सूरजपुर राज्योत्सव में प्रशासन की तैयारियों की खुली पोल, महतारी की तस्वीर को नहीं मिला सम्मान… कर्मचारी पकड़कर खड़े रहे

On: Monday, November 3, 2025 1:44 PM
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 Rajyoutsav 2025: कार्यक्रम के दौरान प्रशासनिक लापरवाही साफ तौर पर देखने को मिली। मंच पर छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर को उचित स्थान नहीं मिल पाया।तस्वीर को दो-तीन कर्मचारी हाथों में पकड़कर खड़े रहे।

सूरजपुर। Rajyoutsav 2025: छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के रजत महोत्सव के अवसर पर प्रदेशभर में राज्योत्सव कार्यक्रमों की धूम है, लेकिन कुछ जिलों में प्रशासनिक अव्यवस्था और लापरवाही की तस्वीरें सामने आ रही हैं। सूरजपुर और सरगुजा जिले में हुए आयोजन में ऐसी ही अव्यवस्थाओं ने समारोह की चमक फीकी कर दी।

सूरजपुर में लापरवाही से कार्यक्रम की गरिमा पर असर

सूरजपुर जिले में 2 नवंबर से 4 नवंबर तक तीन दिवसीय जिला स्तरीय राज्योत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आयोजन स्थल सूरजपुर के बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के समीप स्थित स्टेडियम ग्राउंड रहा, जहां छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति, कला और परंपरा की झलक दिखाने की पूरी तैयारी की गई थी।

लेकिन कार्यक्रम के दौरान प्रशासनिक लापरवाही साफ तौर पर देखने को मिली। मंच पर छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर को उचित स्थान नहीं मिल पाया।तस्वीर को दो-तीन कर्मचारी हाथों में पकड़कर खड़े रहे। जब सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ शुरू हुईं, तो तस्वीर बार-बार हिलती-डुलती रही, जिससे पूरे समारोह की गरिमा प्रभावित हुई। इसके अलावा, प्रशासन भीड़ जुटाने में भी नाकाम रहा। अपेक्षित दर्शक न पहुंचने के कारण आयोजकों को टेंट पंडाल का आकार घटाना पड़ा। इस अव्यवस्था को लेकर आमजन के बीच नाराजगी और चर्चा का माहौल बना हुआ है।

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सरगुजा में भी खाली रहीं कुर्सियां

सिर्फ सूरजपुर ही नहीं, बल्कि सरगुजा जिले में भी राज्योत्सव कार्यक्रम में अव्यवस्था देखने को मिली। रजत जयंती समारोह के शुभारंभ अवसर पर मंच पर नेताओं और अधिकारियों की भीड़ तो रही, लेकिन दर्शक दीर्घा की अधिकांश कुर्सियां खाली रहीं।

प्रशासन ने बड़ी संख्या में कुर्सियां लगाई थीं और जनता की भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रचार-प्रसार भी किया गया था, बावजूद इसके लोग कार्यक्रम में नहीं पहुंचे। मंच पर विशेष अतिथि के रूप में भाजपा नेताओं और अधिकारियों की मौजूदगी रही, जबकि आम नागरिकों की अनुपस्थिति से आयोजन फीका पड़ गया। दोनों जिलों में हुई इन घटनाओं को लेकर अब स्थानीय स्तर पर प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। लो

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