम उल्लंघन करने वाले वाहनों पर FIR दर्ज कर ब्लैकलिस्ट किया जाए।
  11. सीएसआर और डीएमएफ मद का उपयोग कोयला प्रभावित क्षेत्रों में किया जाए।
  12. ठेका श्रमिकों को कोल इंडिया के एचपीसी वेतनमान के अनुसार भुगतान किया जाए।
  13. 8 घंटे से अधिक कार्य लेने की प्रथा बंद की जाए।
  14. स्थानीय ग्रामीणों को खदानों में रोजगार में प्राथमिकता दी जाए।
  15. बिना तिरपाल के कोयला परिवहन को तत्काल रोका जाए।

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