Tuesday, May 13, 2025
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Flood in tripura त्रिपुरा में बाढ़ से हालात बदतर, 22 की मौत, 65 हजार प्रभावित

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Flood in tripura त्रिपुरा में बाढ़ से हालात बदतर हो गए हैं। बाढ़ के चलते 65 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। उनके लिए राहत शिविर बनाए गए हैं। त्रिपुरा सरकार के अनुसार करीब 450 राहत शिविरों में 50 हजार से अधिक लोग रह रहे हैं। त्रिपुरा में बाढ़ के अलावा भूस्खलन की घटनाएं भी सामने आई है, जिसमें अब तक कुल 22 लोगों की मौत हो चुकी है। बाढ़ से प्रभावित लोगों को रेस्क्यू करने के लिए सेना की भी मदद ली जा रही है।

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सेना और एनडीआरएफ की टीम राहत और बचाव कार्यों में लगी हुई है। इस बीच सेना ने शुक्रवार शाम एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने बताया कि 330 लोगों को अभी तक बचाया जा चुका है। त्रिपुरा के बाढ़ प्रभावित इलाकों में असम राइफल्स के जवानों की भी तैनाती की गई है। असम राइफल्स की 2 टुकड़ियों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया गया है। इन क्षेत्रों में अमरपुर, भामपुर, बिशलगढ़ और रामनगर शामिल है। यहां पर असम राइफल्स को तैनात किया गया है। Flood in tripura त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा भी लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वे कर रहे हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने बाढ़ग्रस्त गोमती और दक्षिण त्रिपुरा के इलाकों का दौरा किया। त्रिपुरा में अगले आदेश तक सभी सरकारी और निजी स्कूल बंद रखने के आदेश दिए गए हैं।

Flood in tripura सेना और एनडीआरएफ जुटी

माणिक साहा ने जानकारी देते हुए बताया कि गोमती जिले के अंतर्गत अमरपुर और कारबुक में गंभीर रूप से प्रभावित लोगों के लिए एमआई-17 हेलीकॉप्टरों का उपयोग करके आवश्यक खाद्य पदार्थों की एयर ड्रॉपिंग की जा रही है। राज्य प्रशासन पूरी स्थिति पर लगातार नजर रख रहा है। प्रभावित लोगों को बचाने और उन्हें राहत एवं स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए पहले ही पहल की जा चुकी है। लोगों को आश्वासन दिया कि सरकार सभी आवश्यक सहायता प्रदान करेगी।f

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अमित शाह ने सीएम से की बात

त्रिपुरा बाढ़ पर गृह मंत्री अमित शाह भी नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने गुरुवार को X पर लिखा, त्रिपुरा के सीएम माणिक साहा जी से बात की और राज्य में बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया। Flood in tripura केंद्र राहत और बचाव कार्यों में स्थानीय सरकार की सहायता के लिए नावों और हेलीकॉप्टरों के अलावा एनडीआरएफ की टीमों को राज्य में भेज रहा है। आवश्यकता पड़ने पर केंद्र से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है। संकट की इस घड़ी में मोदी सरकार त्रिपुरा में हमारी बहनों और भाइयों के साथ मजबूती से खड़ी है।

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Latest Female naxalite murder

Latest Female naxalite murder: दो दिन पूर्व ही नक्सलियों ने गांव वालों को बुलाकर लगाई जन अदालत, फिर सैकड़ों ग्रामीणों के सामने दे दी मौत की सजा, छत्तीसगढ-तेलंगाना बॉर्डर पर लाकर फेंका शव

जगदलपुर। Latest Female naxalite murder: छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर मंगलवार को एक महिला नक्सली का गला रेता शव मिला। नक्सलियों ने उसकी जन अदालत लगाकर सैकड़ों ग्रामीणों के सामने उसका गला रेत (Latest Female naxalite murder) दिया। फिर उसका शव फेंक दिया। नक्सलियों ने पर्चा फेंक कर उस पर पुलिस के लिए मुखबिरी करने का आरोप लगाया। जबकि पुलिस का कहना है कि वह संगठन छोडऩा चाहती थी, क्योंकि वह नक्सलियों की प्रताडऩा से त्रस्त थी। नक्सलियों को भी ये अहसास हो चुका था कि वह उनका साथ छोडऩा चाहती है, लेकिन उन्हें ये मंजूर नहीं था।

छत्तीसगढ-तेलंगाना की सीमा पर मिला शव महिला नक्सली राधा का है। इस संबंध में तेलंगाना के भद्रादि कोत्तागुडम जिले के एसपी रोहित राज ने बताया कि राधा (Latest Female naxalite murder) ने नक्सली संगठन की एलओएस सदस्य के रूप में शुरुआत की थी।

Female naxalite murder

उसने हैदराबाद में इंटरमीडिएट (डीएमएलटी) की पढ़ाई की और 2018 में नक्सली संगठन में शामिल हो गई। फिलहाल वह प्रतिबंधित संगठन की विशेष जोनल कमेटी की एरिया कमेटी सदस्य के रूप में काम कर रही थी।

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उत्पीडऩ की वजह से छोडऩा चाहती थी संगठन

बताया जा रहा है कि मृतका राधा (Latest Female naxalite murder) एओबी में सीपीआई माओवादी के नेताओं के उत्पीडऩ को सहन नहीं कर पा रही थी। इस कारण वह संगठन छोडऩा चाहती थी। संगठन छोडऩे वह बकायदा कमांडरों से अनुमति लेने की कोशिश कर रही थी। दलित समुदाय का होने की वजह से उसे संगठन छोडऩे की अनुमति बड़े नेताओं ने नहीं दी।

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मुखबिरी का आरोप लगाकर की हत्या (Female naxalite murder)

पुलिस का कहना है कि संगठन छोडऩे के लिए राधा द्वारा बार-बार बड़े नेताओं से अनुरोध किया जा रहा था लेकिन उसकी बात नहीं मानी गई। इसी बीच 20 अगस्त को नक्सलियों ने तेलंगाना के चारला मंडल क्षेत्र में जन अदालत लगाया। यहां आस-पास के गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों को बुलाया गया। इन सबके बीच राधा को खड़ा किया गया और सबके सामने धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या (Latest Female naxalite murder) कर दी गई।

इसके बाद नक्सली संगठन के एओबी कमेटी ने पर्चा जारी कर राधा पर पुलिस के लिए मुखबिरी करने का आरोप लगाया है। इसके बाद इसके शव को तेलंगाना और छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा पर लाकर फेंक दिया।

Latest Female naxalite murder

राधा को लगा कि वह गलत संगठन में फंस गई है

एसपी रोहित राज के अनुसार राधा (Latest Female naxalite murder) सार्वजनिक जीवन की मुख्यधारा में शामिल होना चाहती थी। शायद उसे इस बात का एहसास हो गया था कि वह गलत संगठन में फंस गई है। इसलिए वह वहां से बाहर निकलना चाहती थी।

Latest Female naxalite murder

दलित युवती की हत्या (Latest Female naxalite murder) क्यों की? जवाब दें नक्सली

एसपी ने कहा कि नक्सलियो कि हकीकत जनता जान चुकी है। वे अपने आप को दलित और कमजोर वर्ग का हितैषी बताते हैं। लेकिन इस घटना से यह स्पष्ट है कि अपने स्वार्थ के लिए उन्हें एक दलित युवती की हत्या (Female naxalite murder) करने से भी परहेज नहीं है। वे समाज को बताएं कि आखिर उन्होंने दलित महिला राधा की हत्या क्यों की।

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UP ajab gajab: एक ऐसा परिवार जिसमे 2 लोगों को दिन में नहीं दिखता, 2 की रात को चली जाती है आखों को रौशनी

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up ajab gajab

UP ajab gajab बॉलीवुड फिल्म बोल राधा बोल में कदर खान को शाम 6 बजे के बाद कुछ नहीं दिखता था। ठीक ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश में सामने आया है। बलिया जिले के टकरसन गांव में एक परिवार को एक गंभीर और अजीब आंखों की बीमारी का सामना करना पड़ रहा है। इस परिवार के आठ सदस्यों में से छह लोग इस रहस्यमय समस्या से पीड़ित हैं। इनमें से चार लोग दिन के समय दृष्टिहीन हैं, जबकि दो सदस्य शाम के समय और रात में भी देखने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं। इस बीमारी का इलाज ढूंढने के लिए परिवार ने कई अस्पतालों का दौरा किया है, लेकिन कोई राहत नहीं मिली है।

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UP ajab gajab आर्थिक हालत बहुत खराब

आपको बता दें कि इस घर के मुखिया राम प्रवेश पासी है जिनके छह बेटे हैं। हरि पासी, रामू, भानु, जयराम, सुनील और राज।वहीं राम प्रवेश के बेटों में से हरि पासी, रामू, भानू और जयराम को दिन के समय द्दष्टिहीनता की समस्या है। सुनीता देवी जो परिवार की सदस्य हैं और दिव्यांग भी हैं, इनको दिन में नहीं देख पाती। दूसरी और सुनील और राज को शाम ढलने के बाद और रात में देखने में कठिनाई होती है। 

परिवार की आर्थिक हालत बहुत खराब है। उनके पास स्थायी घर नहीं है और वे मिट्टी के घर में रह रहे हैं। उनके पास राशन कार्ड नहीं है और सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल रहा है।

बी.डी.ओ. सूर्य प्रकाश ने कहा कि इस परिवार के बारे में उन्हें पहले जानकारी नहीं थी। किसी ने भी इस मुद्दे पर शिकायत नहीं की थी। अब उन्होंने पंचायत सचिव को पीड़ित परिवार से जानकारी जुटाने का निर्देश दिया है। यदि परिवार को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है, तो उन्हें सहायता प्रदान की जाएगी।

क्या कहते है डॉक्टर

डॉ. ग्रोवर के अनुसार, यह आंखों की बीमारी निक्टालोपिया या रतौंधी के रूप में जानी जाती है, जिससे रात में देखने में कठिनाई हो सकती है। दिन के समय देखने में कठिनाई ग्लूकोमा या ऑप्टिक नर्व की समस्याओं से संबंधित हो सकती है।उन्होंने बताया कि एक ही परिवार के कई सदस्यों को इस समस्या का सामना क्यों करना पड़ रहा है, यह अभी स्पष्ट नहीं है। यह आनुवांशिक या ऑटोइम्यून समस्या हो सकती है, और इस पर और अधिक शोध की आवश्यकता है। बलिया के इस परिवार की आंखों की बीमारी एक रहस्यमय स्थिति है, और अभी तक इसका कोई ठोस इलाज उपलब्ध नहीं है। इस परिवार को सरकारी सहायता और चिकित्सा विशेषज्ञों की अधिक मदद की आवश्यकता है ताकि उन्हें राहत मिल सके और उनकी समस्याओं का समाधान किया जा सके।

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पीड़ित परिवार ने जिला अस्पताल और कई प्रमुख नेत्र अस्पतालों में इलाज के लिए अपील की है, लेकिन कहीं भी उन्हें राहत नहीं मिली।परिवार के मुखिया, राम प्रवेश पासी, ने कहा कि उनके परिवार के सदस्य बचपन से ही आंखों की समस्याओं का सामना कर रहे हैं, और उम्र बढ़ने के साथ समस्या और बढ़ गई है।

Salman khan बनाएंगे शोले का रीमेक, जानिए गब्बर का रोल कौन करेगा, कौन होगा जय और वीरू

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salman khan

Salman khan : बॉलीवुड के दबंग सलमान खान ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपने दिल की बात कही कि वह 1975 की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘शोले’ का रिमेक बनाना चाहते हैं। इस फिल्म का निर्देशन रमेश सिप्पी ने किया था और इसे सलीम-जावेद की जोड़ी ने लिखा था। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, संजीव कुमार, अमजद खान, जया बच्चन और हेमा मालिनी जैसे सितारे अहम भूमिकाओं में नजर आए थे।

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फराह खान के शो में खास बातचीत में सलमान ने कहा कि अगर वह ‘शोले’ का रिमेक बनाएंगे तो वह अमिताभ बच्चन के जय और धर्मेंद्र के वीरू, दोनों ही किरदार निभाना चाहेंगे। फराह ने उनसे पूछा, अगर आपको सलीम-जावेद की कोई फिल्म फिर से बनानी हो, तो कौन सी बनाएंगे?” सलमान ने झट से जवाब दिया, मैं ‘शोले’ और ‘दीवार’ बनाऊंगा।  इस पर फराह ने पूछा, आप जय होंगे या वीरू? इस सवाल पर सलमान ने मुस्कुराते हुए कहा, दोनों, मैं दोनों का रोल कर सकता हूं. गब्बर भी।

Salman khan चाहते हैं ये किरदार करना

शोले के शूटिंग के समय की एक दिलचस्प बात सलमान के पिता, सलीम खान ने साझा किया।  उन्होंने बताया कि फिल्म के हर मेल एक्टर ने गब्बर का रोल करने की इच्छा जताई थी। शुरुआत में यह किरदार डैनी डेंजोंगपा निभाने वाले थे, लेकिन बाद में यह रोल अमजद खान को दे दिया गया। सलीम खान ने कहा, फिल्म के सारे स्टार्स खुद रमेश सिप्पी के पास गए थे और कहा था, मैं यह रोल करूंगा। जावेद अख्तर ने भी कहा, संजीव कुमार और अमिताभ, दोनों ने यह रोल निभाने की इच्छा जताई थी। अमिताभ ने कहा था कि ‘आप ये रोल मुझे दे दीजिए। हालांकि, धर्मेंद्र अपने वीरू के रोल से खुश थे।

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Sholay इस दिन हुई थी रिलीज

शोले 15 अगस्त 1975 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी और इसे भारतीय सिनेमा की सबसे महान और इंपैक्टफुल फिल्मों में से एक माना जाता है। यह फिल्म आज भी दर्शकों के दिलों में बसती है और इसकी कहानी, डायलॉग्स और किरदार सबको याद रहते हैं।

Ram lalla Darshan के लिए छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं का जत्था रवाना, सांसद ने दिखाई हरी झंडी

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Ram lalla Darshan

Ram lalla Darshan: राज्य सरकार की रामलला दर्शन योजना के तहत राम भक्तों का जत्था लगातार अयोध्या धाम पहुंच रहा है। गुरुवार को दुर्ग और बस्तर संभाग के 822 श्रद्धालुओं को दुर्ग स्टेशन से रामलला दर्शन अयोध्या धाम की यात्रा के लिए रवाना किया गया। कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी के मार्गदर्शन में समाज कल्याण विभाग के उप संचालक अमित परिहार के द्वारा श्रद्धालुओं को यात्रा में सुविधा के लिए  आवश्यक व्यवस्थाएं की गई।

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रामलला दर्शन के बाद तीर्थयात्रियों का दल 25 अगस्त को मध्य रात्रि स्पेशल ट्रेन से ही दुर्ग वापस पहुंचेगा। तीर्थ यात्रा में दुर्ग जिले के 180 श्रद्धालु शामिल है। सांसद विजय बघेल, विधायक दुर्ग शहर गजेन्द्र यादव और कमिश्नर सत्यनारायण राठौर ने दुर्ग रेल्वे स्टेशन से दोपहर एक बजे ट्रेन को हरी झण्डी दिखाकर अयोध्या धाम के लिए रवाना किया। राम भक्तों को फूल माला पहनाकर दुर्ग स्टेशन से रवाना किया गया।

Ram lalla Darshan सभी व्यवस्थाएं करेगी सरकार

श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान भोजन, अयोध्या में रूकने और अन्य सभी प्रकार से बेहतर व्यवस्था की गई है। ताकि सभी श्रद्धालुगण खुशी-खुशी दर्शन कर सके। सभी तीर्थ यात्रियों ने श्री रामलला दर्शन योजना की प्रशंसा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में हर वर्ग के लोगों को इसका लाभ मिल रहा है।

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दुर्ग जिले के रिसाली सेक्टर में रहने वाली ललिता देवी ने कहा कि वह पहली बार रामलला के दर्शन को जा रही हैं। यह उनके लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का धन्यवाद कर श्री रामलला दर्शन योजना के लिए उनकी सराहना की। इसी प्रकार बोरसी निवासी घनश्याम दास साहू ने भी अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि योजना के माध्यम से श्री रामलला दर्शन की यात्रा के दौरान प्रदेश के अलग-अलग स्थानों से आए हुए श्रद्धालुओं को एक साथ एक ही ट्रेन से सफर कर रहे है। इससे उन्हे भी नए-नए लोगों से मिलने का अवसर मिला है। जो कि सामाजिक दृष्टिकोण से समाजिक एकता के लिए एक अच्छी पहल है।

Kolkata rape and murder case: रेप पीड़िता का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल, जानिए पहचान उजागर करने पर क्या है सजा का प्रावधान

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Gang rape with girl

Kolkata rape and murder case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर से हुई दरिंदगी को लेकर पूरे देश में रोष का माहौल है। इंसाफ के लिए लोग सड़क पर उतर आए हैं। वहीं इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया है। बीते दिन कोर्ट में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता की तस्वीर सोशल मीडिया पर उजागर करने पर फटकार लगाई है। कोर्ट ने सभी फोटोज और वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाने का आदेश दिया है। आइए जानते हैं कि अगर कोई व्यक्ति रेप पीड़िता की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर करता है तो उसे क्या सजा मिल सकती है? इसको लेकर हमने एक्सपर्ट से बात की, इस बारे में बिलासपुर हाई कोर्ट के वकील आजाद खान ने जानिए क्या कहा…!

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Kolkata rape and murder case मिलेगी इतने साल की सजा

एक्सपर्ट बताते हैं की यौन उत्पीड़न पीड़िता की पहचान उजागर करना एक क्रिमिनल ऑफेंस है। किसी रेप पीड़िता की तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट करना किशोर न्याय कानून 2015 के प्रावधान का उल्लंघन है। भारतीय न्याय संहिता 2023 जिसने भारतीय दंड संहिता की जगह ली है, ऐसे खुलासे को आपराधिक कृत्य घोषित करती है। ऐसा करने वालों को जुर्माना और 2 साल तक की कैद हो सकती है।

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क्या कहती है न्याय संहिता

भारतीय न्याय संहिता का सेक्शन 72 के मुताबिक पीड़िता की मौत की स्थिति में तभी उसकी पहचान उजागर की जा सकती है जब ऐसा करना बेहद जरूरी लगे। इस बारे में फैसला लेने का अधिकार भी सेशन जज के स्तर या उससे आगे के स्तर के अधिकारियों को ही है। वहीं अगर रेप पीड़िता वयस्क है और खुद अपनी इच्छा से बिना किसी दबाव अपनी पहचान जाहिर करने का फैसला लेता है तो इस बारे में किसी को कोई एतराज नहीं हो सकता है, लेकिन ऐसा करने का हक सिर्फ उसका ही होगा।

क्यों छिपी रहनी चाहिए पहचान

पहचान उजागर न करने के पीछे की वजह यह है कि कई बार पीड़िता के नाम का खुलासा होने के बाद उसके परिवार को परेशानियां झेलनी पड़ती है। समाज में ऐसे लोगों को नीचे नजर से देखा जाता है और यही वजह है कि पीड़िता सामान्य जिंदगी में लौट नहीं पाती है। इन्हीं तकलीफों से बचने के लिए अदालत पीड़िता की पहचान गुप्त रखने की बात करती रही है।

Mamta Banerjee : प्रधानमंत्री जी, हर दिन भारत में होते है 90 रेप, क्यों नहीं बनाते विशेष कानून

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Mamta Banerjee

Mamta Banerjee कोलकाता रेप केस को लेकर विरोध का सामना कर रहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उनके चीफ एडवाइजर अलापन बंद्योपाध्याय ने गुरुवार को यह जानकारी दी। इस पत्र के जरिए ममता बनर्जी ने पीएम नरेंद्र मोदी से कहा, मैं आपके ध्यान में लाना चाहती हूं कि पूरे देश में रेप की घटनाएं नियमित रूप से बढ़ रही हैं। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार कई मामलों में रेप के साथ हत्या भी की जाती है। यह देखना भयावह है कि देशभर में हर रोज करीब 90 रेप केस होते हैं।

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Mamta Banerjee ने पत्र में क्या लिखा

अपने पत्र में ममता बनर्जी ने आगे कहा कि इससे देश और समाज का आत्मविश्वास और विवेक हिल जाता है। हम सभी कि ड्यूटी है कि हम इसे खत्म करें ताकि महिलाएं सुरक्षित महसूस कर सकें। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे गंभीर और संवेदनशील मुद्दे को कठोर कानून के जरिए से व्यापक तरीके से डील करने की जरूरत है, जिसमें ऐसे जघन्य अपराधों में शामिल लोगों को कठोर सजा मिल सके।

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उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में जल्दी न्याय सुनिश्चित करने के लिए तेज ट्रायल वाले फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट की स्थापना पर भी प्रस्तावित कानून में विचार किया जाना चाहिए। ममता बनर्जी ने कहा कि ऐसे मामलों में ट्रायल 15 दिनों के अंदर पूरा होना चाहिए।

Heavy rain in Ambikapur: अंबिकापुर में एक ही दिन में गिरा 5 इंच पानी, आज भी भारी बारिश होने की संभावना

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Heavy rain in Ambikapur


Heavy rain in Ambikapur: अंबिकापुर . छत्तीसगढ़ में मानसून की सक्रियता एक बार फिर बढ़ गई है। प्रदेश के लगभग सभी जिलों में बारिश का दौर शुरू हो गया है। गुरुवार को प्रदेश में सबसे ज्यादा बारिश अंबिकापुर में 117.5 मिलीमीटर यानी करीब 5 इंच बारिश रिकॉर्ड की गई। वहीं रायपुर में भी 39.6 मिमी बारिश दर्ज की गई।

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बिलासपुर में 39.9 मिमी बारिश हुई। राजनांदगांव में बारिश का आंकड़ा 26.2 मिमी. रहा। इसके अलावा दुर्ग और जगदलपुर को छोडक़र प्रदेशभर में दिन का तापमान 30 डिग्री के नीचे रिकॉर्ड हुआ। वहीं दुर्ग का न्यूनतम तापमान प्रदेश में अभी सबसे कम है। इधर, दुर्ग जिले में भी बुधवार की रात 4.6 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। इससे तापमान में थोड़ी गिरावट आई है। उमस का स्तर कम हुआ है।

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आज भी रहेगा अलर्ट

गुरुवार सुबह भी काले बादलों ने ढेरा डाला। मौसम खुशनुमा हो गया। कुछ देर तक हल्की बूंदाबांदी होती रही। मौसम की करवट को देखकर अच्छी बारिश का अंदाजा लगाया गया, लेकिन दोपहर तक बादल छट गए और आसमान साफ हो गया। अभी दुर्ग जिले में दिन का पारा औसत से 0.6 डिग्री की बढ़ोतरी पर 31.2 डिग्री दर्ज किया गया है। यह आंकड़ा मंगलवार और बुधवार तक 33.3 डिग्री था। यानी अधिकत तापमान में हल्की बूंदबांदी और बारिश से दो डिग्री की कमी आई है। वहीं न्यूनतम तापमान भी गिरते क्रम में है। रात का पारा अभी सामान्य से 1.9 डिग्री की गिरावट के बाद 22.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है। मौसम विभाग ने कहा है कि बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम से प्रदेश में बारिश की गतिविधियां बढ़ेगी। 23 अगस्त से दुर्ग सहित सभी संभागों में भारी बारिश की संभावना है।

Aatmanand school case : कक्षा में बैठे थे बच्चे तभी दीवारों में दौड़ पड़ा करंट, मची अफरा तफरी

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Aatmanand school case

Aatmanand school case दुर्ग . आत्मानंद स्कूल तितुरडीह में गुरुवार को दीवार में आए करंट की वजह से सनसनी फैल गई। दरअसल, एक कक्षा में लगे पंखे में शार्ट सर्किट से उससे लगे दीवार में करंट दौड़ गया। एक-दो लोगों ने जैसे ही दीवार को छूआ उनको जोरदार करंट लगा। यह दीवार सीपेज की वजह से भीगी हुई थी। इससे करंट फैल गया। इसके बाद पूरे स्कूल में हल्ला मच गया और फिर सभी कक्षा के बच्चों को बाहर निकाल दिया गया। मामले की सूचना जिला शिक्षा विभाग को दी गई। इसके बाद पीडब्ल्यूडी और विद्युत कंपनी को बुलाया गया। कर्मियों ने पंखे के तारों को दुरुस्त कर दिया और हालात सामान्य हो गए। हालांकि अब भी बच्चों के पालकों में डर का माहौल है। लोग अपने बच्चों की सुरक्षा के बारे में चिंतित बने हुए हैं। यह स्कूल का पुराना भवन है, जिसकी दीवारों में सीपेज की समस्या आ रही है।

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Aatmanand school case क्यों बने हालात

हाल ही में हुई बारिश की वजह से छत का पानी दीवारों पर उतरने लगा। इससे पंखे की वायर छत से चिपक गई जिससे दीवार में करंट दौड़ गया। बुधवार को हुई इस घटना के बाद गुरुवार को स्कूल में बच्चों की संख्या में कमी आई। पालकों ने स्कूल प्रबंधन को इस समस्या को दोबारा ठीक तरह से आग्रह किया है।

सभी स्कूलों में व्यवस्था सुधारने के निर्देश

यह मामला आने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी स्कूलों में वायरिंग को दुरुस्त कराने के निर्देश दिए। इसके लिए सभी स्कूलों के प्राचार्यो से कहा गया कि बारिश के दिन चल रहे हैं, ऐसे में पंखों और स्विच बोर्ड को मैकेनिक बुलाकर अपने स्तर पर ठीक कराया जाए। इसके अलावा ऐसे स्कूल, जिनकी मरम्मत की दरकार है और वहां कक्षाएं लगाई जा रही है, उनमें भी सतर्कता बरतने को कहा गया है। बहरहाल, आत्मानंद स्कूल में 150 बच्चों की क्षमता है। वहीं जिस समय यह घटना हुई, उस कक्षा में करीब 40 बच्चे उपस्थिति थे। फिलहाल, सभी बच्चे सुरक्षित बताए गए हैं। कोई भी दुर्घटना नहीं हुई है।

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इस घटना से पालक घबराए हुए हैं, लेकिन बिजली के उपकरण और स्विच बोर्ड आदि को ठीक करा लिया गया है। सीपेज की वजह से दीवार में करंट आया था। अभी परेशान होने की कोई बात नहीं है। पालकों अपने बच्चों को नियमित स्कूल भेजें।अरविंद मिश्रा, डीईओ दुर्ग

CSVTU, DU vice chancellor: 40 दिनों में खत्म होगा दो कुलपतियों का कार्यकाल, नया तलाशने की मुहिम तेज, रायपुर के प्रोफेसर भी दौड़ में शामिल

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SPORTS NEWS


CSVTU, DU vice chancellor: भिलाई . छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एमके वर्मा का कार्यकाल सितंबर में समाप्त हो जाएगा। इसी दौरान हेमचंद विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. अरुणा पल्टा भी अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगी। हेमचंद विश्वविद्यालय ने नया कुलपति खोजने कार्यपरिषद की सहमति से कुलपति चयन समिति का एक नाम भेज दिया है। वहीं सीएसवीटीयू की तरफ से फिलहाल यह प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है।

Durg university

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इनको मिल सकती है जिम्मेदारी

बताया जा रहा है कि अभी तक राजभवन स्तर पर कुलपति चयन करने कोई समिति नहीं बनी है। वहीं नए कुलपति के लिए आवेदन भी नहीं मंगवाए गए हैं। लिहाजा, संभावना बन रही है कि सितंबर में दोनों कुलपति का कार्यकाल CSVTU, DU vice chancellor समाप्त होने के बाद यह जिम्मेदारी नए कुलपति की निुयक्ति तक संभागायुक्त या फिर विश्वविद्यालयों के मोस्ट सीनियर प्रोफेसर या डीन को मिल सकती है। इस साल राजभवन को प्रदेश के चार विश्वविद्यालयों के कुलपति चयन करना है। इधर, हेमचंद विश्वविद्यालय का कुलपति बनने पं. रविशंकर विश्वविद्यालय के कई सीनियर प्रोफेसर दौड़ में है। वहीं भिलाई के कॉलेजों के प्रोफेयर प्राचार्य फिलहाल अपने वेतनमान एवं अन्य कारणों से कुलपति की रेस में शामिल नहीं हो पाएंगे। चुनिंदा को ही मौका मिल पाएगा।

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क्या अध्यादेश में फिर किया संशोधन?

प्रदेश के तमाम विश्वविद्यालयों में कुलपति को अधिकतम २ बार पद सौंपा जाता है। यह सीमा दो अटेंप्ट में १० वर्ष के लिए हो सकती है। सीएसवीटीयू के कुलपति ने इस हिसाब से दो बार कुलपति बन चुके हैं। अब चर्चा है कि सीएसवीटीयू प्रशासन ने विश्वविद्यालय CSVTU, DU vice chancellor के अध्यादेश में संशोधन कर लिया है। इसमें कुलपति को तीसरी बार भी मौका दिया जा सकता है। यानी कुलपति दो बार पद पर रहने के बाद भी यदि चयन समिति की कसौटी पर खरे उतरते हैं तो उनको तीसरी बार भी कुलपति बनाया जा सकता है। बहरहाल, प्रदेश के किसी अन्य विश्वविद्यालय में यह व्यवस्था नहीं है।

कुलपति का कार्यकाल सितंबर में समाप्त हो रहा है। शासन से निर्देश मिलते ही विश्वविद्यालय एक सदस्य का नाम भेजने की प्रक्रिया कराएगा।अंकित अरोरा, रजिस्ट्रार, सीएसवीटीयू